Last Updated:June 30, 2025, 15:01 IST
Rabindranath Tagore Letter Price : एक नीलामी एजेंसी ने बताया है कि हाल में रविंद्र नाथ टैगोर के हस्तलिखित पत्रों को करीब 6 करोड़ रुपये में बेचा गया है. इसके अलावा उनके द्वारा बनाई गई एकमात्र मूर्ति को भी 1 करो...और पढ़ें

रबींद्रनाथ टैगार के कई हस्तलिखित पत्रों की नीलामी की गई.
हाइलाइट्स
रवींद्रनाथ टैगोर के पत्र 6 करोड़ में नीलाम हुए.टैगोर की मूर्ति 1 करोड़ से अधिक में बिकी.नीलामी में 35 हस्तलिखित पत्र और 14 लिफाफे शामिल थे.नई दिल्ली. भारतीय लेखक और नोबल पुरस्कार विजेता डॉ रबींद्र नाथ टैगार के पत्रों की हाल में नीलामी हुई, जिन्हें करीब 6 करोड़ रुपये में खरीदा गया. इतना ही नहीं खरीदार ने उनकी बनाई एक छोटी से मूर्ति के लिए भी 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत चुकाई. इस नीलामी का आयोजन ऐस्टागुरु ने ‘कलेक्टर्स चॉइस’ के नाम से किया था. यह नीलामी 26 और 27 जून को की गई थी.
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, नीलामी में टैगोर द्वारा उनके करीबी सहयोगी, समाजशास्त्री, संगीतशास्त्री और विश्वासपात्र धुर्जति प्रसाद मुखर्जी को साल 1927 से 1936 के बीच लिखे गए पत्रों को शामिल किया गया था. इनमें से बारह पत्रों को महत्वपूर्ण स्थानों जैसे विश्व-भारती, उनके उत्तरायण स्थित निवास, दार्जिलिंग के ग्लेन ईडन और यहां तक कि उनके हाउसबोट पद्मा से लिखा गया था. इस नीलामी में पांडुलिपियां भी शामिल थीं.
क्यों खास रही नीलामी
नीलामी कराने वाली एजेंसी एस्टागुरु के चीफ मार्केटिंग अधिकारी मनोज मनसुखानी ने कहा कि यह सिर्फ एक साहित्यिक संग्रह नहीं है. यह नोबेल पुरस्कार विजेता का उनके अपने शब्दों में लिखा आत्म-चित्र है. इस पत्राचार में दार्शनिक विचारों, कलात्मक चर्चाओं से लेकर गहरे व्यक्तिगत भावनाओं तक की झलक मिलती है. मनसुखानी के अनुसार, टैगोर के पत्र कभी-कभी बाजार में आते हैं. इतना व्यापक और बौद्धिक रूप से गहरा संग्रह अत्यंत दुर्लभ है. टैगोर के महत्वपूर्ण पत्राचार का अधिकांश हिस्सा संस्थागत अभिलेखागार में संरक्षित है, जिससे सार्वजनिक डोमेन में ऐसे प्रस्ताव अत्यंत असामान्य हो जाते हैं.
प्रकाशित हो चुके हैं यह पत्र
नीलामी कराने वाली एजेंसी के अनुसार, यह कलेक्शन एक निजी संग्रहालय से आया है, जिसमें विस्तृत जानकारी दी गई है. इस सेट में शामिल कई पत्र पहले ही प्रमुख पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हो चुके हैं. नीलामी में पेश किए गए 35 हस्तलिखित पत्रों और 14 लिफाफों को करीब 5.9 करोड़ रुपये में बेचा गया. यह पत्रों की अपने आप में दूसरी सबसे महंगी नीलामी है.
एक मूर्ति भी नीलाम
पत्रों के अलावा नीलामी में टैगोर द्वारा बनाई गई एकमात्र ज्ञात मूर्ति ‘द हार्ट’ भी शामिल थी. माना जाता है कि यह मूर्ति टैगोर के भाई ज्योतिरिंद्रनाथ की पत्नी कादंबरी देवी को समर्पित थी. यह मूर्ति क्वार्टजाइट से बनी है और 1883 में कर्नाटक के कारवार में ठहरने के दौरान बनाई गई थी. इसे लगभग 1.04 करोड़ रुपये में बेचा गया. उस समय टैगोर की उम्र सिर्फ 22 साल थी. ये पत्र और मूर्ति 77 वस्तुओं के एक बड़े संग्रह का हिस्सा थे. टैगोर के पत्रों ने सबसे ऊंची बोली लगाई, जबकि दूसरी सबसे महंगी वस्तु एमएफ हुसैन की मदर टेरेसा शृंखला की एक पेंटिंग थी, जिसे लगभग 3.80 करोड़ रुपये में बेचा गया.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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