₹300000000 के चिकन-चावल खाएंगे कुत्ते, भारत में कहां लिया गया अनोखा फैसला?

3 hours ago

Last Updated:July 11, 2025, 08:34 IST

Chicken Chawal For Stray Dogs: कर्नाटक सरकार ने आवारा कुत्तों से निपटने का अनोखा तरीका अपनाया है. बीबएमपी आवारा कुत्तों को चिकन-चावल खिलाने का स्कीम लाया है. चलिए जानते हैं इस स्कीम पर लोगों का क्या रिएक्शन रहा...और पढ़ें

₹300000000 के चिकन-चावल खाएंगे कुत्ते, भारत में कहां लिया गया अनोखा फैसला?

आवारा कुत्तों के लिए सरकार की खास पहल.

हाइलाइट्स

कर्नाटक सरकार आवारा कुत्तों को चिकन-चावल खिलाएगी.बीबीएमपी ने 2.9 करोड़ रुपये की योजना शुरू की.लोगों की राय में योजना पर मिली-जुली प्रतिक्रिया.

बेंगलुरु: कर्नाटक की सरकार टैक्सपेयर्स के पैसों से कुत्तों को चिकन चावल खिलाने का मुहिम चलाने जा रही है. बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने लगभग 2.9 करोड़ रुपये की अभूतपूर्व पहल शुरू करने जा रही है. इसमें आवारा कुत्तों के लिए रोज़ाना भोजन योजना शुरू की जाएगी. बीबीएमपी का उद्देश्य कुत्तों के आक्रामक व्यवहार पर काबू पाना और जन सुरक्षा को मज़बूत करना है. इस पहल की शुरुआत शहर के आठ क्षेत्रों में 5,000 आवारा कुत्तों को खिलाने से शुरू होगी. नगर निगम ने बताया कि प्रतिदिन 367 ग्राम का भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे.

नगर निगम ने बताया कि कुत्तों को कैलोरी संतुलित खाना खिलाया जाएगा, जो एक सामान्य 15 किलोग्राम के कुत्ते की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. 22.42 रुपये की थाली में 150 ग्राम चिकन (प्रोटीन), 100 ग्राम चावल (कार्बोहाइड्रेट), 100 ग्राम सब्ज़ियां (खनिज), 10 ग्राम तेल (वसा) है. इससे 465-750 किलो कैलोरी ऊर्जा मिलेगी.

साफ-सुथरी जगहों पर खाने की व्यवस्था

नगर निगम ने बताया कि बेंगलुरु में लगभग 2.8 लाख आवारा कुत्ते हैं. बीबीएमपी प्रत्येक क्षेत्र में 400 से 500 कुत्तों को खिलाने के लिए वेंडर्स को शामिल करेगा, जो प्रत्येक क्षेत्र में 100 से 125 जगहों पर खाना उपलब्ध करेंगे. एनीमल हैसबैंडरी कमिश्नर सुरलकर विकास किशोर ने बताया कि खाना खिलाने वाले जगहों की सफाई अनुबंध का हिस्सा होगी.

आवारा पशुओं को खिलाने वाला पहला शहर

बीबीएमपी के एक अधिकारी ने कहा, यह पहली बार है जब भारत में किसी नगर निकाय ने आवारा पशुओं को सामूहिक भोजन देने की योजना बनाई है. यह सिर्फ़ एक कल्याणकारी कदम नहीं है- यह एक सुरक्षा पहल है.’

इस योजना पर लोगों की राय

सरकार की इस कदम पर लोगों ने राय दी. एनिमल राइट्स एक्टिविस्टने इस योजना की सराहना की है. वहीं, आलोचकों ने कुत्तों की नसबंदी करके उनकी आबादी पर लगाम लगाने के बजाय, उनके खाने-पीने के लिए करोड़ों रुपये के सरकारी धन के आवंटन की समझदारी पर सवाल उठा रहे हैं. बेंगलुरु के जयनगर की रहने वाली सौम्या रमेश ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, पिछले हफ्ते ही मेरे बुज़ुर्ग पिता को आवारा कुत्तों ने दौड़ा लिया था. चिकन राइस पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बजाय, बीबीएमपी को पहले कुत्तों की नसबंदी और उनकी आबादी नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए. खाना खिलाना कोई समाधान नहीं है.

हुलीमावु के रहने वाले किरण राज ने सौम्या से अलग राय रखते हुए, तर्क दिया, यह एक स्वागत योग्य कदम है. हममें से कई लोग पहले से ही अपने पैसों से आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं. अगर बीबीएमपी मदद के लिए आगे आ रहा है, तो इससे बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है. बशर्ते यह काम जिम्मेदारी से और भ्रष्टाचार के बिना किया जाए.’

Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...

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