कोर्ट में भिड़ीं दो रम, बोतल-नाम एक जैसे... असली बादशाह कौन? फैसला चौंकाएगा!

5 hours ago

Last Updated:July 11, 2025, 15:42 IST

Old Monk vs Old Mist: ओल्ड मोंक और ओल्ड मिस्ट के बीच ट्रेडमार्क विवाद में कोर्ट ने ओल्ड मोंक के पक्ष में फैसला दिया. ओल्ड मिस्ट की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. मामला ब्रांड पहचान और उपभोक्ता हितों से जुड़ा है.

कोर्ट में भिड़ीं दो रम, बोतल-नाम एक जैसे... असली बादशाह कौन? फैसला चौंकाएगा!

अदालत में दोनों ब्रांड की बोतलें और लेबल पेश किए गए.

हाइलाइट्स

हिमाचल हाईकोर्ट ने 'ओल्ड मोंक' के हक में अंतरिम फैसला सुनाया.‘ओल्ड मिस्ट’ की बोतल, नाम और लेबल पर कोर्ट को आपत्ति.कोर्ट ने कहा- उपभोक्ता भ्रमित हो सकते हैं, ब्रांड वैल्यू को नुकसान.

Old Monk vs Old Mist: भारत की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित रम ब्रांड ‘ओल्ड मोंक’ और हाल ही में लॉन्च हुई कॉफी-फ्लेवर्ड रम ‘ओल्ड मिस्ट’ के बीच नाम और पहचान को लेकर छिड़ा विवाद अब अदालत की चौखट तक पहुंच गया है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस कानूनी लड़ाई में ‘ओल्ड मोंक’ के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ‘ओल्ड मिस्ट’ की बिक्री और वितरण पर अंतरिम रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने 9 जुलाई को सुनाया, जब मोहन मीकिन लिमिटेड द्वारा एक वाणिज्यिक मुकदमा दायर किया गया. मोहन मीकिन वही कंपनी है जो ओल्ड मोंक और ओल्ड मोंक कॉफी रम की निर्माता है.

मामले की शुरुआत तब हुई जब ‘ओल्ड मोंक’ के कानूनी सलाहकारों को जून 2025 में गोवा के बाजारों में ‘ओल्ड मिस्ट’ नाम की एक नई रम बिकती दिखाई दी, जिसकी बोतल, लेबल और नाम बेहद हद तक ‘ओल्ड मोंक कॉफी रम’ से मेल खाते थे. कंपनी ने कोर्ट को बताया कि ओल्ड मोंक कॉफी रम का ट्रेडमार्क 9 जून 2022 से रजिस्टर्ड है और यह 22 नवंबर 2031 तक वैध है. उन्होंने यह भी कहा कि कंपीटीटर कंपनी ‘ओल्ड मिस्ट’ ने न तो कोई ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कराया और न ही ऐसा कोई अधिकार प्राप्त किया है जिससे वह इतनी मिलती-जुलती पहचान के साथ अपने उत्पाद को बाजार में उतार सके.

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बोतलें और लेबल कोर्ट में पेश
अदालत में दोनों ब्रांड की बोतलें और लेबल पेश किए गए. इनकी तुलना करने के बाद न्यायालय ने माना कि पहली नजर में ही यह ट्रेडमार्क उल्लंघन का मामला प्रतीत होता है. कोर्ट ने कहा कि दोनों उत्पादों की बनावट, ब्रांड नाम और बाजार में प्रस्तुत किए जाने का तरीका इतना समान है कि आम उपभोक्ता को भ्रम हो सकता है. साथ ही अगर इस तरह की बिक्री की अनुमति दी गई तो यह ‘ओल्ड मोंक’ की वर्षों पुरानी ब्रांड वैल्यू को नुकसान पहुंचा सकती है और ‘ओल्ड मिस्ट’ को अनुचित बाजार लाभ मिल सकता है.

कोर्ट का बड़ा आदेश: बिक्री पर पूरी तरह रोक
अदालत ने माना कि ‘ओल्ड मोंक’ की तरफ से प्रस्तुत किया गया मामला मजबूत है और वर्तमान स्थिति में संतुलन भी उसी के पक्ष में झुकता है. कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह स्थिति न केवल व्यापारिक दृष्टि से अनुचित है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों के लिए भी खतरनाक है. इसलिए कोर्ट ने ‘ओल्ड मिस्ट’ को किसी भी रूप में चाहे सीधे, वितरकों या एजेंट्स के माध्यम से बेचने या वितरित करने से मना कर दिया. यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक मुकदमा अदालत में लंबित है.

अब जब हाईकोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि बोतलें और नाम भले ही एक जैसे दिखें, पर असली बादशाह वही है जिसने अपनी पहचान बरसों की मेहनत और वैधानिक प्रक्रिया से बनाई. तो ‘ओल्ड मोंक’ वाकई भारतीय रम की दुनिया का निर्विवाद सम्राट साबित हुआ है.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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