Last Updated:July 15, 2025, 17:29 IST
TEJAS PROGRAM: भारत में ही बनाया गया है यह आधुनिक 4+ जेनेरेशन का फाइटर एयरक्राफ्ट है. साल 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस मार्क 1A का ऑर्डर दिया था जिससे कुल 4 स्क्वाड्रन बनेंगे तो 5 अतिरिक्त स्क्वाड्रन के ल...और पढ़ें

तेजस के लिए इंजन मिलने की रफ्तार बढ़ी
हाइलाइट्स
HAL को तेजस Mk 1A के लिए दूसरा इंजन मिला.तेजस Mk 1A के लिए कुल 12 इंजन मिलेंगे इस साल.तेजस Mk-2 पर काम तेजी से जारी है.TEJAS PROGRAM: भारत का फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोग्राम अभी तक धीमी गति से चल रहा था, लेकिन अब इसमें तेजी आ रही है. तेजस मार्क 1A के लिए HAL को दूसरा इंजन भी मिल चुका है. HAL पिछले दो साल से इंजन के इंतजार में था. जनरल इलेक्ट्रिक ने इसी साल से इंजन की डिलीवरी शुरू कर दी है. पहला इंजन मार्च में डिलीवर किया गया था और दूसरा जुलाई में. भारत के तेजस मार्क 1A प्रोग्राम के लिए इंजन की डील अमेरिकी इंजन निर्माता कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ साल 2021 में की गई थी. इस डील के तहत कुल 99 F404 इंजन की सप्लाई भारत को होनी है. कंपनी की तरफ से इंजन की डिलीवरी शुरू ना होने के चलते यह प्रोग्राम फंसा हुआ था. फाइटर ना मिल पाने के चलते भारतीय वायुसेना प्रमुख ने भी नाराजगी जताई थी.
देरी की वजह
जनरल इलेक्ट्रिक ने पहले इंजन की डिलीवरी के दौरान एक बयान जारी किया था. इस बयान में कहा गया था कि ‘हम HAL को LCA तेजस के लिए 99 F404-IN20 इंजनों में से पहला इंजन डिलीवर करने के लिए उत्साहित थे. साल 2004 में F404-IN20 को तेजस के लिए चुना गया. 2016 तक भारत को सभी 65 इंजन डिलीवर किए जा चुके थे. दूसरा ऑर्डर ना होने के चलते प्रोडक्शन लाइन को बंद कर दिया गया था. लेकिन साल 2021 में HAL की तरफ से 99 इंजन का ऑर्डर आया तो प्रोडक्शन लाइन को फिर से शुरू किया गया. एयरो इंडिया 2025 में HAL के CMD ने साफ किया था कि इस कैलेंडर ईयर में 12 और इंजन मिल जाएंगे. साल 2031 तक 83 तेजस मार्क 1A मिल जाने का दावा किया है. इसी साल से ही भारतीय वायुसेना के LCA MK-1A की डिलीवरी शुरू हो जाएगी. उससे पहले सभी हथियारों से लैस किए जाने का कार्य किया जा रहा है. डिलीवरी से पहले स्वदेशी हथियारों से उसे लैस किया जाएगा. इसके लिए अगले महीने अगस्त में तेजस मार्क 1A से BVRAAM अस्त्र मार्क 1 का पहला टेस्ट फायरिंग किया जा सकता है.
PMO कर रहा है मॉनिटर
भारतीय वायुसेना की घटती स्क्वाड्रन को लेकर चिंता थी, स्वदेशी तेजस के जरिए इस कमी को पूरा किया जाएगा. खुद प्रधानमंत्री कार्यालय तेजस सहित सभी स्वदेशी प्रोजेक्ट को मॉनिटर कर रहा है. इस कड़ी में पिछले हफ्ते खुद पीएमओ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉक्टर पी के मिश्रा ने बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की फैसिलिटी का दौरा किया था. इस दौरे में LCA तेजस कार्यक्रम की समीक्षा की. इस मौके पर CMD HAL डॉक्टर डी के सुनील और HAL बोर्ड मेंबर भी मौजूद थे. HAL की तरफ से जारी बयान में जानकारी दी गई थी कि डॉ मिश्रा ने बेंगलुरु में LCA तेजस असेंबली हैंगर और मार्क-2 वर्जन हैंगर का दौरा किया. HAL ने पीएमओ के सबसे सीनियर अधिकारी के सामने LCA मार्क-1A वर्जन के 6 फाइटर जेट और LCA मार्क-1 के दो ट्रेनर विमानों को शोकेस किया. इस विजिट के दौरान प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ मिश्रा ने अमेरिका से मिले F404-IN20 इंजन को भी देखा.
तेजस मार्क 2 के इंजन पर काम तेज
LCA Mk-2 जो तेजस मार्क 1 का एडवांस वर्जन है, उस पर काम बड़ी तेजी से चल रहा है. HAL ने पहले ही साफ किया है कि साल 2026 में पहला मार्क 2 अपनी पहली उड़ान के लिए तैयार होगा. मार्क 2 के लिए भारत ने अमेरिका की GE कंपनी से ही करार किया है. HAL ने LCA Mk-2 के इंजन को लेकर जानकारी साझा की थी जिसमें कहा गया था कि GE-414 इंजन को लेकर बड़ी तेजी से कदम बढ़ाया जा रहा है. फिलहाल दो चरण में काम जारी है. पहला ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (TOT) पर अभी बात चल रही है. पहले यह 58 फीसदी था जिसे बढ़ाकर 80 फीसदी करने पर चर्चा जारी है. इस चरण के खत्म होने के बाद फिर उसकी कीमत पर चर्चा होगी.
तेजस से होगी फाइटर की कमी पूरी
तेजस के तीन वेरिएंट हैं – पहला है तेजस मार्क-1, तेजस मार्क 1A और तेजस ट्रेनर एयरक्राफ्ट. चौथे वेरिएंट यानी तेजस मार्क-2 जो कि सबसे एडवांस्ड वर्जन है, उस पर काम जारी है. मौजूदा फाइटर स्क्वॉड्रन की कमी को पूरा करने के लिए स्वदेशी तेजस पर ही पूरा फोकस है. फिलहाल 40 के करीब एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गए हैं. दो स्क्वॉड्रन अब तक स्थापित किए जा चुके हैं. स्वदेशी निर्मित 83 तेजस Mk-1A के लिए HAL से करार हो गया है. इंजन की उपलब्धता ना होने के चलते अभी 83 विमानों में से एक भी डिलीवरी शुरू नहीं हुई है. 97 अतिरिक्त तेजस Mk-1A की खरीद को रक्षा खरीद परिषद की तरफ से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. इसके अलावा तेजस Mk-2 पर काम तेजी से जारी है. लगभग 120 एयरक्राफ्ट लिए जाने हैं.