₹60000 करोड़ की डील, राफेल-F-35 से सस्‍ता, ब्रह्मोस की ताकत से लैस होगा यह जेट

8 hours ago

Last Updated:July 10, 2025, 06:50 IST

IAF Fighter Jet Deal: ऑपरेशन सिंदूर के बाद इंडियन एयरफोर्स की डिमांड को पूरा करने की दिशा में ताबड़तोड़ कदम उठाए जा रहे हैं. 5th जेनरेशन का फाइटर जेट खरीदने के साथ ही देसी स्‍तर पर उसे डेवलप करने का प्रोजेक्‍ट ...और पढ़ें

₹60000 करोड़ की डील, राफेल-F-35 से सस्‍ता, ब्रह्मोस की ताकत से लैस होगा यह जेट

इंडियन एयरफोर्स चौथी पीढ़ी के देसी तेजस Mk1A फाइटर जेट का एक और ऑर्डर हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड को देने पर विचार कर रहा है. (फोटो: पीटीआई)

हाइलाइट्स

तेजस Mk1A फाइटर जेट की नई खेप का ऑर्डर देने की तैयारी चल रही हैदेसी फाइटर जेट राफेल और F-35 जैसे लड़ाकू विमान से काफी किफायती हैंइंडियन एयरफोर्स को चाहिए 41 स्‍कवाड्रन, फिलहाल हैं सिर्फ 31 बेड़े

IAF Fighter Jet Deal: दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में सामरिक हालात जिस तेजी से बदल रहे हैं, उसे देखते हुए डिफेंस सिस्‍टम को मजबूत करना अनिवार्य हो गया है. भारत के लिए यह स्थिति कहीं ज्‍यादा खतरनाक और संवेदनशील है. वेस्‍टर्न बॉर्डर पर पाकिस्‍तान और उत्‍तरी सीमा पर चीन का खतरा दशकों से है. ये दोनों देश समय-समय पर अपना रंग दिखा चुके हैं. अप्रैल में पहलगाम अटैक के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध का ऐलान करते हुए मई के शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्‍च कर पाकिस्‍तान के साथ ही दुनिया के अन्‍य देशों को जवाब दे दिया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की के रूप में तीसरा दुश्‍मन भी सामने आया. तुर्की ने ड्रोन, वेपन और अपने एक्‍सपर्ट पाक‍िस्‍तान भेजकर आतंकवाद का साथ देने का खुलेआम ऐलान कर दिया. रिपोर्ट की मानें तो तुर्की की डिफेंस कंपनी बांग्‍लादेश में इन्‍वेस्‍ट करने जा रही है. ढाका में शेख हसीना की सरकार का तख्‍तापलट होने के बाद मोहम्‍मद यूनुस की अगुआई में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है. पछिले दरवाजे से बांग्‍लादेश की सत्‍ता मिलने के बाद यूनुस भारत के खिलाफ लगातार टेढ़ी चाल चल रहे हैं. ऐसे में तुर्की का बांग्लादेश में पैठ बनाने की कोशिश करना खतरे की घंटी है. बदलते सुरक्षा हालात को देखते हुए अब भारत के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह अपनी ताकत को इस हद तक बढ़ाए कि दुश्‍मन उसकी तरफ आंख उठाकर देखने की जुर्रत न कर सके. इसे देखते हुए आर्मी से लेकर एयरफोर्स और नेवी को लगातार अपग्रेड करते हुए उसे ताकतवर बनाया जा रहा है. आर्मी में अल्‍ट्रा मॉडर्न राइफल, टैंक, ड्रोन आदि को शामिल किया जा रहा है. नेवी में भी नए युद्धपोत और सबमरीन (पनडुब्‍बी) को शामिल करने की प्रक्रिया लगातार जारी है. इंड‍ियन एयरफोर्स को और स्‍ट्रॉन्‍ग बनाने पर लगातार ध्‍यान दिया जा रहा है. भारत सरकार ने वायुसेना के लिए खजाने का मुंह भी खोल रखा है. एयरफोर्स अपने बेड़े में नए फाइटर जेट को जोड़ने के लिए हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (HAL) के साथ ₹60000 करोड़ की डील करने पर विचार कर रहा है.

दरअसल, इंडियन एयरफोर्स ने साल 2021 में एचएएल के साथ 83 तेजस Mk1A फाइटर जेट खरीदने का करार किया था. यह डील 48000 करोड़ रुपये की थी. उम्‍मीद है कि इस साल या अगले साल से एचएएल चौथी पीढ़ी (4++) के तेजस Mk1A फाइटर जेट की आपूर्ति करना शुरू कर देगी. अमेरिकी डिफेंस कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक की ओर समय पर इंजन मुहैया न करान की वजह से करार के तहत लड़ाकू विमानों की सप्‍लाई पर प्रतिकूल असर पड़ा. एयरफोर्स की ओर से विमानों की आपूर्ति में देरी पर सख्‍त नाराजगी जताने के बाद एचएएल की ओर से प्रयास तेज कर दिए गए. इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं. कुछ रिपोर्ट में तो यहां तक कहा जा रहा है कि देसी सरकारी विमान निर्माता कंपनी साल 2025 से ही तेजस Mk1A फाइटर जेट की सप्‍लाई शुरू कर देगी. जेट प्रोडक्‍शन को रफ्तार देने के लिए एचएएल ने नासिक में नई प्रोडक्‍शन लाइन भी स्‍थापित की है. चिंता की बात यह है कि सीमाई इलाकों की सुरक्षा के लिए एयरफोर्स को 41 से 42 स्‍क्‍वाड्रन विमान की जरूरत है, जबकि वायुसेना के पास फिलहाल 31 स्‍क्‍वाड्रन ही है. परिस्थितियों को देखते हुए इस गैप को जल्‍द से जल्‍द दूर करना जरूरी है, क्‍योंकि बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान अपने पुराने यार चीन से पांचवीं पीढ़ी का विमान खरीदने जा रहा है. ऐसे में यदि भारत की ओर से तत्‍काल कदम नहीं उठाया गया तो देश सामरिक रूप से पिछड़ सकता है. बता दें कि एयरफोर्स एचएएल को चार साल पहले दिए गए 83 तेजस Mk1A फाइटर जेट के अलावा अलग से अतिरिक्‍त लड़ाकू विमान का ऑर्डर देने पर विचार कर रहा है. दूसरी तरफ, फौरी जरूरतों को देखते हुए रक्षा विभाग पांचवीं पीढ़ी का स्‍टील्‍थ फाइटर जेट खरीदने पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है. इसपर भी हजारों करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है.

वायुसेना तकरीबन 60000 करोड़ रुपये के 97 अतिरिक्‍त तेजस Mk1A जेट का कॉन्‍ट्रैक्‍ट दे सकती है. (फोटो: पीटीआई)

अतिरिक्‍त तेजस Mk1A फाइटर जेट डील

जानकारी के अनुसार, इंडियन एयरफोर्स एचएएल को 97 अतिरिक्‍त तेजस Mk1A फाइटर जेट का ऑर्डर देने पर गंभीरता से विचार कर रही है. यद अतिरिक्‍त तेजस Mk1A फाइटर जेट कॉन्‍ट्रैक्‍ट दिया जाता है कि वायुसेना के पास इस कैटेगरी में कुल मिलाकर 180 तेजस Mk1A फाइटर जेट की फ्लीट हो जाएगी. इससे न केवल एयरफोर्स की ताकत बढ़ेगी, बल्कि देसी फाइटर जेट का मार्केट भी डेवलप होगा. सुरक्षा के लिहाज से देखा जाए तो पश्चिम से लेकर उत्‍तर तक की सीमा पर दुश्‍मन आंख मिलाने का दुस्‍साहस करने से पहले 100 बार सोचेगा. हालांक‍ि, अमेरिकी फाइटर जेट निर्माता कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक की ओर से वादे के मुताबिक समय पर जेट इंजन मुहैय न कराने की वजह से साल 2021 में 83 तेजस Mk1A फाइटर जेट मुहैया कराने का करार अभी तक पूरा नहीं हो सका है. हालांकि, HAL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्‍टर डीके सुनील का दावा है कि यदि एयरफोर्स की ओर से अतिरिक्‍त 97 फाइटर जेट का ऑर्डर दिया जाता है तो उसे साल 2031 तक पूरा कर दिया जाएगा. फिलहाल डिफेंस से जुड़ी खरीद कमेटी इसपर विचार कर रही है. बता दें कि एचएएल साल 2027 से हर साल 30 तेजस Mk1A फाइटर जेट बनाने का लक्ष्‍य रखा है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि जनरल इलेक्ट्रिक भारत में ही पार्टनरशिप के तहत प्रोडक्‍शन यूनिट लगाएगी.

तेजस Mk1A फाइटर जेट की प्रति यूनिट कीमत राफेल और F-35 स्‍टील्‍थ जेट से कहीं कमी है. (फेटो: पीटीआई)

ब्रह्मोस-NG की ताकत

तेजस Mk1A फाइटर जेट कई मायनों में पूर्व के लड़ाकू विमान से अलग होने वाला है. यह अत्‍याधुनिक रडार सिस्‍टम (एक्टिव इलेक्‍ट्रॉनिक स्‍कैन्‍ड ऐरे रडार – AESA) से लैस होगा. इसके अलावा इसमें ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल (न्‍यू जेनरेशन) और अस्‍त्र MK-2 मिसाइल भी इंस्‍टॉल करने की तैयारी है. बता दें कि ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल- NG पाकिस्‍तान में गदर मचाने वाली मौजूदा ब्रह्मोस से अलग और एडवांस्‍ड है. इसकी रेंज भी काफी ज्‍यादा होनेवाली है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ब्रह्मोस का हाइपरसोनिक वर्जन भी डेवलप किया जा रहा है. ऐसे में इसकी रफ्तार काफी ज्‍यादा होने वाली है. तेजस Mk1A फाइटर जेट में जनरल इलेक्ट्रिक के F404-IN20 इंजन का इस्‍तेमाल किया जाएगा. तेजस Mk1A लड़ाकू विमान की कॉम्‍बेट रेडियस 500 किलोमीटर होने वाली है, ऐसे में दुश्‍मन की सीमा में एंटर किए बिना ही टारगेट पर अटैक कर उसे तबाह करना सक्षम होगा.

राफेल और F-35 से किफायती

भारत अब पांचवीं पीढ़ी का विमान खरीदने का भी मन बना रहा है, ताकि चीन और पाकिस्‍तान की चुनौती से निपटा जा सके. रिपोर्ट की मानें तो बीजिंग अपने मित्र देश पाक‍िस्‍तान को पांचवीं पीढ़ी का विमान बेचने वाल है, ऐसे में शक्ति संतुलन स्‍थापित करने के लिए भारत को भी 5th जेनरेशन का लड़ाकू विमान एयरफोर्स की फ्लीट में एड करना होगा. बहरहाल यदि तेजस Mk1A फाइटर जेट की कीमत की तुलना राफेल और F-35 जेट करें तो जमीन-आसमान का अंतर है. 4++ जेनरेशन का देसी तेजस Mk1A फाइटर जेट की एक यूनिट की कॉस्‍ट 618 करोड़ रुपये (97 तेजस Mk1A फाइटर जेट के लिए 60000 करोड़ रुपये के हिसाब से) पड़ रही है. दूसरी तरफ, भारत ने यूरो 7,870,000,000 (₹78,998 करोड़ मौजूदा दर के हिसाब से) के करार के तहत 36 राफेल जेट का करार फ्रांस की डिफेंस कंपनी डसॉल्‍ट से किया है. ऐसे में वर्तमान में एक राफेल फाइटर जेट की कीमती 2194 करोड़ रुपये है. वहीं, पांचवीं पीढ़ी के एफ-35 स्‍टील्‍थ फाइटर जेट की कीमत 80 मिलियन से 110 मिलियन डॉलर के बीच है. इस तरह एक एफ-35 लड़ाकू विमान की कीमत 942 करोड़ रुपये है. इस तरह देसी तेजस Mk1A फाइटर जेट इन दोनों से कहीं सस्‍ता है.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...

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