Last Updated:February 21, 2025, 17:57 IST
AIR DEFENCE GUN: एयर डिफेंस गन की खासियत यह है की इनका रेट ऑफ फायर जबरदस्त होता है. इन्हें उसे मैनुअल, सेमि ऑटोमैटिक और रडार बेस्ड फुल ऑटोमैटिक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. आसानी से किसी भी कम उंचाई पर उड...और पढ़ें

बदली जा रही है पुरानी एंटी एयरक्राफ्ट गन
हाइलाइट्स
भारतीय सेना 220 नई एयर डिफेंस गन खरीदेगी.स्वदेशी कंपनियों से ही एंटी एयरक्राफ्ट गन खरीदी जाएंगी.पुरानी L-70 और Zu-23 गन को स्वदेशी गन से बदला जाएगा.ARMY AIR DEFENCE GUN: 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों ने ग्लाइडर के जरिए हमला कर एयर डिफेंस गन की जरूरत का एहसास करा दिया. ग्लाइडर की मदद से हमले को अंजाम देकर आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम को धता साबित कर दिया. इजराइल की हथियारों की इंवेंटरी में एयर डिफेंस गन या एंटी एयरक्रफ्ट गन की कहीं जिक्र नहीं मिलता. यह हमास को भी ठीक से पता था. वह सफल हो गया. भारत भी अपने दो पड़ोसी देशों की साजिशों पर हमेशा नजर बानाए रखता है. जंग हुई तो ड्रोन का इस्तेमाल होगा. लेहाजा भारतीय सेना ने अपने एयर डिफेस ताकत तो मजबूत करना शुरू कर दिया. सेना ने 220 नई एयर डिफेंस गन की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है.
सेना के मिलेगी एयर डिफेंस गन
90 के दशक के बाद से भारत ने कोई नया एयर डिफेंस या कहें एंटी एयरक्राफ्ट गन की खरीद नहीं की है. मौजूदा जितनी भी गन मौजूद है वह आज की तकनीकी जंग के लेहाज से कारगर नहीं है. जितनी भी पुरानी गन है उसे समय के साथ साथ अपग्रेड जरूर किया है. अब ऐसे एंटी एयरक्राफ्ट की खरीद की जा रही है जो एयरक्राफ्ट और ड्रोन के खिलाफ कारगर हो. सेना के 220 आधुनिक एंटी एयरक्राफ्ट गन की खरीद स्वदेशी कंपनी से करेगी. डीजी एयर डिफेंस लें.जन सुमेर इवान डी’कुन्हा ने कहा कि इसके लिए जुलाई में ट्रायल शुरू होने वाले है. दो स्वदेशी कंपनी अपने अपने एंटी एयरक्राफ्ट गन और स्मार्ट एम्यूनेशन के साथ ट्रायल देगी. न्यूज 18 के सवाल पर लें.जन सुमेर इवान डी’कुन्हा ने यह साफ कर दिया की एंटी एयरक्राफ्ट गन की खरीद सिर्फ स्वदेशी कंपनियों से ली जाएंगी. कोई भी गन विदेशों से नहीं ली जाएंगी. भारतीय सेना अपने पुरानी L-70 और Zu-23 एंटी एयरक्राफ्ट गन को स्वदेशी गन से बदलने की तैयारी में है.
L-70 गन को किया जा चुका है अपग्रेड
1971 की जंग के तुरंत बाद भारत ने स्वीडन से L-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन की खरीद की थी.
इसके रेट ऑफ फायर की बात करें तो यह एक मिनट में 300 राउंड फायर करती है. फायर होने के बाद इसका राउंड तकरीबन 1000 मीटर प्रति सैंकेड की रफ्तार से टार्गेट की तरफ बढ़ता है. इसकी रेंज 3 से 4 किलोमीटर है. हाल ही में इसकी सभी यूनिट को अपग्रेट किया जा चुका है. दिन और रात दोनों समय ऑप्रेट करने के लिए हाई रिजॉल्यूशन सेंसर, कैमरे और रडार सिस्टम से लेस किया गया है. यह पूर्वी लद्दाख, पूर्वोत्तर सहित पाकिस्तान के मोर्चे पर भी तैनात किया गया है. भारतीय सेना के पास L-70 की 36 यूनिट है. हर यूनिट में 20 गन है. कुल मिलाकर 750 से ज्यादा अपग्रेटेड गन फिलहाल मौजूद है.
रूसी Zu-23 का ढूंढा जा रहा रिप्लेसमेंट
80 के दशक की शुरुआत में Zu-23 रूस से ली गई थी. यह एक डबल बैरल गन है. हर बैरल से 1600 से 2000 राउंड प्रति मिनट फायर किए जा सकते हैं. यानी एक गन 4000 राउंड फयर कर सकती है. यह गन मैनुअल इस्तेमाल की जाती है. इसकी रेंज 2 से 2.5 किलोमीटर है. रेट ऑफ फायर घातक होने के चलते यह आने वाले किसी भी संभावित खतरे को छलनी कर देता है. भारतीय सेना के पास इसकी 15 यूनिट है. हर यूनिट में 16 से 32 गन मौजूद है. एक लाइट गन होने के चलते इसे आसानी से है खींच कर उंचे पहाड़ों पर तैनात किया जा सकता है. नई गन के साथ नया एम्यूनेशन की भी खरीद की जाएगी. जो पहले वाले से ज्यादा असरदार हो.
Location :
Delhi Cantonment,New Delhi,Delhi
First Published :
February 21, 2025, 17:57 IST