Smartphone Banned in Chilean's School: आज के समय में फोन के साथ-साथ सोशल मीडिया की लत लगना आम बात हो गई है. ऐसे में बच्चों का भविष्य भी अंधकार की ओर नजर आने लगता है जिसके लिए लगातार प्रशासन समेत अभिभावकों की भी कोशिश रहती है कि वो अपने बच्चों का ध्यान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दूर रखकर पढ़ाई समेत अन्य एक्टिविटी की ओर बढ़ा सके. इस तरह की कोशिश चिली के स्कूल में की गई और इसका एक अच्छा रिजल्ट भी देखने को मिला. दरअसल, लो बार्नेचेआ बाइसेन्टेनारियो स्कूल की ओर से ऐसी पहल की गई जिस कार्यक्रम में मोबाइल फोन के सिग्नल को ब्लॉक किया गया. इसका उद्देश्य छात्रों को सोशल मीडिया की लत से दूर रखना, उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना.
फोन की दूर से बढ़ी नजदीकी
चिली की राजधानी सैंटियागो के स्कूल में बच्चों को फोन से दूर करने के लिए सिग्नल बंद कर देने की पहल काम आई. कोई इंस्टाग्राम, फेसबुक, टिक टॉक जैसे सोशल मीडिया की लत का आदी नहीं दिखा बल्कि वो पहले से अधिक एक्टिव नजर आए. टेबल टेनिस, डांस रिहर्सल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल जैसे खेल में भाग लेते दिखे. इतना ही नहीं एक दूसरे से बातचीत बढ़ी. फोन से छात्रों की दूरी ने बच्चों को नया अनुभव प्रदान किया.
बदल रही है छात्रों की जिंदगी
फोन से दूरी होने पर छात्रों को टिक टॉक या इंस्टाग्राम चलाते हुए नहीं देखा गया बल्कि वो अपने खाली समय में कैफे, लाइब्रेरी या प्ले ग्राउंड में दिखाई देने लगे. यहां के स्कूल में फिलहाल 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए फोन पर बैन लगाया गया है. जल्द ही सभी कक्षाओं के लिए ये नियम लागू हो सकता है और अन्य जिले के स्कूलों में भी इस नियम को लागू किया जा सकता है.
क्यों जरूरी है ये कदम?
OECD की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार चिली में बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी ज्यादा है. आधे से ज्यादा छात्र हैं जो फोन की लत के शिकार हैं और पढ़ाई से दूर जा रहे हैं. ऐसी स्थिति कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई के बाद से अधिक बढ़ी है. ऐसे में बच्चों को फोन की लत से दूर रखने की ये पहल जरूरी है जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकेगा.
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