Last Updated:August 19, 2025, 20:22 IST
भारत-चीन रिश्तों को सुधारने की कोशिश में हैं. शी जिनपिंग ने पीएम मोदी को एससीओ शिखर सम्मेलन का न्योता भेजा, जिसे पीएम मोदी ने तुरंत स्वीकार कर लिया. वांग यी से मुलाकात में पीएम मोदी ने स्थिरता और शांति पर जोर ...और पढ़ें

जरा सोचिए, जब पूरी दुनिया देख रही कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की वजह से भारत-अमेरिका के रिश्तों में खटास आ चुकी है, उसी वक्त बीजिंग से सीधा पीएम मोदी के लिए चिट्ठी आती है. ये चिट्ठी कोई आम औपचारिक नोट नहीं, बल्कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का मैसेज था, जिसे विदेश मंत्री वांग यी लेकर दिल्ली पहुंचे. आखिर इसमें लिखा क्या है? और इस वक्त इस चिट्ठी के मायने क्या हैं?
सरकार की ओर से साफ कहा गया कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने प्रधानमंत्री मोदी को तियानजिन एससीओ शिखर सम्मेलन में आने का औपचारिक न्योता भेजा है. लेकिन असली मैसेज सिर्फ न्योता नहीं है, बल्कि ये है कि चीन अब रिश्तों को रीसेट करने के मूड में दिख रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत इसका जवाब भी दे दिया. साफ कर दिया कि वे शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन जा रहे हैं.
Glad to meet Foreign Minister Wang Yi. Since my meeting with President Xi in Kazan last year, India-China relations have made steady progress guided by respect for each other’s interests and sensitivities. I look forward to our next meeting in Tianjin on the sidelines of the SCO… pic.twitter.com/FyQI6GqYKC
पीएम मोदी ने तुरंत कहा-हां
वांग यी से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई. पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मेरी मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंध लगातार आगे बढ़े हैं, जो एक-दूसरे के हितों और संवेदनशीलताओं के प्रति सम्मान से पनपे हैं. मैं तियानजिन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर हमारी अगली मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं. भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति तथा समृद्धि में बड़ा योगदान देंगे.
बॉर्डर पर शांति पर जोर
पीएम मोदी ने भी इस मौके पर सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अहमियत पर जोर दिया. ये एक तरह का संकेत है कि भारत रिश्ते सुधारने को तैयार है लेकिन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर शांति ही पहली शर्त होगी. उन्होंने ये भी दोहराया कि सीमा मसले का समाधान न्यायसंगत, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य होना चाहिए. दिलचस्प बात ये भी रही कि पीएम ने कैलाश मानसरोवर यात्रा का स्वागत किया. ये सांस्कृतिक और भावनात्मक कार्ड दोनों देशों के बीच ब्रिज का काम कर सकता है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
August 19, 2025, 20:21 IST