फूट गया ट्रंप का वीजा बम, H1B के लिए भरने होंगे 88 लाख, इन लोगों को मिल सकती है छूट

4 hours ago

H1B Visa: भारतीयों के लिए अब अमेरिका में रहकर काम करना और कठिन हो गया है. बता दें कि अमेरिका की ओर से H1B वीजा पर लगाए गए 1 लाख डॉलर यानी 88 लाख रुपये की फीस आज मंगलवार 21 अक्टूबर 2025 से लागू हो गई है. 70 फीसदी H1B वीजा भारतीयों को मिलता है. ऐसे में आप साफ अंदाजा लगा सकते हैं कि इससे भारतीयों को कितनी बड़ी चोट पहुंची होगी. 

USCIS का नोटिस 

यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) की ऑफीशियल वेबसाइट पर जारी नोटिस के मुताबिक 21 सितंबर 2025 की रात 12:01 बजे यानी भारत में सुबह 9:31 बजे या उसके बाद फाइल की गई नई H1B वीजा याचिकाओं के साथ 88 लाख का पेमेंट होना चाहिए.  USCIS ने यह भी साफ किया कि अमेरिकी सरकार फिलहाल शटडाउन में चल रही है ऐसे में सरकारी कामकाज रुके हुए हैं. इसके चलते लेबर कंडिशन एप्लीकेशन (LCA) और टेंपररी लेबर सर्टिफिकेशन (DOL) जैसे डॉक्यूमेंट्स को समय पर लेना मुश्किल हो सकता है. ये दस्तावेज फॉर्म I-129 या I-129CW जमा करने के लिए जरूरी होते हैं. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति यह साबित कर देता है कि उसने बाकी सभी जरूरी शर्तें पूरी की थीं, लेकिन सरकारी शटडाउन की वजह से वह समय पर वीजा एप्लीकेशन नहीं कर पाया तो USCIS इसे असाधारण परिस्थिति मानेगा. इस आधार पर USCIS यह तय करेगा कि उस व्यक्ति की देरी को माफ किया जा सकता है या नहीं.   

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किसे मिलेगी छूट? 

USCIS ने कहा कि फाइनेँशियल ईयर 2026 के लिए लीगली H1B वीजा जारी करने की जो रेगुलर लिमिट है (65,000 H-1B वीजा) और अमेरिकी एडवांस डिग्री वालों को छूट के तहत जो लिमिट है (20,000 H-1B वीजा) उतने एप्लीकेशन प्राप्त हो चुके हैं. इसका मतलब यह है कि अब USCIS इन कैटेगरी में और H-1B वीजा एप्लीकेशन स्वीकार नहीं करेगा. USCIS ने यह भी साफ किया है कि 88 लाख रुपये की यह फीस स्टेटस में बदलाव पर लागू नहीं होगी. एजेंसी के अनुसार मौजूदा H1B वीजा होल्डर्स को भी US छोड़ने और वापस आने से नहीं रोका जाएगा.   

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भारतीयों के लिए मुसीबत 

बता दें कि अमेरिकी कंपनियां भारत जैसे देशों से हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स को H1B वीजा के जरिए वहां बुलाकर काम कराती हैं. यह वीजा शुरू में 3 साल के लिए मिलता है और इसे 3 साल और बढ़ाया जा सकता है. हर साल अमेरिका 85,000 H1B वीजा जारी करता है. पहले इस वीजा की फीस लगभग 1,700-4,500 डॉलर तक थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया गया है, जिसे कर्मचारियों को नहीं बल्कि कंपनियों को चुकानी होगी. यानी अगर कोई कंपनी किसी भारतीय प्रोफेशनल को अमेरिका में नौकरी दिलाना चाहती है, तो उसे हर व्यक्ति के लिए इतनी बड़ी रकम चुकानी होगी. इससे भारतीयों के लिए ग्रीन कार्ड यानी अमेरिकी नागरिकता पाने का सपना और मुश्किल हो सकता है.  

FAQ 

H-1B वीजा क्या है? 

यह एक अमेरिकी वीजा है जिसके जरिए कंपनियां विदेशों से कुशल प्रोफेशनल्स को काम के लिए बुलाती हैं.  

अमेरिका हर साल कितने H-1B वीजा जारी करता है? 

अमेरिका हर साल  कुल 85,000 वीजा जारी करता है, जिसमें 65,000 रेगुलर कोटा और 20,000 अमेरिकी मास्टर डिग्री वालों के लिए होता है.

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