करना था ऑडियो का मिलान, CFSL की हकत से SC आगबबूला, एन बीरेन से जुड़ा मामला

6 hours ago

Last Updated:August 19, 2025, 17:22 IST

Manipur Violence : सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा से जुड़े ऑडियो क्लिप की जांच पर नाराजगी जताई और CFSL की दिशा को गलत बताया. कोर्ट ने आवाज के मिलान की रिपोर्ट मांगी. अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी.

करना था ऑडियो का मिलान, CFSL की हकत से SC आगबबूला, एन बीरेन से जुड़ा मामलाकोर्ट ने सख्‍त रुख अख्तियार किया. (File Photo)

नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मणिपुर में जातीय हिंसा से जुड़े कथित ऑडियो क्‍लिप की जांच पर नाराजगी जताई और कहा कि सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (CFSL) की पूरी जांच गलत दिशा में चल रही है. शीर्ष अदालत ने स्‍पष्‍ट किया कि उसे वीडियो की प्रामाणिकता नहीं, बल्कि आवाज के मिलान की रिपोर्ट चाहिए. न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा, “हमने कभी वीडियो की विश्‍वसनीयता के बारे में पूछा ही नहीं. हमारा सवाल सिर्फ इतना है कि जब आवाज का नमूना लेकर तुलना की जाए तो क्‍या यह वही व्‍यक्ति है जो दोनों जगह बोल रहा है?”

एन बीरेन पर क्‍या हैं आरोप?
याचिकाकर्ता संगठन कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्‍ट (KOHUR) में दावा किया गया है कि एन बीरेन सिंह की कथित आवाज वाले क्‍लिप में यह संकेत हैं कि मेइती समूहों को सरकारी शस्‍त्रागार से हथियार लूटने की अनुमति दी गई. उनके वकील प्रशांत भूषण ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए कहा कि ये बातचीत दिखाती है कि हिंसा में राज्‍य मशीनरी की भूमिका रही.

एसआईटी जांच की मांग
प्रशांत भूषण ने कोर्ट से मांग की कि मामले की जांच एक स्‍वतंत्र एसआईटी से कराई जाए. उनका तर्क था कि जिस सरकार से एन बीरेन सिंह जुड़े हैं, उसी के अधीन सीएफएसएल काम करता है, ऐसे में निष्‍पक्षता पर सवाल उठते हैं. हालांकि पीठ ने कहा कि हर संस्‍था पर प्रशासनिक नियंत्रण के आधार पर शक नहीं किया जा सकता, “वरना हमें बाहर से कोई एजेंसी बुलानी पड़ेगी.”

अगली सुनवाई 25 अगस्‍त को
चूंकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उस समय दूसरी अदालत में व्‍यस्‍त थे, इसलिए मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्‍त तय की गई. इससे पहले शीर्ष अदालत कई बार इस मुद्दे पर सरकार से नई रिपोर्ट पेश करने को कह चुकी है. मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों विस्थापित हुए हैं.

बेटी की अर्जी खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्‍यमंत्री एन बीरेन सिंह की बेटी की वह अर्जी भी खारिज कर दी जिसमें उन्‍होंने खुद को इस मामले में पक्षकार बनाने की मांग की थी. कोर्ट ने तल्‍खी भरे लहजे में कहा, “यह कोई परिवार सहयोग कार्यक्रम नहीं है.”

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

August 19, 2025, 17:09 IST

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