50000 फीट से वार, हेलिकॉप्टर जैसी लैंडिंग, जंग का ब्रह्मास्त्र है अमेरिकी F-35

1 day ago

भारत ने पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट (5th Generation) बनाने के लिए मजबूती के साथ कदम बढ़ा दिए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के उत्पादन के लिए ‘मेड इन इंडिया’ फाइटर जेट कार्यक्रम को हरी झंडी दे दी. इसके तहत अब भारत भी ऐसे फाइटर जेट्स बनाएगा, जो दुनिया में मौजूद पांचवी पीढ़ी के तमाम फाइटर जेट्स के डांट खट्टे करने का माद्दा रखता हो.

दुनिया के ‘बाहुबली’ 5th जेन फाइटर जेट्स की बात करें तो इसमें एक बड़ा नाम अमेरिकी लड़ाकू विमान F-35 लाइटनिंग II का है. लॉकहीड मार्टिन के बनाए इस फाइटर जेट का लोहा आज दुनिया मानती है. पांचवीं पीढ़ी का यह फाइटर जेट न केवल अपनी स्टेल्थ, सेंसर फ्यूजन, और मल्टी-रोल क्षमताओं के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी 50,000 फीट की ऊंचाई से हमला करने और हेलिकॉप्टर जैसी लैंडिंग करने की क्षमता इसे एक अभेद्य हथियार बनाती है. तो आइए विस्तार से समझते हैं F-35 की ताकत…

हेलिकॉप्टर जैसी लैंडिंग और टेकऑफ

F-35 तीन अलग-अलग वैरिएंट्स में आता है. F-35A (पारंपरिक टेकऑफ और लैंडिंग), F-35B (शॉर्ट टेकऑफ और वर्टिकल लैंडिंग), और F-35C (एयरक्राफ्ट कैरियर-आधारित)… इसकी वर्टिकल लैंडिंग इसे हेलिपैड जैसे छोटी सी जगहों से उड़ने और उतरने में सक्षम बनाती है. यह उसे न सिर्फ युद्धपोतों पर बल्कि अस्थायी रनवे पर भी तैनात करने की सुविधा देता है.

हालांकि F-35 को सिर्फ इसकी लैंडिंग या उड़ान ऊंचाई के लिए नहीं जाना जाता. इसकी असली ताकत है उसका ‘सेंसर फ्यूजन’ सिस्टम, जो युद्ध क्षेत्र की 360-डिग्री इंटेलिजेंस देता है. इससे यह न केवल दुश्मन के मूवमेंट को पहले से पकड़ लेता है, बल्कि नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध के तहत अन्य विमानों, ड्रोन और सैटेलाइट्स के साथ रीयल-टाइम में डेटा शेयर करके सामूहिक हमले की रणनीति भी बना सकता है.

F-35 कैसे बदल सकता है जंग की तस्वीर

स्टेल्थ क्षमता: इसका कम रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) और रडार-शोषक सामग्री इसे दुश्मन के रडार से लगभग अदृश्य बनाती है.

सेंसर फ्यूजन: एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग सिस्टम (EOTS), और मल्टी-स्पेक्ट्रल सेंसर युद्धक्षेत्र की 360-डिग्री तस्वीर प्रदान करते हैं.

नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध: मल्टीफंक्शन एडवांस्ड डेटा लिंक (MADL) के जरिए यह ड्रोन, सैटेलाइट्स, और अन्य सैन्य इकाइयों के साथ रीयल-टाइम डेटा साझा करता है.

हथियार : आंतरिक हथियार बे में AIM-120 AMRAAM मिसाइलें, JDAM बम, और अन्य सटीक हथियार ले जा सकता है.

लंबी दूरी के हमले : इस ऊंचाई से F-35 लंबी दूरी की मिसाइलें और सटीक गाइडेड बम लॉन्च कर सकता है, जिससे दुश्मन के ठिकानों को बिना नजदीक आए नष्ट किया जा सकता है।

सुरक्षा : यह ऊंचाई इसे अधिकांश एंटी-एयरक्राफ्ट गन और कम रेंज की मिसाइलों से सुरक्षित रखती है.

S-400 को भी दे सकता है मात

रूस के S-400 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम के लिए भी यह जेट किसी सिरदर्द से कम नहीं है. S-400 की रडार प्रणाली अत्याधुनिक जरूर है, लेकिन F-35 की स्टेल्थ डिज़ाइन और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग सिस्टम के आगे यह रूसी रक्षा कवच फेल साबित होता है. 2019 में सीरिया में F-35 के मिशन ने यह दिखा दिया कि ये जेट S-400 जैसे सिस्टम की मौजूदगी में भी ऑपरेशन कर सकता है, बिना ट्रैक हुए.

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को पांचवीं पीढ़ी का F-35 लड़ाकू विमान बेचने का ऑफर भी दिया है. हालांकि भारत के पास पहले से ही राफेल और सुखोई Su-30 जैसे 4.5 जेनरेशन के फाइटर जेट मौजूद हैं. ऐसे में F-35 की सफलता और इसके गुण भारत के लिए सिर्फ प्रेरणा नहीं, बल्कि रोडमैप भी साबित हो सकते हैं. और अब जब भारत ने ‘मेड इन इंडिया’ स्टेल्थ फाइटर का सपना आकार देना शुरू कर दिया है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले वर्षों में भारत की आसमानी ताकत सिर्फ दुनिया को चौंकाएगी नहीं, बल्कि डराएगी भी.

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