Jackson oswalt nuclear reactor: प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती ये बात साबित कर दी एक 12 साल के स्कूली बच्चे ने जिसने अपने दिमाग से ऐसा प्रोजेक्ट कंप्लीट किया कि एक ओर उसकी काबिलियक का लोहा दुनिया के बड़े-बड़े वैज्ञानिक मानने लग गए वहीं दूसरी ओर दुनिया की टॉप सीक्रेट एजेंसियों में से एक के टॉप एजेंट उसके घर पहुंच गए. क्या है पूरा मामला? आइए बताते हैं.
कैसे साकार हुआ सपना?
बच्चे ने अपना प्रोजेक्ट पूरा करने इतिहास रच दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैक्सन ने पहले फ्यूजन के पीछे का पूरा विज्ञान समझा. इसके बाद उन्होंने सबसे पहले 'डेमो फ्यूजर' बनाया. इस अनोखे, शानदार और दुर्लभ रिएक्टर बनाने के लिए छात्र ने अपने पैरेंट्स से आर्थिक मदद ली.
एफबीआई एजेंट पहुंचे
अमेरिका के मेम्फिस के 12 साल के जैक्सन ओसवाल्ट ने अपने कमरे में न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर बनाया है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जैक्सन को सबसे कम उम्र में यह कामयाबी हासिल करने वाला व्यक्ति बताया है. एक दिन जैक्सन अपनी लैब में सो रहा था तब उसे दो लोगों ने जगाया. नींद खुली तो उसने अपने सामने खुफिया एजेंसी के दो एजेंट्स को देखा. ऐसा इसलिए हुआ कि जब उसके प्रोजेक्ट की खबर दुनिया को मिली और वायरल हो गई तो अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई के दो एजेंट्स बिना बताए जैक्सन के घर पहुंच गए. दरअसल इसके जरिए एजेंसी ये पता करना चाहती थी कि ओसवास्ट के बनाए रिएक्टर से कहीं कोई खतरनाक एनर्जी या गैस तो नहीं निकल रही.
क्या है ये प्रोजेक्ट
अगर आप विज्ञान के छात्र होंगे या साइंस में आपकी दिलचस्पी होगी तो आपको इस न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर में बारे में थोड़ा बहुत तो पढ़ा होगा. जिन्होंने साइंस स्ट्रीम की जगह कॉमर्स या आर्ट्स पढ़ी हो तो उन्हें भी इसके पीछे का विज्ञान समझाते हैं कि आखिर इस मेधावी बालक ने कौन सा चमत्कारिक रिएक्टर बना दिया.
जब दो हल्के परमाणु (जैसे हाइड्रोजन के) आपस में टकराकर एक भारी परमाणु बनाते हैं, तो इस प्रक्रिया को न्यूक्लियर फ्यूजन कहते हैं. इस टक्कर में बहुत ज्यादा ऊर्जा निकलती है. दरअसल ये वही प्रॉसेस होता है जो हमारे सौरमंडल में सूरज और तारों में होता है. इसी थ्योरी से सूरज जो दुनिया में एनर्जी का सबसे बड़ा सोर्स है वो हमें दिन-रात अपनी रोशनी और गर्मी देता है. वहीं न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर की बात करें तो रिएक्टर दो हल्के परमाणुओं को बहुत ज्यादा गर्म और तेज करके एक साथ जोड़ता है, ऐसा होने पर एक नया और भारी परमाणु बनता है. जिससे बहुत ज्यादा ऊर्जा निकलती है.