Last Updated:August 10, 2025, 19:59 IST
Kerala Woman Suicide in Dubai: केरल की महिला की दुबई में आत्महत्या के मामले में पति को कोच्चि एयरपोर्ट पर पकड़ा गया, लेकिन कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के कारण पुलिस को उसे रिहा करना पड़ा. पीड़ित परिवार में आक्रो...और पढ़ें

नई दिल्ली. पति के टॉर्चर से तंग आकर दुबई में मौत को गले लगाने वाली केरल की महिला के केस में एक नया मोड़ सामने आया है। केरल पुलिस ने इस केस में प्रताड़ना का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। लंबे समय से पुलिस इस मामले में पति की तलाश में थी, जो दुबई में रह रहा था. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को पुख्ता सूचना मिली कि आरोपी भारत लौट रहा है. जैसे ही वह दुबई से फ्लाइट पकड़कर कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा, पहले से तैनात पुलिस टीम ने उसे हिरासत में ले लिया.
थाने से छूटा पति
पुलिस उसे सीधे थाने ले गई, जहां उम्मीद थी कि पूछताछ में कई राज खुलेंगे. लेकिन कहानी में अचानक मोड़ आ गया जब पता चला कि उसे पहले ही कोल्लम डिस्ट्रिक कोर्ट से एंटीसिपेटरी बेल मिल चुकी है। दुबई में इंडियन कांसुलेट द्वारा जारी किए गए डेथ सर्टिफिकेट में पत्नी अथुल्या के आत्महत्या में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया, जिसके आधार पर कोर्ट ने उसे राहत दे दी थी। जांच टीम के पास उसके खिलाफ कोई ठोस कानूनी सबूत नहीं था. दुबई में हुई घटना और आत्महत्या के हालात से जुड़े अहम दस्तावेज अभी तक भारतीय जांच एजेंसियों को नहीं मिले थे.
कानूनी पेचीदगियों में फंसा मामला
कानून के मुताबिक बिना पर्याप्त साक्ष्य और वैध गिरफ्तारी वारंट के किसी को लंबे समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता. नतीजतन, पुलिस को मजबूरी में आरोपी को ‘बाइज्जत’ छोड़ना पड़ा. यह फैसला पीड़ित परिवार के लिए करारा झटका था, जिसने आरोपी को न्याय के कटघरे में खड़ा देखने की उम्मीद की थी. मामला अब फिर से कानूनी और कूटनीतिक प्रक्रिया पर अटक गया है. दुबई से दस्तावेज, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और वहां के पुलिस रिकॉर्ड के बिना भारतीय एजेंसियां आगे नहीं बढ़ पा रही हैं.
पत्नी का परिवार नाराज
दूसरी तरफ, आरोपी की रिहाई से पीड़िता और उसके परिवार में आक्रोश है. उनका कहना है कि यह सिस्टम की नाकामी है और अगर अंतरराष्ट्रीय सहयोग तेज़ी से न हुआ, तो गुनहगार हमेशा बच निकलेंगे. यह घटना एक बार फिर इस तथ्य को उजागर करती है कि विदेश में होने वाले अपराधों की जांच में कानूनी प्रक्रिया कितनी जटिल और समय लेने वाली होती है. दुबई में हुए इस ‘टॉर्चर से सुसाइड’ केस में सच्चाई तक पहुंचने के लिए भारत और यूएई की एजेंसियों को अब तेज़ी से समन्वय करना होगा, वरना यह मामला भी अधूरा रह जाएगा और न्याय केवल कागजों में सिमट कर रह जाएगा.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
August 10, 2025, 19:59 IST