Last Updated:July 15, 2025, 13:02 IST
Spacecraft Splashdown: भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को लेकर लौट रहा स्पेसएक्स ड्रैगन यान आज प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन करेगा. नासा और अन्य एजेंसियां इसे क्यों सुरक्षित मानती हैं आइए करते हैं इसकी...और पढ़ें

नासा के अंतरिक्ष यात्री 9 महीने के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन प्रवास के बाद पृथ्वी पर समुद्र में इस तरह लौटे.
हाइलाइट्स
स्पेसएक्स ड्रैगन यान आज प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन करेगास्प्लैशडाउन से अंतरिक्ष यात्रियों और यान को कम नुकसान होता हैपानी में स्प्लैशडाउन से सुरक्षित लैंडिंग होती हैSpacecraft Splashdown: भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर गया स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान ‘ग्रेस’ अब वापस लौट रहा है. ये यान 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम 4.35 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के हार्मनी मॉड्यूल से अनडॉक हो गया. ड्रैगन अंतरिक्ष यान ‘ग्रेस’ आज यानी मंगलवार को दक्षिणी कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन करेगा. समंदर में ‘ग्रेस’ की लैंडिंग के बाद तुरंत रिकवरी टीम का जहाज पहुंचेगा. चालक दल की हेल्थ मॉनिटरिंग के बाद उनको ह्यूस्टन भेजा जाएगा. स्पेस से लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को लगभग 10 दिन के लिए पृथ्वी पर क्वारंटीन और रीहेब में रखा जाता है.
स्प्लैशडाउन भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे होने की उम्मीद है. विज्ञान की भाषा में स्प्लैशडाउन का मतलब पानी में लैंडिंग से है. लेकिन हर किसी के मन में यह सवाल है कि आखिर अंतरिक्ष यात्रियों का विमान पानी में क्यों उतारा जाता है, धरती पर क्यों नहीं. दरअसल, स्पेसक्राफ्ट यानी अंतरिक्ष विमान पानी या समुद्र में उतारने के पीछे लॉजिक होता है जिसे अहम माना जाता है. आइए, यहां जानते हैं स्पेसक्राफ्ट पानी में उतारने यानी स्प्लैशडाउन क्या होता है और इसे क्यों नासा ने चुना.
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क्या होता है स्प्लैशडाउन
अंतरिक्ष यानी स्पेस से जब कोई विमान आता है, तो उसे पैराशूट की मदद से पानी में लैंड कराया जाता है. इसी प्रक्रिया को स्प्लैशडाउन कहा जाता है. अब स्प्लैशडाउन क्यों किया जाता है, यह समझते हैं. दरअसल, जब स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो उसकी स्पीड हजारों किमी प्रति घंटा होती है. हाई स्पीड की वजह से फ्रिक्शन से अत्यधिक गर्मी पैदा होती है, जिससे स्पेसक्राफ्ट को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में स्पेसक्रॉफ्ट को स्पेशल हीट शील्ड से सुरक्षित किया जाता है. वायुमंडल में प्रवेश के बाद स्पेसक्राफ्ट की स्पीड को कम करने के लिए पैराशूट का इस्तेमाल किया जाता है. जब कोई अंतरिक्ष कैप्सूल किसी समंदर में गिरता है, तब तक वह लगभग 15 से 20 मील प्रति घंटे की अपेक्षाकृत धीमी गति से यात्रा कर रहा होता है. गति को धीमा करने के लिए नासा एरोब्रेकिंग नामक एक तकनीक का उपयोग करता है.
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स्प्लैशडाउन के क्या हैं फायदे
स्पेसक्राफ्ट पानी में उतरने के पीछे साइंस और लॉजिक दोनों हैं. स्पेसक्राफ्ट पानी में इसलिए उतारा जाता है क्योंकि, पानी एक नेचुरल कुशन का काम करता है. जी हां, स्पेसक्राफ्ट जब पानी में उतरता है तो उसे जमीन की तुलना में कम झटका लगता है. इससे अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष यान दोनों को कम नुकसान होता है. पानी में उतरने से अंतरिक्ष यान और उसके उपकरणों को भी कम नुकसान होता है. यही वजह है कि नासा, स्पेस एक्स और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां पानी या समुद्र में स्प्लैशडाउन कराती हैं. जाहिर है, अगर आप समुद्र में उतर रहे हैं और पाते हैं कि आपका अनुमान कुछ मील गलत है तो चिंता की कोई बात नहीं है, वहां काफी गुंजाइश है. पानी में स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग का सबसे बड़ा यह फायदा है कि उसकी सतह सामान्य और सुरक्षित होती है. वहीं जमीन पर पहाड़, ढलान या उबड़-खाबड़ होने की वजह से दुर्घटना हो सकती है.
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नुकसान भी हैं स्प्लैशडाउन के
ऐसा नहीं है कि स्प्लैशडाउन के नुकसान नहीं हैं. कुछ एक्सपर्ट्स मानना है कि जमीन पर लैंडिंग ज्यादा सुरक्षित हो सकती है. अगर जमीन उबड़ खाबड़ भी है तो पैराशूट की मदद से सुरक्षित लैंडिंग करायी जा सकती है. वहीं, पानी में गड़बड़ी होने पर बाहर निकलने में मुश्किल हो सकती है. दूसरी ओर खाली और खुले समुद्र की अपनी समस्याएं होती हैं. एक समय तो स्प्लैशडाउन के बाद कैप्सूलों का पता लगाने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कई नौसेना जहाजों के एकजुट प्रयासों की जरूरत पड़ी थी, इस पर लाखों डॉलर का खर्च होता है. उदाहरण के लिए़ 1962 में ऑरोरा 7 निर्धारित लैंडिंग क्षेत्र से 250 मील आगे निकल गया. अंतरिक्ष यात्री स्कॉट कारपेंटर तीन घंटे तक लाइफ राफ्ट में इंतजार करते रहे. यहां तक कि जब लैंडिंग स्थान सही हो जाता है, तब भी अन्य चीजें गलत हो सकती हैं. हालांकि स्प्लैशडाउन का सबसे खतरनाक पहलू डूबने की आशंका है. 1961 में लिबर्टी बेल 7 का हैच रहस्यमय तरीके से समय से पहले ही फट गया था और अंतरिक्ष यात्री गस ग्रिसोम के डूबने की वजह बन गया था.
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स्पेसएक्स ने की आधुनिक युग की शुरुआत
स्प्लैशडाउन के आधुनिक युग की शुरुआत स्पेसएक्स द्वारा की गई थी. 2 अगस्त, 2020 को नासा के दो पायलट स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से पृथ्वी पर वापस लौटे और फ्लोरिडा के पेंसाकोला तट से लगभग 40 मील दूर उतरे. 45 साल पहले अपोलो-सोयुज परीक्षण परियोजना के बाद से यह नासा के अंतरिक्ष यात्रियों का पहला स्प्लैशडाउन था. यह मेक्सिको की खाड़ी में किसी चालक दल वाले अंतरिक्ष यान का पहला स्प्लैशडाउन भी था. 2022 के अंत में आर्टेमिस उड़ान परीक्षण का समापन मानवरहित ओरियन का स्प्लैशडाउन भी एक बड़ी सफलता थी.
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New Delhi,Delhi