1971 का युद्ध, योद्धा जिसने सीमा के अंदर घुस पाकिस्तानी सेना को चटाया था धूल!

6 hours ago

Agency:News18 Haryana

Last Updated:January 22, 2025, 12:24 IST

1971 Indo-Pak War : रामरतन सिंह, जिन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में वीरता दिखाते हुए पाकिस्तानियों को 15 किलोमीटर तक खदेड़ा. इनका जन्म 4 दिसंबर 1947 को हुआ था. भारतीय सेना में 1967 में भर्ती होकर उन्हो...और पढ़ें

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रामरतन

रामरतन सिंह 1971 युद्ध के वीर योद्धा.

फरीदाबाद. बल्लभगढ़ के सागरपुर गांव के निवासी रामरतन सिंह एक ऐसे वीर योद्धा हैं जिन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी. इस संघर्ष के दौरान उन्होंने पाकिस्तानियों को उनके क्षेत्र में 15 किलोमीटर तक खदेड़ा. रामरतन सिंह का जन्म 4 दिसंबर 1947 को हुआ था और उन्होंने भारतीय सेना में फरवरी 1967 में भर्ती होकर 1971 की लड़ाई में भाग लिया.

रामरतन सिंह ने Local18 को बताया कि 9 सितंबर 1971 को उनकी यूनिट ने बाई रोड, मार्च करना शुरू किया और गुरदासपुर पहुंचे. यहां दो महीने तक उनकी तैनाती रही. 3 दिसंबर 1971 को लड़ाई फिर से शुरू हुई और 4 दिसंबर को वे अपनी यूनिट के साथ पाकिस्तान की सीमा के पास पहुंचे. वहाँ से उन्होंने मार्च जारी रखा और पाकिस्तान की सीमा पार कर 15 किलोमीटर तक अंदर घुस गए जहां लगातार फायरिंग होती रही थी. उनकी यूनिट ने पाकिस्तान के नैना कोर्ट शहर पर भी कब्जा कर लिया. इस दौरान उन्होंने अपनी यूनिट के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल सुखबीर सिंह के नेतृत्व में पाकिस्तानियों पर दबाव बनाते हुए उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया.

दुश्मन के हाथ न लगे टैंक इसलिए कर दिया नष्ट
रामरतन सिंह ने यह भी बताया कि 15 दिसंबर 1971 को वे शकरगंद के पास पहुंचे जहां एक बड़ी नदी के पास दलदल में उनका टैंक फंस गया. उन्होंने उसे नष्ट कर दिया ताकि वह दुश्मन के हाथ न लगे. 16 दिसंबर 1971 को उनकी यूनिट ने फिर से हमला किया लेकिन उसी रात सीजफायर का आदेश मिल गया. इस दौरान उनकी यूनिट में करीब 450 से 500 जवान और 45 टैंक थे. 1971 के इस युद्ध के दौरान रामरतन सिंह की उम्र केवल 24 साल थी लेकिन उन्होंने अपनी वीरता से इतिहास रच दिया.

रिटायरमेंट के बाद रामरतन सिंह ने हरियाणा पुलिस में नौकरी की लेकिन बाद में उन्होंने इनकम टैक्स विभाग में भी काम किया. 31 दिसंबर 2007 को उन्होंने इस विभाग से रिटायरमेंट लिया. उनके संघर्ष और देश के लिए किए गए बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा.

Location :

Faridabad,Haryana

First Published :

January 22, 2025, 11:54 IST

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