Last Updated:June 29, 2025, 12:39 IST
पनवेल में स्वप्नालय आश्रम के बाहर एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली. बास्केट में रखी इस बच्ची के पास एक चिट्ठी भी रखी थी. इसमें उनके माता-पिता ने अपनी ऐसी बेबसी बताई, जिसे पढ़कर आपके भी आंसू छलक आएंगे.

पनवेल में स्वप्नालय आश्रम के बाहर फुटपाथ पर एक नवजात बच्ची एक बास्केट में लावारिस हालत में पाई गई.
नवी मुंबई के पनवेल इलाके में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां तक्का परिसर में स्थित स्वप्नालय आश्रम के बाहर फुटपाथ पर एक नवजात बच्ची एक बास्केट में लावारिस हालत में पाई गई. रात के सन्नाटे में किसी ने इस मासूम को बास्केट में दूध की बोतल, सेरेलैक, कुछ कपड़ों के साथ छोड़ दिया था.
इस चिट्ठी को जिसने भी पढ़ा, उसका दिल भर आया. यह कोई क्रूरता नहीं, बल्कि मां-बाप की मजबूरी बयान कर रही है. उनके दिल की इस टीस ने सभी की आंखों में आंसू ला दिए.
चिट्ठी में क्या लिखा था?
बच्ची के पास एक चिट्ठी भी रखी गई हुई, जो इस परिवार की बेबसी की कहानी बना कर रही थी. इस चिट्ठी में बच्ची के माता-पिता ने अंग्रेजी में लिखा था,
‘हमें बहुत दुख है कि कि हमें यह करना पड़ रहा. हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था. हम इस बच्ची का मानसिक और आर्थिक रूप से पालन-पोषण नहीं कर सकते. प्लीज इसे किसी के साथ न जोड़ें या मामले को बढ़ाएं नहीं. हम नहीं चाहते कि वह उन मुश्किलों का सामना करे, जो हमें झेलनी पड़ रही हैं. हम आपसे विनती करते हैं कि इसकी जिंदगी को बचाएं. हम उम्मीद करते हैं कि एक दिन हम उसे वापस ले सकेंगे. हम उसके करीब हैं. हमें माफ करें.’
स्थानीय लोगों के अनुसार, बच्ची के रोने की आवाज सुनकर कुछ लोग दौड़े और बास्केट में लिपटी हुई नवजात को देखकर हैरान रह गए. उन्होंने तुरंत पनवेल शहर पुलिस को सूचित किया.
सोचकर ही दहल जाता है दिल
एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘यह सोचकर ही दिल दहल जाता है कि कोई मां-बाप अपनी बच्ची को इस तरह छोड़ने को मजबूर हुए. हमें समाज के रूप में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कुछ करना होगा.’
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को अपने कब्जे में लिया और उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की हालत स्थिर है, और उसे अलीबाग में आगे की मेडिकल जांच के लिए भेजा जाएगा.
मां-बाप की बेबसी और समाज से एक सवाल
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर ऐसी क्या परिस्थिति रही होगी, जहां माता-पिता को अपने ही कलेजे के टुकड़े को छोड़ जाने का इतना कठोर फैसला लेना पड़ा?
उस चिट्ठी में लिखा हर शब्द माता-पिता के दर्द और उनकी मजबूरी को बयां करता है. जहां पुलिस बच्ची के माता-पिता की तलाश में जुटी है, वहीं समाज के सामने यह सवाल है कि क्या हम ऐसी परिस्थितियों को रोकने के लिए तैयार हैं?
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
Panvel,Raigad,Maharashtra
2 दिन की बेटी को छोड़ गए मां-बाप, साथ ही ऐसी चिट्ठी, जिसने पढ़ा छलक आए आंसू