बांग्लादेश तो हिन्दुओं के लिए जहन्नुम बन गया है. शेख हसीना के तख्तापलट के बाद वहां अत्याचार शुरू हुए तो हिन्दू एकजुट हो गए. जमकर विरोध किया, इसके बाद भी उनपर अत्याचार के जो आंकड़े आए हैं, वे डराने वाले हैं. केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि इस साल 8 दिसंबर तक बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा के 2200 मामले दर्ज किए गए हैं. यह पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हुए जुल्म से 10 गुना ज्यादा है. लेकिन हिन्दू सबसे सुरक्षित कहां? रिपोर्ट में इसके बारे में भी बताया गया है.
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में अल्पसंख्यक एवं मानवाधिकार संगठनों के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पाकिस्तान में इस साल हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के मामले 112 हैं. वहां भी हिंंसा में बढ़ोत्तरी हुई है. क्योंकि 2022 में पाकिस्तान में सिर्फ 47 और 2023 में 241 मामले सामने आए थे. लेकिन इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश के जो आंकड़े दिए वे डराने वाले हैं.
पिछले साल कितने मामले दर्ज
कीर्तिवर्धन सिंह के अनुसार, शेख हसीना के कार्यकाल में बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हिंंसा के सिर्फ 302 मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन उनके बाद हिन्दुओं पर अत्याचार का रिकॉर्ड टूट गया. वहां 2200 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए है. विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और देवताओं को अपवित्र करने और क्षति पहुंचाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. भारत सरकार ने बांग्लादेश में जगन्नाथ मंदिर में तोड़फोड़, तांतीबाजार, ढाका में एक पूजा मंडप पर हमले और दुर्गा पूजा के दौरान सतखिरा में जेशोरेश्वरी काली मंदिर में चोरी का मुद्दा बांग्लादेश के सामने उठाया था. हमने यूनुस सरकार से हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को कहा है. उन्होंने कहा, भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को उजागर करता है और करता रहेगा.
कहां हिन्दू सबसे सुरक्षित
लेकिन हिन्दू सबसे सुरक्षित कहां, इस सवाल का जवाब भी विदेश राज्यमंत्री ने दिया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर भारत के किसी भी अन्य पड़ोसी राज्यों में हिन्दुओं पर अत्याचार के मामले सामने नहीं आए हैं. रिपोर्ट बताती है कि हमारे पड़ोसी देशों में हिन्दुओं को कितनी सुरक्षा मिली हुई है, क्योंकि वहां हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हिंंसा के मामले ‘शून्य’ हैं. विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि पिछले तीन वर्षों के दौरान हमारे पड़ोसी राज्यों में रह रहे हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कितने अत्याचार हुए हैं और उसे रोकने के लिए सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं. मंत्रालय ने इसी सवाल का जवाब दिया है.
सरकार क्या कर रही
केंद्रीय मंत्री ने ये भी बताया कि सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है. भारत को उम्मीद है कि बांग्लादेश हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा. ढाका गए विदेश सचिव ने भी बांग्लादेश को यह बात साफ-साफ बता दी है. ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
December 20, 2024, 23:46 IST