Last Updated:July 11, 2025, 11:49 IST
5th Generation Fighter Jet: भारत पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है. एयरक्राफ्ट का इंजन भारत में बनाने को लेकर अब DRDO के फैसले का इंतजार है. दो देश की कंपनियां इस रेस में हैं.

डीआरडीओ को ब्रिटेन और फ्रांस की कंपनियों में से एक को पांचवीं पीढ़ी के देसी फाइटर जेट के लिए इंजन बनाने के लिए चुनना है. (फोटो: पीटीआई)
हाइलाइट्स
भारत पांचवीं पीढ़ी का देसी फाइटर जेट बनाने की प्रकिया में जुटा हैजेट इंजन बनाने के लिए दो देशों की कंपनियों में से एक को चुनना हैकैबिनेट को अब DRDO के फैसले का है इंतजार, फिर अंतिम फैसला5th Generation Fighter Jet: बदले माहौल में भारत अपने डिफेंस सिस्टम को लगातार मजबूत करने में जुटा है. लॉन्ग रेंज मिसाइल के साथ ही फाइटर जेट को लेकर लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. देसी फाइटर जेट बनाने के रास्ते में इंजन सबसे बड़ी बाधा के तौर पर सामने आया है. भारत की डिफेंस कंपनियों को एयरक्राफ्ट का इंजन बनाने में विशेषज्ञता हासिल नहीं है. तेजस MK1A फाइटर जेट में निर्माण में यह बात प्रमुखता से सामने आई है. अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक समय पर इंजन नहीं दे पा रही है, जिस वजह से इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में तमाम तरह की दिक्कतें सामने आ रही है. समय पर एयरक्राफ्ट की डिलवरी नहीं हो पा रही है. तेजस फाइटर के एडवांस वर्जन के निर्माण में आई दिक्कतों से भारत ने बड़ी सीख ली है. 5th जेनरेशन फाइटर जेट को देश में ही विकसित करने का प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया है. इसे एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Advanced Medium Combat Aircraft – AMCA) का नाम दिया गया है. देसी पांचवीं पीढ़ी के विमान को डेवलप करने में इस तरह की कोई दिक्कत या परेशानी न आए इसके लिए सरकार पुख्ता इंतजाम करने में जुटी है. भारत में बनने वाले 5th जेनरेशन फाइटर जेट का इंजन बनाने के लिए दो देशों की कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. इनमें ब्रिटेन की रॉल्स रॉयस और फ्रांस की साफ्रान में से एक को चुनना है. कैबिनेट को अब DRDO के फैसले का इंतजार है.
भारत में रक्षा उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने जेट इंजन टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को ब्रिटेन की Rolls-Royce और फ्रांस की Safran जैसी ग्लोबल कंपनियों के साथ साझेदारी के लिए निर्देशित किया है. यह साझेदारी भारत के पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए इंजन के स्वदेशी विकास को लेकर की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, दोनों कंपनियों ने DRDO की बेंगलुरु स्थित गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (GTRE) के साथ साझेदारी करने की पेशकश की है. ये कंपनियां न केवल पूरी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) करने को तैयार हैं, IPR भी साझा करने को तैयार हैं. इस दिशा में एक कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
एडवांस्ड मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट के तहत 5th जेनरेशन का जेट डेवलप किया जाएगा. (फोटो: पीटीआई)
इंजन तकनीक बनी बाधा
सरकार का यह फैसला ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस द्वारा तेजस लड़ाकू विमान के लिए इंजन आपूर्ति में देरी के कारण इंडियन एयरफोर्स को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि तेजस इंजन की आपूर्ति में देरी ने यह साफ कर दिया है कि हमें इंजन आपूर्ति पर अधिक नियंत्रण की जरूरत है. जैसे हमने समुद्री इंजन के लिए किर्लोस्कर के साथ साझेदारी की वैसे ही अब विमान इंजन के लिए घरेलू आधार विकसित करने पर जोर दिया जाएगा.
तेजस फाइटर जेट के इंजन की डिलीवरी में काफी देरी हुई है. (फोटो: पीटीआई)
AMCA के लिए नई पीढ़ी का इंजन
AMCA भारत का महत्वाकांक्षी 5.5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर प्रोजेक्ट है, जिसके लिए 110-130 kN थ्रस्ट क्लास का नया इंजन विकसित किया जाना है. इसकी पहली उड़ान 2029-30 तक और पूर्ण तैनाती 2035 तक करने का लक्ष्य है. इसके पहले प्रोटोटाइप और Mk-1 संस्करण में GE F414 इंजन का प्रयोग किया जाएगा, जबकि Mk-2 संस्करण में स्वदेशी रूप से विकसित अधिक शक्तिशाली इंजन लगाए जाएंगे. Rolls-Royce जहां हाई थ्रस्ट वाले टर्बोफैन इंजन की एक नई सीरीज के विकास की पेशकश कर रहा है, वहीं Safran अपने Rafale फाइटर के M88 इंजन पर आधारित प्रोटोटाइप पर सहयोग करना चाहता है. Safran ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि वह Rafale डील के ऑफसेट दायित्वों का उपयोग कर स्वदेशी कावेरी इंजन प्रोग्राम को भी फिर से गति देगा.
विदेशी विकल्पों पर भी नजर
AMCA के साथ ही सरकार तत्काल जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अमेरिका के F-35 और रूस के Su-57 जैसे पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की खरीद के विकल्प पर भी विचार कर रही है. खासकर तब जब पाकिस्तान J-10C और चीन से नई पीढ़ी के फाइटर जेट्स खरीद रहा है. हालांकि, अमेरिकी प्रस्ताव में एंड-यूज़ मॉनिटरिंग और इंटरऑपरेबिलिटी जैसे मुद्दे चिंता का विषय बने हुए हैं, क्योंकि भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही Su-30MKI, Rafale, Mirage 2000 और स्वदेशी तेजस जैसे प्लेटफॉर्म हैं. एयरफोर्स की ऑपरेशनल क्षमता को और सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने मिड-एयर रिफ्यूलर्स और AWACS (Airborne Warning and Control Systems) की खरीद को भी प्राथमिकता सूची में रखा है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi