Last Updated:June 30, 2025, 15:39 IST
Karnataka Political Crisis: कांग्रेस पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान के पास यह पावर है वो कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन को लेकर आखिरी फैसला ले. इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि सितंबर तक ...और पढ़ें

कर्नाटक सरकार पर संकट मंडरा रहा है. (News18)
हाइलाइट्स
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.खरगे का कहना है कि सत्ता परिवर्तन पर आलाकमान फैसला लेगा.सिद्धारमैया का कहना है उनकी सरकार पांच साल पूरे करेगी.Karnataka Political Crisis: कांग्रेस पार्टी के पास इस वक्त देश में कुल तीन राज्यों में सरकार है. कांग्रेस नेतृत्व के लिए इन तीन राज्यों में सत्ता बनाए रखना भी मुश्किल साबित हो रहा है. इस वक्त कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार संकट में नजर आ रही है. इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व सिद्धारमैया को पद से हटा सकता है और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है. कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को अफवाहों का स्पष्ट रूप से खंडन नहीं किया. खरगे ने कहा कि पार्टी हाईकमान तय करेगा कि कर्नाटक सीएम की कुर्सी जाएगी या नहीं.
खरगे के बयान से सियासी बवाल
खड़गे की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला बेंगलुरु दौरे पर हैं. जिसने सिद्धारमैया की जगह डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चाओं को हवा दे दी है. कांग्रेस चीफ से पूछा गया कि क्या अक्टूबर में कर्नाटक के सीएम को बदला जाएगा. इसपर खड़गे ने कहा, “यह हाईकमान के हाथ में है, यहां कोई नहीं कह सकता कि हाईकमान में क्या चल रहा है. यह हाईकमान पर छोड़ दिया गया है. उनके पास आगे की कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन अनावश्यक रूप से किसी को समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए.”
सरकार 5 साल पूरे करेगी: सिद्धारमैया
इस बीच सीएम सिद्धारमैया ने अपने और डिप्टी डीके शिवकुमार के बीच मतभेद की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार पांच साल तक चट्टान की तरह अखंड रहेगी. आपको क्या लगता है, क्या मैं दशहरा का उद्घाटन करूंगा? डीके शिवकुमार और मैं साथ हैं और यह सरकार पांच साल तक चट्टान की तरह अखंड रहेगी. भाजपा झूठ बोलने के लिए जानी जाती है, वे यही करते हैं. श्रीरामुलु चुनाव हार गए और बयानबाजी की. हम अखंड हैं और हमें उनकी किसी भी टिप्पणी की परवाह नहीं है.
कैसे शुरू हुआ परा बखेड़ा?
यह पूरा बखेड़ा तब शुरू हुआ जब रविवार को कर्नाटक कांग्रेस के विधायक एच ए इकबाल हुसैन ने दावा किया कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को अगले दो से तीन महीनों के भीतर राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है. हुसैन ने कहा, “आप सभी जानते हैं कि इस सरकार के सत्ता में आने से पहले कांग्रेस की ताकत क्या थी. हर कोई जानता है कि इस जीत को हासिल करने के लिए किसने संघर्ष, पसीना, प्रयास और रुचि दिखाई. यह पूछे जाने पर कि क्या शिवकुमार के पास सीएम बनने का मौका है. हुसैन ने कहा, “हां, मैं यह कह रहा हूं. सितंबर के बाद क्रांतिकारी राजनीतिक घटनाक्रम के लिए कुछ नेता जिस तारीख का संकेत दे रहे हैं – वे उसी के बारे में बात कर रहे हैं. दो से तीन महीने के भीतर फैसला हो जाएगा.”
हुसैन ने आगे बताया कि कांग्रेस आलाकमान ने 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, “हम सब उस समय दिल्ली में एक साथ थे. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैसला लिया. यह सभी जानते हैं. वे अगला फैसला भी लेंगे- हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा.” सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने भी हाल ही में सितंबर के बाद राज्य में “क्रांतिकारी” राजनीतिक घटनाक्रम का संकेत दिया है. सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें कुछ समय से चल रही हैं, जो सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित पावर शेयरिंग से जुड़ी हैं.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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