बाहर -52° था तापमान, अंदर उबलने को थी फ्लाइट, हालात देख कांप उठे पैसेंजर्स

6 hours ago

Last Updated:July 11, 2025, 13:16 IST

Newark-Delhi Flight: प्‍लेन के बाहर का टैंपरेचर -52 डिग्री तक पहुंच चुका था, लेकिन अंदर फ्लाइट उबलने को थी. वजह 35 हजार फीट में आई एक तकनीकी खराबी. क्‍या है पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे...

बाहर -52° था तापमान, अंदर उबलने को थी फ्लाइट, हालात देख कांप उठे पैसेंजर्स

हाइलाइट्स

नेवार्क से दिल्‍ली आ रही थी यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट45 मिनट की उड़ान के बाद प्‍लेन में आई गंभीर तकनीकी खराबी.प्‍लेन को डाइवर्ट कर नेवार्क एयरपोर्ट पर कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग.

Aviation News: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्रैश के बाद एयर ट्रैवलर्स का दिल खौफजदा है. आलम यह है कि प्‍लेन में टेक्निकल स्‍नैग की बात पता चलते ही दिल की धड़कने दोगुनी रफ्तार से बढ़ जाती हैं. हर किसी को एक ही डर सताने लगता है कि कहीं हमारी फ्लाइट भी एयर इंडिया के प्‍लेन की तरह…. बीते दिन नेवार्क से दिल्‍ली के लिए उड़़ान भरने वाली फ्लाइट में भी कुछ ऐसा ही हुआ.

जी हां, 7 जुलाई 2025 की रात करीब 9:30 यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट UA82 ने नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी. संयोग से यह प्‍लेन भी बोइंग का 787 ड्रीमलाइनर प्‍लेन था. यह प्‍लेन करीब 45 की उड़ान पूरी कर चुका था और लगभग 33 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था. प्‍लेन के बाहर का तापमान करीब -52 डिग्री तक गिर चुका था.

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फ्लाइट के भीतर बेहद गर्म होने लगा था माहौल
लेकिन, फ्लाइट के अंदर की बात करें तो माहौल बहुत गर्म होने लगा था. प्‍लेन में आई तकनीकी खराबी के वजह से फ्लाइट के कई हिस्‍से गर्म होने लगे थे. पायलट के माथे का पसीना बता रहा था कि सबकुछ ठीक नहीं था. दरअसल, टेकऑफ के बाद प्‍लेन के इलेक्ट्रॉनिक्स कूलिंग सिस्टम में तकनीकी खराबी के संकेत मिले थे. चूंकि यह सिस्टम प्‍लेन के इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट को ठंडा रखता है, लिहाजा पायलट का परेशान होना लाजमी था.

पायलट को डर था कि यह सिस्टम पूरी तरह से काम करना बंद कर दे, तो प्‍लेन के नेविगेशन एण्‍ड कम्‍युनिकेशन सिस्‍टम से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट गर्म हो सकते हैं. नतीजतन, प्‍लेन का कंट्रोल खो सकता है. यह स्थिति बेहद खतरनाक थी, क्योंकि इससे प्‍लेन की फ्लाइट सिक्‍योरिटी को गंभीर खतरा हो सकता था. पायलट ने तुरंत इस खतरे को भांप लिया और कोई जोखिम न लेते हुए वापस नेवार्क एयरपोर्ट जाने का फैसला किया.

पैसेंजर्स को आई एआई-171 प्‍लेन क्रैश की याद
पायलट ने जिस समय यह निर्णय लिया, प्‍लेन अटलांटिक महासागर के ऊपर था. पायलट ने प्‍लेन में आई तकनीकी खराबी और वापस आने के फैसले के बारे में नेवार्क एयर ट्रैफिक कंट्रोल को जानकारी दी. एटीसी से इजाजत मिलने के बाद प्‍लेन को वापस नेवार्क की तरफ घुमा दिया गया. इसके बाद, पायलट ने प्‍लेन में आई तकनीकी खराबी और नेवार्क एयरपोर्ट वापस जाने के फैसले के बारे में पैसेंजर को जानकारी दी.

वहीं, तकनीकी खराबी की बात सुनते ही पैसेंजर के दिल और दिमाग में एक साथ 12 जून को अहमदाबाद हुआ प्‍लेन क्रैश कौंध गया. हर कोई प्‍लेन के सुरक्षित लैंड होने की प्रार्थना भगवान से करने लगा. कुछ मिनटों का इंतजार भी अब पैसेंजर्स के लिए काफी भारी होने लगा था. रात करीब 11:15 बजे यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट UA82 नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतर गई. तब जाकर पैसेंजर्स की जान में जान आई.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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