Last Updated:January 11, 2025, 08:48 IST
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में 125 यूनिट फ्री योजना का लाभ अब प्रदेश के सभी लोगों को नहीं मिलेगा. सुक्खू सरकार ने योजना में बदलाव किया है. सीएम ने बिजली विभाग के अफसरों के साथ दोबारा मीटिंग की है.
सोमवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में आला अधिकारियों के साथ हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, ऊर्जा विभाग और अन्य उपक्रमों की समीक्षा बैठक की.
शिमला. हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को 15 फरवरी तक ई-केवाईसी करवानी होगी. अगर केवाईसी नहीं की गई तो एक मीटर पर मिलने वाली 125 यूनिट फ्री बिजली पर सब्सिडी नहीं मिलेगी. प्रदेश में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं से लगातार ई-केवाईसी करवाने की अपील की जा रही है. प्रदेश के कई जिलों में अब तक ये प्रकिया अधूरी है और ईकेवाईसी करवाने के कार्य में तेजी लाने के लिए सीएम ने निर्देश दिए हैं.
सोमवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में आला अधिकारियों के साथ हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, ऊर्जा विभाग और अन्य उपक्रमों की समीक्षा बैठक की. इस बैठक के दौरान यह अवगत करवाया गया कि राज्य विद्युत बोर्ड ने उपभोक्ताओं की केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2025 निर्धारित की है.
इस बैठक के दौरान सीएम ने एक बार फिर से साधन-सम्पन्न विद्युत उपभोक्ताओं से स्वैच्छिक तौर पर सब्सिडी छोड़ने की अपील भी की.बैठक में सीएम ने मुख्यमंत्री ने बिजली बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं की भी विस्तृत जानकारी ली और तय समय में प्रोजेक्ट पूरा करने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि विद्युत बोर्ड को और अधिक दक्ष और व्यावसायिक बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है. बोर्ड की गतिविधियों को सशक्त बनाने के लिए नवोन्वेषी प्रयास किये जा रहे हैं. इस समीक्षा बैठक में अर्की से विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
मंत्रीमंडल ने छोड़ी सब्सिडी
हिमाचल प्रदेश में 125 यूनिट बिजली की खपत पर कोई बिल नहीं आता है. ऐसे में अब सरकार ने आर्थिक हालात का हवाला देकर इस योजना में बदलाव का फैसला लिया है और साधन संपन्न लोगों को यह सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा. अहम बाद है कि सीएम सुक्खू सहित कैबिनेट मंत्री और विधायक सब्सिडी का लाभ छोड़ रहे हैं.