Indian Naval Ship Kadmatt visit to Indonesia: भारत को घेरने के लिए चीन लगातार भारत के चारों ओर अपने सैन्य बेस बना का निर्माण कर रहा है. चीन की इस रणनीति को रक्षा विशेषज्ञ मोतियों की माला कहकर संबोधित करते हैं और भारत को सजग होने की सलाह देते हैं. बाहरी तौर पर ऐसा लगता है कि भारत इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर रहा लेकिन ऐसा नहीं है. भारत खामोशी लेकिन दृढता के साथ चीन को उसी की भाषा में जवाब देने में लगा है. जिस तरह चीन ने हिंद महासागर में आकर अपने अड्डे बना रहा है, उसी तरह भारत भी चीन की मांद कहे जाने दक्षिण चीन सागर में एंट्री करके ड्रैगन के विरोधी देशों के साथ सैन्य, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक संबंध मजबूत कर रहा है.
फिलीपींस के साथ की थी जॉइंट पेट्रोलिंग
भारतीय सेना ने कुछ दिनों पहले ही फिलीपींस नेवी के साथ दक्षिण चीन सागर में जॉइंट पेट्रोलिंग की थी. यह सीधे-सीधे चीन को चुनौती थी कि जो करना है कर लो, भारत अब दबने वाला नहीं है. भारत के इस एक्शन से हैरान चीन बस देखता रह गया था और उसके युद्धपोत दूर खड़े रहकर मॉनिटरिंग के सिवाय कुछ नहीं कर पाए थे. फिलीपींस के साथ चीन का कई द्वीपों के मालिकाना हक और दक्षिण चीन सागर में हिस्सेदारी को लेकर बरसों से विवाद चला आ रहा है.
चीन की मजबूत नौसेना का मुकाबला करने के लिए भारत ने फिलीपींस के आग्रह पर उसे अपनी सबसे आधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलें भी बेची हैं और अब आकाश एयर डिफेंस सिस्टम के सौदे पर बात चल रही है. फिलीपींस के साथ ही भारत दक्षिण चीन सागर के बाकी देशों वियतनाम, सिंगापुर, मलेशिया, ब्रुनेई और इंडोनेशिया के साथ भी अपने संबंध लगातार मजबूत कर रहा है. इन देशों का भी चीन के साथ गहरा जल विवाद है. ये देश दक्षिण चीन सागर पर चीन के एकाधिकार को मानने से स्पष्ट इनकार करते हैं और उससे मुकाबले के लिए भारत के साथ आ रहे हैं.
इंडोनेशिया पहुंचा भारतीय पनडुब्बी युद्धपोत
फिलीपींस नेवी के साथ जॉइंट पेट्रोलिंग के बाद भारतीय नौसेना ने इंडोनेशिया का 3 दिवसीय दौरा पूरा किया है. इंडियन नेवी के युद्धपोत INS कदमत्त इंडोनेशिया के सुरबाया बंदरगाह पर पहुंचा था. यह एक स्वदेशी तकनीक से निर्मित पनडुब्बी रोधी ASW कोरवेट था. उसका इंडोनेशिया पहुंचना चीन को स्पष्ट संदेश था कि वह चाहे कितनी भी पनडुब्बी बना ले लेकिन उसकी पनडुब्बियों का काल भारत के पास है.
#IndianNavy's indigenous ASW Corvette#INSKadmatt completed her three day visit at Surabaya, #Indonesia.
Professional and cultural engagements were conducted to enhance maritime cooperation and mutual understanding.https://t.co/1YC7mENUvi@_TNIAL_ @IndianEmbJkt
— SpokespersonNavy (@indiannavy) August 23, 2025
इस प्रवास के दौरान इंडोनेशिया नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारतीय नौसेना अफसरों का स्वागत किया. साथ ही युद्धपोत में मौजूद साजोसामान और हथियार दागने के तरीकों को भी बारीकी से समझा. दोनों नौसेनाओं के अधिकारियों ने साथ में जॉइंट ड्रिल भी की, जिससे दोनों नेवीज में परिचालन तालमेल को बढ़ावा मिला. साथ
स्वागत के लिए उमड़ पड़े प्रवासी भारतीय
भारतीय नौसेना का जहाज जब इंडोनेशिया के तट पर पहुंचा तो वहां बसे प्रवासी भारतीय भी उसके स्वागत में उमड़ पड़े. उन्हें जहाज पर आकर चालक दल के साथ बातचीत करने की अनुमति प्रदान की गई. जहाज पर दोनों देशों के नौसेना कर्मियों के लिए योग सत्र का भी आयोजन किया गया.
नेवी के अधिकारियों ने इस दौरे पर चीन या किसी भी अन्य देश का नाम नहीं लिया लेकिन यह कहकर स्पष्ट संदेश भी दे दिया कि पनडुब्बी रोधी भारतीय युद्धपोत के इंडिनेशियाई जलक्षेत्र में आना किस देश के लिए चुनौती बन सकता है. दोनों देशों के अफसरों ने भारत और इंडोनेशिया के बीच दीर्घकालिक समुद्री साझेदारी को और मज़बूत करने पर भी बल दिया.
(ANI के इनपुट के साथ)