Canada Hindu Temple Targeted: कनाडा में एक और हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई है और दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिख दिए गए. नेपियन से भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने बताया कि एडमोंटन में BAPS स्वामीनारायण मंदिर को मंगलवार सुबह निशाना बनाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि 'हिंदू-कनाडाई वैध रूप से चिंतित हैं.'
घटना के बाद, कनाडा में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने क्षतिग्रस्त मंदिर की तस्वीर पोस्ट की और 'एडमॉन्टन में BAPS मंदिर में हिंदू विरोधी नारों और बर्बरता की कड़ी निंदा की.'
कनाडा में विहिप ने जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार से 'देश में शांतिप्रिय हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाली बढ़ती चरमपंथी विचारधारा के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने' की अपील की.
'खालिस्तानी चरमपंथी आसानी से बच निकलते हैं'
सांसद आर्य ने एक्स पर कहा, 'जैसा कि मैं हमेशा कहता रहा हूं, खालिस्तानी चरमपंथी नफरत और हिंसा की अपनी सार्वजनिक बयानबाजी से आसानी से बच निकलते हैं.' बता दें पिछले वर्ष जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद खालिस्तान समर्थकों की भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ गई हैं.
सांसद आर्य ने आगे कहा, 'मैं फिर से यह बात रिकॉर्ड पर रखना चाहता हूं: हिंदू-कनाडाई वैध रूप से चिंतित हैं. एक टूटे हुए रिकॉर्ड की तरह, मैं फिर से कनाडाई कानून प्रवर्तन एजेंसियों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की अपील करता हूं, इससे पहले कि ये बयानबाजी हिंदू-कनाडाई लोगों के खिलाफ शारीरिक कार्रवाई में तब्दील हो जाए.'
‘हिंदुओं से भारत वापस जाने की अपील’
भारतीय मूल के कनाडाई सांसद ने आगे बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा के अन्य स्थानों पर हिंदू मंदिरों पर घृणित नारे लिखकर तोड़-फोड़ की जा रही है.
आर्य ने कहा, 'सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पिछले साल सार्वजनिक रूप से हिंदुओं से भारत वापस जाने की अपील की थी.' उन्होंने आगे कहा, 'खालिस्तान समर्थकों ने ब्रैम्पटन और वैंकूवर में (पूर्व भारतीय) प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का सार्वजनिक रूप से जश्न मनाया और घातक हथियारों की तस्वीरें लहराईं.'
कनाडा में मंदिर पर हमले की यह पहली घटना नहीं
एडमॉन्टन में BAPS स्वामीनारायण मंदिर पर हमला हाल के वर्षों में दर्ज की गई ऐसी ही घटनाओं की सीरीज में लेटेस्ट है. 2023 में, विंडसर में एक हिंदू मंदिर पर भारत विरोधी भित्तिचित्रों से हमला किया गया था, जिसकी व्यापक निंदा की गई थी और कनाडाई और भारतीय अधिकारियों दोनों ने कार्रवाई की मांग की थी.
मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में पहले की घटनाओं में भी इसी तरह के मंदिरों को निशाना बनाया गया था, जिस पर कनाडा में भारतीय समुदाय की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी.