CISF NEWS: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों के लिए 12 साल अब ‘मनमर्जी’ के होंगे. इतना ही नहीं, चॉइस के 40 लोकेशन पर नौकरी करने की आजादी होगी. यानी कुल मिलाकर कहें तो सीआईएसएफ की नई ट्रांसफर पॉलिसी आने के बाद नॉन गजेटेड ऑफिसर्स के लिए मजे ही मजे जैसी स्थिति हो गई है. यहां स्पष्ट कर दें कि जवानों को मनमर्जी के 12 साल तभी मिलेंगे, जब वह नॉन चॉइस पोस्टिंग वाला 10 साल का पहला टेंयोर पूरा कर लेंगे.
सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नई ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी के तहत नॉन गजेटेड ऑफिसर्स, जिसमें कॉन्स्टेबल से इंस्पेक्टर रैंक तक के अधिकारी शामिल हैं, पहले दस साल नॉन चॉइस वाली लोकेशन पर ड्यूटी करनी होगी. दस साल का यह टेंयोर पूरा करने के बाद ही नॉज गजेडेट ऑफिसर्स दूसरे टेंयोर के लिए योग्य होंगे. दूसरे टेंयोर की कुल अवधि 12 साल निर्धारित की गई है, जिसे तीन-तीन साल के चार सब-टेंयोर में बांटा गया है.
जवानों को देनी होगी 10 लोकेशन की चॉइस
सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 10 साल की सर्विस का पहला टेंयोर पूरा होते ही जवानों को ऐसी दस लोकेशन की चॉइस दी जाएगी, जहां पर वह दूसरे टेंयोर के तहत ट्रांसफर-पोस्टिंग चाहते हैं. इन दस लाकेशन में से किसी एक लोकेशन पर जवान या नॉन गजेटेड ऑफिसर्स की तैनाती कर दी जाएगी. सीआईएसएफ कर्मियों की यह पोस्टिंग तीन वर्ष के लिए होगी. तीन वर्ष पूरे होने के बाद उन्हें एक बार फिर दस लोकेशन की चॉइस दी जाएगी.
एक ही लोकेशन पर नहीं होगी दोबारा पोस्टिंग
सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा दी गई इन दस चॉइस में किसी एक लोकेशन पर उनकी पोस्टिंग एक बार फिर कर दी जाएगी. यह सिलसिला हर तीन सालों में 12 साल तक जारी रहेगा. यानी नई पॉलिसी के तहत, जवान अपनी मनमर्जी की लोकेशन पर 12 साल तक नौकरी करेगा. यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि सीआईएसएफ कर्मी एक ही लोकेशन पर पोस्टिंग के लिए दो बार रिक्वेस्ट दे सकते हैं, लेकिन सामान्य परिस्थितियों में उनको दोबारा एक ही लोकेशन पर पोस्टिंग नहीं दी जाएगी.
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FIRST PUBLISHED :
December 31, 2024, 14:48 IST