Last Updated:April 17, 2025, 09:01 IST
Indian Army Man News: एक आर्मी का जवान 16 साल से लापता था. अचानक कोर्ट पहुंच कर सरेंडर कर अपनी पहचान की मांग करता है. इसमें कुछ नया नहीं है, मगर कहानी काफी दिलचस्प है. यहां पढ़ें-

16 साल तक गायब रहा सेना का जवान, फिर पहुंचा कोर्ट और...
हाइलाइट्स
सेना का जवान 16 साल से गायब था.पत्नी ने उस पर और उसके मां-पिता के खिलाफ दहेज का केस दर्ज कराया था.विधवा बनकर उसकी पत्नी पेंशन उठा रही थी.Indian Army Man News: 16 साल पहले ड्यूटी से आर्मी का जवान गायब हो जाता है. उसका कोई ठिकाना पता नहीं चलता है. कुछ दिनों के बाद उसकी पत्नी आर्मी रिकॉर्ड में उसे मरा हुआ घोषित कर विधवा की पेंशन उठाने लगती है. कहानी पूरी फिल्मी है…. अचानक 16 साल के बाद एक पंजाब के पठानकोट कोर्ट में सामने सरेंडर कर कहता है कि मैं मरा नहीं! कोर्ट ने जांच बैठाई तो पता चला कि यह तो आर्मी का लापता जवान सुरेंद्र सिंह है. उन्होंने कोर्ट से बताया कि दहेज के झूठे केस और पत्नी की प्रताड़ना की वजह से गायब हो गए थे.
सुरेंद्र की पत्नी ने सेना के रिकॉर्ड में मृत घोषित करवा दिया फिर विधवा पेंशन लेने लगी थी. कुछ महीने पहले अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, इससे न केवल कोर्ट बल्कि पूरा परिवार भौंचक्का रह गया था. उन्होंने कोर्ट से अपनी पहचान वापस पाने की मांग की थी. सिंह कथित तौर पर पठानकोट के घो गांव की निवासी अपनी पत्नी मीना कुमारी द्वारा लगाए गए दहेज संबंधी आरोपों के बाद उत्पीड़न के कारण भाग गए थे.
सुरेंद्र सिंह ने क्या बताया, उनकी ही जुबानी पढ़िए-
मैं मेरी पत्नी की वजह से उदास रहता था. मेरी पत्नी ने मेरे और मेरे माता-पिता के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था. वह मेरी यूनिट में भी मेरा अपमान करती थी. मेरे साथ इतना बुरा व्यवहार करती थी कि मैंने दुनिया को छोड़ने का फैसला कर लिया. मैं सालों तक गुजरात और महाराष्ट्र के रेलवे स्टेशनों और झुग्गियों में रहा. मैं जब कभी सेना में अपनी यूनिट या अपने घर वापस जाने के बारे में सोचता था, तब मैं अपनी पत्नी को याद कर सहम जाता था. उसके ने उत्पीड़न ने मुझे रोक दिया. सेना की 32-मीडियम रेजिमेंट और इसकी खुफिया एजेंसी जांच कर रही है . यह पता लगाने की कोशिश है कि क्या यह वास्तव में सेना छोड़कर भाग जाने का मामला था या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं था.
सिंह ने आगे बताया-
मैंने 11.5 साल तक सेना में नौकरी की. आखिरी पोस्टिंग गुजरात था. मेरी पत्नी ने ने केवल मेरे सेना के करियर बल्कि निजी जीवन को भी को तबाह कर दिया. सिंह अपने बेटे को याद करते हुए रोने लगते हैं. उन्होंने कहा कि जब में गायब हुआ था तब मेरा बेटा सिर्फ एक साल का था. अब वह 11वीं क्लास में बढ़ता है. वह तो मुझे पहचान भी नहीं सकता है. सिंह के माता-पिता भी दहेज केस में सह-आरोपी थे. मगर निचली अदालत ने उनको 10 जनवरी 2014 बरी कर दिया था.
गायब होने और कोर्ट के ऐलान की कहानी
साल 2008 में पत्नी ने सिंह पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था. कोर्ट ने समन भेज कर उनको बुलाया सुनवाई के लिए बुलाया था. मगर, वह पते पर नहीं मिले. सेना के यूनिट में उनकी खोज की गई, वहां पर वे मौजूद नहीं थे. 2010 में कोर्ट ने उनको अपराधी घोषित कर दिया. इसी दौरान, पत्नी अलग रहने लगी थी. इसी बीच, सेना ने भी अपनी कार्यवाही में उनको मृत मान लिया था. उनकी अलग रह रही पत्नी को कानूनी उत्तराधिकारी मानते हुए पारिवारिक पेंशन देनी शुरू कर दी.
जिंदा वापस लौटने पर क्या हुआ
सिंह कोर्ट पहुंच कर दावा किए कि वह जिंदा हैं और अपनी पहचान वापस लेने की मांग की. अदालत ने उनके कोर्ट पहुंचने को लेकर टिप्पणी की, ‘डेड मैन वाकिंग टू कोर्ट टू सरेंडर’ यानी कि मरा हुआ शख्स अदालत में सरेंडर करने पहुंचा. सिंह फिलहाल अपने भाई के साथ कांगड़ा में रह रहे हैं. फेसबुक के जरिए उन्होंने अपने भाई से संपर्क किया था.
Location :
Pathankot,Gurdaspur,Punjab
First Published :
April 17, 2025, 08:58 IST