Last Updated:July 10, 2025, 22:16 IST
Shubhanshu Shukla Return Date: नासा के अनुसार, ISS पर गए भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को पृथ्वी पर लौट सकते हैं. वापसी के बाद उनकी मेडिकल निगरानी की जाएगी.

NASA ने बताया, स्पेस स्टेशन से कब वापस लौटेगा शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष यान. (File Photo : Axiom Space)
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम 14 जुलाई को अंतरिक्ष से वापस लौट सकती है. नासा ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी. इससे पहले, यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने संकेत दिए थे कि Axiom-4 (Ax-4) मिशन के सभी अंतरिक्ष यात्री 14 जुलाई से पहले पृथ्वी पर नहीं लौटेंगे. शुभांशु शुक्ला के साथ इस मिशन में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोस उज़्नांस्की-विस्निएवस्की और हंगरी के तिबोर कापू शामिल हैं. यह टीम 25 जून को स्पेसएक्स की ‘ड्रैगन ग्रेस’ कैप्सूल में बैठकर फाल्कन रॉकेट से रवाना हुई थी, और 26 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक जुड़ गई थी.
27 जून से इस टीम ने विज्ञान प्रयोग शुरू कर दिए थे, जिनके लिए 14 दिन का समय तय था. यानी कि 10 जुलाई को उनकी वापसी होनी थी, लेकिन अब ESA के मुताबिक, 14 जुलाई के बाद ही उनकी पृथ्वी पर वापसी संभव है. हालांकि यह तारीख ड्रैगन कैप्सूल की ‘अनडॉकिंग’ पर निर्भर करेगी, जिसकी अभी पुष्टि नहीं की गई है.
क्या कर रहे हैं शुभांशु शुक्ला ISS पर?
शुभांशु शुक्ला वहां भारत के लिए सात माइक्रोग्रैविटी प्रयोग कर रहे हैं. इसके अलावा वे पांच प्रयोग ISRO और NASA की साझेदारी में भी कर रहे हैं. 10वें दिन उन्होंने स्प्राउट्स प्रोजेक्ट पर काम किया. इसमें उन्होंने बीजों को -80 डिग्री सेल्सियस पर रख कर यह जांचने की शुरुआत की कि माइक्रोग्रैविटी का बीज अंकुरण और प्रारंभिक विकास पर क्या असर होता है. इन बीजों को पृथ्वी पर लाकर कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा, जिससे उनके जेनेटिक्स और पोषण की जांच की जा सके.
शुभांशु ने माइक्रोएल्गी का भी परीक्षण किया है, जिन्हें भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ऑक्सीजन, भोजन और बायोफ्यूल उत्पादन के संभावित स्रोत के रूप में देखा जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने क्रॉप सीड्स प्रोजेक्ट के लिए बीजों की तस्वीरें भी ली हैं, जिनमें छह प्रकार की फसलें शामिल हैं जिन्हें मिशन के बाद कई पीढ़ियों तक उगाकर उनका जीन विश्लेषण किया जाएगा.
वापसी के बाद क्या होगा?
ESA ने बताया है कि वापसी के बाद स्लावोस उज़्नांस्की को कोलोन (जर्मनी) के European Astronaut Centre और DLR के ‘envihab’ फैसिलिटी में मेडिकल निगरानी, डिब्रीफिंग और पुनर्वास के लिए लाया जाएगा. शुभांशु शुक्ला की भी इसी तरह नासा और भारतीय विशेषज्ञों की निगरानी में रीकवरी प्रक्रिया चलाई जाएगी. अब सबकी नजर 14 जुलाई के आसपास शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी पर है.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
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