तेजस Mk1A की डिलिवरी में फिर अड़चन, IAF परेशान, सात समंदर पार से आएगा समाधान!

3 hours ago

Last Updated:October 21, 2025, 12:27 IST

तेजस Mk1A की डिलिवरी में फिर अड़चन, IAF परेशान, सात समंदर पार से आएगा समाधान!एचएएल ने कुछ फाइटर जेट्स का निर्माण पूरा कर लिया है.

Tejas Mk1A Fighter Jet Updates:  देसी फाइटर जेट तेजस Mk1A की डिलिवरी में एक बार फिर अड़चन आ गई है. इस फाइटर जेट ने पिछले दिनों ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने उड़ान भरी थी. इसके बाद उम्मीद जताई गई कि विमान को जल्द ही एयरफोर्स को सौंप दिया जाएगा. इस विमान को हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) बना रही है. HAL कहना है कि अमेरिकी कंपनी जीई से इंजन मिलने के बाद कुछ तेजस Mk1A को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है. लेकिन, इन्हें अभी एयरफोर्स को नहीं सौंपा जा रहा है, क्योंकि इस विमान के सॉफ्टवेयर को लेकर कुछ गड़बड़ी सामने आई है.

रिपोर्ट के मुताबिक एचएएल ने साफ कहा है कि फाइटर जेट पूरी तरह तैयार हैं लेकिन इनमें आर्म्स जोड़ने में दिक्कत आ रही है. दरअसल, एचएएल इस फाइटर जेट में अस्त्र एमके-1 मिसाइल को ऐडर रहा है. यह एक शानदार वीवीआर मिसाइल है. इसकी रेंज 110 किमी के आसपास है. लेकिन, डीआरडीओ के वैज्ञानिक इस मिसाइल और जेट को सॉफ्टवेयर के जरिए कनेक्ट नहीं कर पा रहे हैं. इसमें सबड़ी दिक्कत विमान में लगे इजरायली रडार है. तेजस Mk1A में डीआरडीओ ने इजरायली EL/M-2052 रडार लगाया है. यह एक एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड अरे रडार है.

इजरायल के साथ समझौते के तहत डीआरडीओ इस रडार का लाइसेंस प्रोडक्शन करता है. यही रडार तेजस विमानों में भी लगाया गया है. लेकिन, तेजस Mk1A एक एडवांस विमान है और इसके हथियारों और रडार को कनेक्ट करने में दिक्कत आ रही है. इस दिक्कत को दूर करने के लिए डीआरडीओ के साइंटिस्टों को इस रडार सिस्टम के सोर्स कोड की जरूरत थी. लेकिन, यह सोर्स कोड इजरायल के पास है. अब भारत ने इस सोर्स कोड के लिए इजरायल से अनुरोध किया है. अब यह देखना है कि डीआरडीओ को यह सोर्स कोड कब मिलता है और वह कब इस समस्या को दूर करता है.

रिपोर्ट के मुताबिक डीआरडीओ को अब तक जीई कंपनी से करीब इंजन प्राप्त हो चुके हैं. दूसरी तरफ डीआरडीओ ने 10 से 12 फाइटर जेट्स तैयार कर लिया है. इंजन की डिलिवरी होने और सॉफ्टवेयर मिलने के बाद संभव है कि यह परेशानी दूर जाएगी और एयरफोर्स को विमान डिलिवर हो जाएंगे. एयरफोर्स को इस वक्त फाइटर जेट्स की सख्त जरूरत है. उसने एचएएल को तेजस Mk1A के 180 यूनिट्स का ऑर्डर दिया है. लेकिन अभी तक एक भी विमान की डिलिवरी नहीं हुई है. यह डील समय से काफी लेट है. एचएएल का कहना है कि इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण उसको परेशानी आ रही थी. लेकिन, अब इंजन की परेशानी दूर हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी कंपनी जीई तेजी से इंजनों की सप्लाई कर रही है. इससे प्रोडक्शन में भी तेजी आएगी.

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First Published :

October 21, 2025, 12:27 IST

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