Last Updated:April 04, 2025, 17:22 IST
भगवान शिव के धनुष "पिनाक" के नाम पर रखा गया. इस रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम DRDO ने विकसित किया है. ये 44 सेकंड में 72 रॉकेट दाग सकती है. इसे दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों पर कम समय में भारी तबाही करने के लिए बनाया गय...और पढ़ें

पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) एक शक्तिशाली रॉकेट आर्टिलरी है. इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों पर कम समय में भारी तबाही मचाना है. यह एक साथ कई रॉकेट दागकर बड़े इलाके में दुश्मन के ठिकानों, एयर डिफेन्स इंस्टालेशन, सप्लाई रास्तों, बैरकों, आगे बढ़ती इन्फेंट्री, आर्मर कॉलम पर बम वर्षा करती है, जिससे युद्ध के दौरान दुशमन पर तेज़ और प्रभावी हमला कर के आर्मी और वायुसेना के लिए सुरक्षित रास्ता तैयार हो सके.
इसके गाइडेड रॉकेट खास लक्ष्यों पर सटीक हमला करके गैरजरूरी नुकसान को भी कम करते हैं. भगवान शिव के धनुष “पिनाक” के नाम पर रखा गया, पिनाका सभी मौसमों में काम करने वाला आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम DRDO ने विकसित किया है. प्रत्येक लॉन्चर में 12 बैरल होते हैं, और 6 लॉन्चरों की एक बैटरी होती है, ये बैटरी केवल 44 सेकंड में 72 रॉकेट दाग सकती है, जो 7.2 टन से अधिक का बारूद दुश्मन पर बरसा सकती है.
कारगिल में हुआ बखूबी इस्तेमाल!
कारगिल युद्ध पूर्ण रूप से आर्टिलरी के दम पर जीता गया था, बेहद घातक पिनाका का प्रभावी उपयोग 1999 के कारगिल युद्ध में ऑपरेशन विजय के दौरान किया गया था. इस ऑपरेशन को 210 रॉकेट रेजिमेंट के सैनिकों ने DRDO टीम के साथ मिलकर सफलतापूर्वक अंजाम दिया. भारतीय सेना ने कुल 22 रेजिमेंट और 1.89 लाख रॉकेट्स शामिल करने का निर्णय लिया था, पिनाका की दो रेजिमेंट, 2010 में शामिल की गई थी.
पिनाका की एक बैटरी में:
– 6 लॉन्चर: 72 रॉकेट दागने के लिए
– 6 लोडर-कम-रिप्लेनिशमेंट (LCR) वाहन: लॉन्चर को रीलोड करने के लिए
– 3 रिप्लेनिशमेंट वाहन (RV): रॉकेट सप्लाई के लिए
– 2 बैटरी कमांड पोस्ट (BCP) वाहन: कमांड और नियंत्रण के लिए
– 1 DIGICORA MET रडार: मौसम डेटा के लिए
कितने तरह के रॉकेट दागे जा सकते हैं
वर्त्तमान में हमले के लिए मुख्य रूप से तीन तरह के रॉकेट का इस्तेमाल होता है.
रॉकेट | रेंज | वारहेड (वज़न) |
पिनाका Mk-I | रेंज 37.5 km | 100 किग्रा |
पिनाका Mk-II | रेंज 60 km | 100 किग्रा |
गाइडेड पिनाका | 75 किमी तक के लक्ष्यों पर सटीक हमला | 115 किग्रा |
एक्सटेंडेड पिनाका | 120 से 300 किमी तक मार की क्षमता (विकासाधीन) | (विकासाधीन) |
दुनिया हुई पिनाका की फैन
पिनाका रॉकेट आर्टिलरी का मुख्य उपयोग भारतीय थल सेना करती है. भारत के बाद अब आर्मेनिया की सेना भी पिनाका का इस्तेमाल करती है. नवंबर 2024 में भारत ने पिनाका रॉकेट सिस्टम का निर्यात आर्मेनिया को शुरू किया था. आर्मेनिया भारतीय हथियारों के तीन सबसे बड़े खरीदारों में से एक है. आर्मेनिया अब सैन्य मदद के लिए तेजी से भारत की तरफ बढ़ रहा है, वह भारत में बने हथियार खरीद रहा है, जैसे आकाश-1एस एयर डिफेंस सिस्टम। ये सौदा 2020 में हुई 2 अरब डॉलर की रक्षा साझेदारी का हिस्सा है.
वर्त्तमान में फ्रांस भी अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भारत की पिनाका रॉकेट आर्टिलरी प्रणाली में रुचि दिखा रहा है. वह इस प्रणाली को अपनाने से पहले इसका पूरी तरह से परीक्षण और मूल्यांकन करेगा. वहीं स्पेन भी भारत में बनी पिनाका प्रणाली को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है.
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
April 04, 2025, 17:20 IST