बिहार भी बंगाल बनने की राह पर... नेताओं के बयान से समझिए माहौल कैसा है?

10 hours ago

Last Updated:July 10, 2025, 12:36 IST

Bihar chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी शुरू हो चुकी है. बीजेपी और विपक्षी महागठबंधन के बीच तल्खी बढ़ रही है. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विरोध जताया. क्या बिहार चुनाव...और पढ़ें

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क्या बिहार में चुनाव बंगाल की तरह लड़ा जाएगा?

हाइलाइट्स

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी शुरू हो चुकी है.राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने विरोध जताया.बिहार में भी बंगाल जैसी सियासी जंग की आहट.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. अब बिहार का राजनीतिक माहौल गर्म होना शुरू हो गया है. हाल की घटनाएं और नेताओं की बयानबाजी से सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार पश्चिम बंगाल की तरह तीखी सियासी जंग का गवाह बनने जा रहा है? पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में हिंसा, धार्मिक ध्रुवीकरण और तीखी बयानबाजी ने माहौल को गर्म कर दिया था. बिहार में भी अब वैसी ही आहट सुनाई दे रही है, जहां बीजेपी और विपक्षी महागठबंधन के बीच तल्खी चरम पर है.चुनाव आयोग के विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) ने बिहार की सियासत में आग में घी का काम किया है. विपक्षी दलों, खासकर आरजेडी और कांग्रेस ने इसे गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के मताधिकार को कमजोर करने की साजिश करार दिया है.

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने 9 जुलाई को पटना में बिहार बंद और चक्का जाम के दौरान इस मुद्दे पर शक्ति प्रदर्शन किया. तेजस्वी ने इसे चुपके से ‘एनआरसी लागू करने की कोशिश’ बताया, जबकि राहुल ने इसे संविधान पर हमला करार दिया. दूसरी ओर, बीजेपी नेता मंगल पांडेय ने इसे ‘रुटीन प्रक्रिया’ बताकर खारिज किया. यह तकरार बंगाल की तरह ध्रुवीकरण की ओर इशारा करती है, जहां ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच इसी तरह की तीखी बयानबाजी देखी गई थी.

बिहार भी बंगाल के रास्ते पर?

बीजेपी की रणनीति में धार्मिक और सामाजिक मुद्दों का मिश्रण साफ दिख रहा है. पार्टी ने माता सीता मंदिर और जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों को उठाकर सवर्ण, ओबीसी और दलित वोटरों को साधने की कोशिश की है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जंगल राज की वापसी नहीं होने देंगे.’ वहीं, चिराग पासवान ने सारण और आरा में सभी सीटों पर लड़ने का ऐलान कर जेडीयू को असहज कर दिया है. इन बयानों से एनडीए के भीतर भी तनाव की स्थिति दिखती है, जो बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच की रणनीतिक जंग की याद दिलाती है.

पक्ष-विपक्ष में जोरदार बहस

विपक्ष भी पीछे नहीं है. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को ‘सिर्फ नाम का मुख्यमंत्री’ करार देते हुए बीजेपी पर निशाना साधा, जबकि लालू यादव ने ममता बनर्जी को INDIA गठबंधन का नेतृत्व सौंपने की बात कहकर कांग्रेस को असहज कर दिया. कन्हैया कुमार को राहुल और तेजस्वी के साथ मंच से दूर रखने की घटना ने महागठबंधन में दरार की अटकलों को हवा दी. यह बंगाल की तरह ही गठबंधन की अंदरूनी कलह को दर्शाता है, जहां टीएमसी और वाम दलों के बीच तनाव देखा गया था.

सोशल मीडिया पर माहौल गर्म

सोशल मीडिया पर भी माहौल गर्म है. एक यूजर ने लिखा, ‘बिहार में बीजेपी वोटर लिस्ट के जरिए 20% वोट काटने की कोशिश कर रही है, ताकि बंगाल की तरह सत्ता हथियाए.’ दूसरी ओर, बीजेपी समर्थक इसे विपक्ष की हताशा बता रहे हैं. बिहार में हिंसा और अपराध की घटनाएं, जैसे मरीन ड्राइव पर तेजस्वी के काफिले पर हमला, माहौल को और तनावपूर्ण बना रही हैं.

बिहार का चुनावी माहौल बंगाल की तरह गर्म होने की ओर बढ़ रहा है, जहां ध्रुवीकरण, बयानबाजी और हिंसा की आशंका बढ़ रही है. एनडीए नीतीश के नेतृत्व में एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन चिराग और जीतन राम मांझी की महत्वाकांक्षाएं इसे जटिल बना रही हैं. महागठबंधन की एकता भी कन्हैया जैसे नेताओं के प्रति आरजेडी के रवैये से कमजोर हो सकती है. कुल मिलाकर, बिहार 2025 का चुनाव न केवल नीतीश बनाम तेजस्वी की लड़ाई है, बल्कि बंगाल की तरह तीखे सियासी टकराव का मैदान बन सकता है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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