हिमाचल के ठियोग पेयजल घोटाले में कहां-कहां हुआ खेल? शुरुआत में चला गया पता

3 weeks ago

Last Updated:January 11, 2025, 08:01 IST

Shimla Theog Water Supply Scam: हिमाचल प्रदेश के शिमला के ठियोग में पानी की सप्लाई में घोटाला किया गया था. इस मामले में अब तक केस दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन विजिलेंस जांच की जा रही है.

शिमला के ठियोग पेयजल घोटाले की जांच में कहां-कहां हुआ खेल, चला गया पता

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग में पेयजल सप्लाई में घोटाला हुआ था.

शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग में पेयजल आपूर्ति के मामले में गड़बड़ी की विजलेंस जांच जारी है. विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में गड़बड़ी के सबूत मिले हैं. एक हफ्ते के भीतर विजिलेंस की विशेष जांच टीम सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट सौंपने के बाद सरकार इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश देगी.

विजिलेंस की टीम ने इस मामले में अब तक जल शक्ति विभाग के अधिकारियों समेत करीब 50 लोगों से पूछताछ की है और रिकार्ड को कब्जे में लिया है. शुक्रवार को भी विजिलेंस मुख्यालय में करीब 20 लोगों से पूछताछ हुई. पीने के पानी की आपूर्ति करने वाले 12 टैंकर और 4 पिकअप मालिकों और ड्राइवरों से भी पूछताछ की गई. इतना ही नहीं. जिन लोगों को पानी की आपूर्ति की गई है, उन लाभार्थियों से भी जांच टीम ने पूछताछ की है. आरोप हैं कि आपूर्ति करने वाले टैंकरों के जो नंबर बिल में दर्शाए गए हैं, वो मोटरसाइकिल और छोटी गाड़ियों के हैं.  सूत्रों ने जानकारी दी है कि कुछ बिलों में टैंकरों के नंबरों में केवल 1 डिजिट में ही गड़बड़ी की गई है, यानी किसी गाड़ी का सही नंबर अगर 1234 है तो उसे कागजों में 1235 दर्शाया गया है और इसको भी वैरीफाई किया जा रहा है.

सूत्र बताते हैं कि विजिलेंस जांच में ये भी सामने आया है कि इस तरह की आपूर्ति करने के लिए जल शक्ति विभाग के पास कोई एसओपी नहीं है. इस मामले में फिलहाल विजिलेंस एंगल से जांच हो रही है. जांच दल भौतिक, मौखिक और डिजिटल साक्ष्यों को जुटा रहा है. साथ ही मनी ट्रांजेक्शन को भी खंगाला जा रहा है और सीडीआर के जरिए टैंकरों की लोकेशन का पता लगाया जाएगा. इसके अलावा ये भी जांचा जाएगा कि आपूर्ति के लिए जितने चक्कर टैंकर ने लगाए हैं, क्या उनकी संख्या सही से दर्शाई गई है या नहीं. ये भी पता लगाया जाएगा कि पानी की आपूर्ति के लिए किस सोर्स का इस्तेमाल किया गया है. ठेकेदारों को टैंकरों में पानी सैंज से भरना था.

गौरतलब है कि ठियोग से पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने आरटीआई के आधार पर ली गई सूचना का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि कई जगह पानी की आपूर्ति ही नहीं हुई है और भुगतान कर दिया गया है. पानी की आपूर्ति करने वाले टैंकरों के जो नंबर बिल में दिए गए हैं, वो स्कूटर, होंडा सिटी गाड़ी, ओल्टो और बोलेरो के थे इसमें बागवानी विभाग के निदेशक की गाड़ी का भी नंबर है. अधिकतर नंबर टैंकर के नहीं, बल्कि छोटी गाड़ियों के हैं. इस मामले में जलशक्ति विभाग के एक्सईएन, जेई एसडीओ सहित 10 अधिकारी सस्पेंड किए गए हैं. इस मामले की जांच विजिलेंस के एएसपी नरवीर राठौर के नेतृत्व में चल रही है.

कब की गई थी पानी की सप्लाई

साल 2024 में अप्रैल से लेकर जुलाई के बीच सूखे के चलते ठियोग के कुछ इलाकों में पीने के पानी किल्लत हो गई थी, जिसके चलते पेयजल आपूर्ति टैकरों के जरिए की गई थी और डिजास्टर मैनेजमेंट के बजट से पैसा दिया गया था. जल शक्ति विभाग ने 4 ठेकेदारों को 1.13 करोड़ रुपये की पैमेंट की थी. इस में 17 रुपये प्रति किलोमीटर, प्रति एक हजार लीटर के हिसाब से रेट तय हुआ था.

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