Fact Check: नेताजी की फोटो वाले नोट नेहरू सरकार में बंद किए जाने का दावा फेक

1 month ago

Last Updated:February 26, 2025, 22:47 IST

सोशल मीडिया पर सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर वाले 10 रुपये के नोट को लेकर दावा फेक है. यह नोट भारत में लीगल टेंडर नहीं था और इसे आरबीआई ने जारी नहीं किया था.सुभाष चंद्र बोस सीरीज का बैंक नोट बताकर शेयर किया जा रहा ...और पढ़ें

 नेताजी की फोटो वाले नोट नेहरू सरकार में बंद किए जाने का दावा फेक

नेताजी की तस्वीर वाले नोट को नेहरू सरकार में बंद किए जाने का दावा फेक

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई यूजर्स 10 रुपये के बैंक नोट की तस्वीर को शेयर कर रहे हैं, जिस पर सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर लगी हुई है. दावा किया जा रहा है कि यह सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर वाला 10 रुपये का ‘ऐतिहासिक’ नोट है, जिसे जवाहर लाल नेहरू ने बंद करा दिया था.

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया. वास्तव में यह नोट कभी भी भारत में लीगल टेंडर या मान्य नहीं रहा. इस नोट को सुभाष चंद्र बोस की तरफ से रंगून में स्थापित आजाद हिंद बैंक (नेशनल बैंक ऑफ इंडिपेंडेंस) की तरफ से जारी किया गया था, न कि भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से.

स्वतंत्र भारत में जारी किया गया पहला बैंक नोट एक रुपये का नोट था, जिसे 1949 में जारी किया गया था और इसमें किंग जॉर्ज की जगह सारनाथ के अशोक स्तंभ का इस्तेमाल किया गया था. भारत में कभी भी आरबीआई की तरफ से सुभाष चंद्र बोस सीरीज के नोटों को जारी नहीं किया गया.

क्या है वायरल?
कई यूजर्स ने वायरल नोट की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘जय हिंद 10 नेता जी सुभाष चंद्र की तस्वीर वाला 10 का नोट . जिसे नेहरू ने बंद करवा दिया था. ताकि भारतीय सच्चे स्वतंत्रता सेनानायक और बलिदानी को भूल जाएं. इसे इतना शेयर करो कि यह वापस शुरू होना चाहिये.’

Vishwas

विश्वास न्यूज के टिपलाइन पर भेजा गया मैसेज।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है.

पड़ताल
वायरल वोट की तस्वीर 10 रुपये के बैंक नोट की है, जिस पर सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर लगी हुई है और दावा किया जा रहा है कि इस नोट के सर्कुलेशन को जवाहर लाल नेहरू के आदेश पर बंद कर दिया गया.

भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर आजादी पूर्व और आजादी के बाद के जारी किए बैंक नोटों और सिक्कों का विस्तृत विवरण मौजूद है. वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, आजाद भारत का पहला बैंक नोट अशोक स्तंभ सीरीज के बैंक नोट थे. इसके तहत 1949 में स्वतंत्र भारत का पहला बैंक नोट जारी किया गया, जो एक रुपये का बैंक नोट था.

आजाद भारत का पहला बैंक नोट अशोक स्तंभ सीरीज के बैंक नोट थे. इसके तहत 1949 में स्वतंत्र भारत का पहला बैंक नोट जारी किया गया, जो एक रुपये का बैंक नोट था.

इस नोट में पुरानी डिजाइन को बरकरार रखते हुए वाटरमार्क विंडो में किंग जॉर्ज की तस्वीर के स्थान पर सारनाथ से अशोक स्तम्भ के सिंह प्रतीक के साथ नए बैंक नोट जारी किए गए.

इसके बाद 1000, 5000 और 10000 रुपये की कीमत के बैंक नोट वर्ष 1954 में जारी किए. अशोक स्तंभ वाटरमार्क सीरीज वाले 10 रुपये के बैंक नोट 1967 और 1992 में जारी किए गए. इस सीरीज के 20 रुपये के बैंक नोट 1972 से 1975 के बीच जारी किए गए. वहीं, 50 रुपये के बैंक नोट 1975 से 1981 के बीच जारी किए गए, जबकि 100 रुपये के बैंक नोट 1967 से 1979 के बीच जारी किए गए.

उक्त अवधि के दौरान जारी किए गए बैंकनोटों में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, प्रगति, भारतीय कला रूपों को प्रदर्शित करने वाले प्रतीक शामिल थे . वर्ष 1970 में, पहली बार ‘सत्यमेव जयते’ चिह्न के साथ बैंकनोट शुरू किए गए. महात्मा गांधी की तस्वीर तथा अशोक स्‍तंभ के वाटरमार्क के साथ ₹500 के बैंकनोट की शुरुआत अक्तूबर 1987 में की गई .

महात्मा गांधी (एमजी) सीरीज 1996
इसके बाद महात्मा गांधी (एमजी) सीरीज के तहत 5, 10, 20,50,100,500 और 1000 रुपये के बैंक नोटों को जारी किया गया.

एमजी सीरीज – 1996 के अंतर्गत जारी किए गए बैंक नोटों का विवरण.

इस सीरीज के सभी बैंक नोटों में सामने के भाग पर अशोक स्‍तंभ के लॉयन कैपिटल के प्रतीक के स्थान पर महात्मा गांधी का चित्र है . अशोक स्‍तंभ के लॉयन कैपिटल को भी बरकरार रखा गया है तथा वाटरमार्क विंडो के बायीं ओर खिसका दिया गया है . इसका अर्थ यह है कि इन बैंक नोटों में महात्मा गांधी के चित्र के साथ-साथ महात्मा गांधी का वाटरमार्क भी है .

महात्मा गांधी सीरीज – 2005 बैंक नोट
एमजी सीरीज 2005 में 10, 20, 50, 100, 500 और 1000 रुपये के नोट जारी किए . इसमें 1996 एमजी सीरीज की तुलना में कुछ अतिरिक्त/नई सुरक्षा विशेषताओं को सम्मिलित किया गया है.

महात्मा गांधी सीरीज 2005 वाले बैंक नोट ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹500 तथा ₹1000 श्रेणी में जारी किए गए और इसमें 1996 एमजी सीरीज की तुलना में कुछ अतिरिक्त/नई सुरक्षा फीचर्स को शामिल किया गया था. (Source-RBI)


महात्मा गांधी (नई) सीरीज (एमजीएनएस) – नवंबर 2016

आठ नवंबर 2016 की मध्य रात्रि से इस सीरीज के 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया और महात्मा गांधी (नई) सीरीज (MGNS) के 500 रुपये और 2000 रुपये के नोटों को नवंबर 2016 में जारी किया गया.

इस नई शृंखला का पहला बैंक नोट 08 नवंबर 2016 को जारी किया गया, जो 2000 रुपये का नोट था. इसके बाद इस सीरीज के तहत 500, 200, 100, 50, 20 और 10 रुपये के नोटों को जारी किया गया.

2016 में नोटबंदी के बाद जारी किए गए महात्मा गांधी नई सीरीज के नोट. (Source-RBI)

वायरल पोस्ट में किए गए दावे के आधार पर की-वर्ड सर्च में हमें कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर वाले बैंक नोटों का जिक्र है.

द हिंदू की 17 नवंबर 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बैंक ऑफ इंडिपेंडेंस की तरफ से जारी नोट को उनकी 113वीं जयंती के मौके पर सार्वजनिक किया गया.

सर्च में हमें द बेटर इंडिया के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट मिला, जिसमें इस नोट का समान संदर्भ में जिक्र है.

सुभाष चंद्र बोस स्थापित नेशनल बैंक ऑफ इंडिपेंडेंस की तरफ से जारी 1000 रुपये का नोट, जो भारत में कभी मान्य नहीं था.

पोस्ट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘1944 में, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध के लिए धन जुटाने के लिए बर्मा के रंगून में आजाद हिंद बैंक की स्थापना की. इसका उद्देश्य दुनिया भर में भारतीयों से मिलने वाले योगदान को मैनेज करने के लिए भारतीय मुद्रा नोट छापना था. 1980 के दशक में, सेवानिवृत्त ठेकेदार राम किशोर दुबे को अपने दादा की रामायण की पुस्तक में इनमें से एक दुर्लभ नोट मिला. उनके दादा, प्रागीलाल, इंडियन नेशनल आर्मी (INA) के सदस्य थे और बुंदेलखंड क्षेत्र में उनके गुप्त कार्य के लिए नेताजी ने उन्हें यह नोट पुरस्कार के रूप में दिया था.’

एक लाख रुपये मूल्य के इस नोट पर बोस की तस्वीर, भारत का स्वतंत्रता-पूर्व मानचित्र और ‘बैंक ऑफ इंडिपेंडेंस’ लिखा हुआ था. ओडिशा के कटक में नेताजी सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय में आजाद हिंद बैंक द्वारा जारी किए गए सिक्कों और मुद्रा नोटों का एक दुर्लभ संग्रह मौजूद है.’

ओडिशा सरकार की वेबसाइट पर इस संग्रहालय का विवरण मौजूद है. कनाइलाल बासु लिखित पुस्तक ‘Netaji: Rediscovered’ में भी सुभाष चंद्र बोस स्थापित आजाद हिंद बैंक का जिक्र है, जिसके चेयरमैन देबनाथ दास थे.

वायरल दावे को लेकर हमने आरबीआई के प्रवक्ता से संपर्क किया. उन्होंने कहा कि भारत में छपे अब तक की सभी सीरीज के नोटों का विवरण आरबीआई की वेबसाइट पर मौजूद है.

हमारी जांच से स्पष्ट है कि देश में कभी भी सुभाष चंद्र बोस की सीरीज के नोटों को जारी नहीं किया गया. 500 रुपये के नोटों से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है.

निष्कर्ष: सुभाष चंद्र बोस सीरीज का बैंक नोट बताकर शेयर किया जा रहा बैंक नोट कभी भी भारत में लीगल टेंडर नहीं था और उसे आरबीआई ने जारी नहीं किया था. बर्मा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1944 में नेशनल बैंक ऑफ इंडिपेंडेंस की स्थापना की थी, जिसने नेताजी की तस्वीर वाले बैंक नोटों और सिक्कों को जारी किया था. भारत में आजादी के बाद जारी किया गया पहला बैंक नोट 1 रुपये का बैंक नोट था, जो सारनाथ (अशोक स्तंभ) सीरीज का नोट था.

This story was originally published by vishvasnews.com, and republished by hindi.news18.com as part of the Shakti Collective.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 26, 2025, 22:22 IST

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