Last Updated:August 19, 2025, 23:56 IST
Agni 5 Missile Range Speed: अग्नि-5 मिसाइल भारत की सामरिक क्षमता को नई ऊंचाई देती है. DRDO द्वारा विकसित यह ICBM 5,500 किमी तक मारक क्षमता रखती है. इसकी तैनाती से भारत ने अपनी सुरक्षा और वैश्विक संतुलन को मजबूत...और पढ़ें

नई दिल्ली. भारतीय सेना की ताकत तेजी से बढ़ती जा रही है. चाहे थल सेना हो, वायु या इंडियन नेवी पल भर में सेना के तीनों अंग दुश्मन को चित करने की ताकत रखते हैं. भारत की सामरिक क्षमता को नई ऊंचाई देने में अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल अहम भूमिका निभाती है. यह भारत की “ICBM यानी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. इसकी क्षमता पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान दोनों के सेना प्रमुखों के चेहरे पर चिंता ला सकती है. चलिए हम आपको इसके बारे में विस्तार में बताते हैं.
अग्नि-5 मिसाइल 5,000–5,500 किलोमीटर तक की मारक क्षमता रखती है. पाकिस्तान के हर हिस्से को तो भारत की छोटी-मोटी मिसाइल भी कवर कर सकती है लेकिन यह मिसाइल और चीन सहित एशिया के बड़े हिस्से को अपने दायरे में लाने में सक्षम है. इसमें MIRV (Multiple Independently targetable Re-entry Vehicle) क्षमता जोड़ने की भी तैयारी है, जिससे यह एक साथ कई लक्ष्यों को अलग-अलग वारहेड्स से निशाना बना सकेगी.
कब बनी और विकास की यात्रा
अग्नि-5 परियोजना की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी. DRDO ने इसे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से डिजाइन किया. पहली बार इसका परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को ओडिशा के व्हीलर आइलैंड (अब डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप) से किया गया था. इसके बाद कई चरणों में सफल उड़ान परीक्षण हुए. जनवरी 2018 में इसका कैनिस्टर-बेस्ड परीक्षण हुआ, जिसने इसे अधिक व्यावहारिक और युद्धक परिस्थितियों के लिए उपयुक्त साबित किया. अंततः साल 2018 में इसे भारतीय परमाणु कमान प्राधिकरण (एनसीए) के अंग सामरिक बल कमान (SFC) में शामिल कर लिया गया.
अग्नि-5 की तकनीकी क्षमता
• रेंज: 5,000–5,500 किमी (कुछ रक्षा विशेषज्ञ 8,000 किमी तक की क्षमता का अनुमान लगाते हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर 5,500 किमी माना गया है).
• भार: लगभग 50 टन.
• लंबाई: 17 मीटर.
• ईंधन: तीन-स्टेज, सॉलिड फ्यूल रॉकेट.
• लॉन्च प्लेटफॉर्म: मोबाइल कैनिस्टर-बेस्ड लॉन्चर (रियल-टाइम, ऑटोमेटिक लॉन्च की सुविधा).
• पेलोड: 1.5 टन तक का वारहेड ले जाने में सक्षम.
• गाइडेंस सिस्टम: रिंग लेजर जाइरोस्कोप और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम पर आधारित, बेहद सटीक.
लागत और रणनीतिक महत्व
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार अग्नि-5 की यूनिट लागत 300 से 500 करोड़ रुपये के बीच मानी जाती है. हालांकि DRDO और रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक लागत का खुलासा नहीं किया है. यह मिसाइल भारत के परमाणु प्रतिरोध को मजबूत करती है और नो-फर्स्ट यूज़ (NFU) नीति के तहत जवाबी हमले की क्षमता देती है.
अग्नि-5 ने बनाया वैश्विक संतुलन!
अग्नि-5 के ऑपरेशनल होने के बाद से भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल है जिनके पास लंबी दूरी की ICBM क्षमता है—जैसे अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मिसाइल भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और सुरक्षा संरचना का मजबूत स्तंभ है. अग्नि-5 का विकास केवल तकनीकी उपलब्धि ही नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता और सामरिक शक्ति का प्रतीक है. इसकी तैनाती से भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सीमाओं की सुरक्षा और वैश्विक मंच पर संतुलन बनाए रखने के लिए पूरी तरह सक्षम है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
August 19, 2025, 23:56 IST