Last Updated:August 23, 2025, 13:04 IST
JNU Library: जेएनयू के स्टूडेंट्स कैंपस लाइब्रेरी में फेस रिकग्निशन बायोमेट्रिक सिस्टम के खिलाफ हैं. वे इसे अपनी निजता पर डायरेक्ट अटैक बता रहे हैं. उन्होंने इसे सर्विलांस टूल बताया है.

नई दिल्ली (JNU Library). जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सुर्खियों में है. इस बार मामला यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में लगाए गए फेस रिकग्निशन बायोमेट्रिक सिस्टम से जुड़ा हुआ है. प्रशासन ने इसे ट्रांसपेरेंसी और रिसोर्सेस के बेहतर इस्तेमाल के लिए लागू किया. लेकिन स्टूडेंट्स ने इसे निगरानी का औजार बताते हुए जोरदार विरोध शुरू कर दिया. विरोध इतना बढ़ गया कि जेएनयू कैंपस में तनाव की स्थिति बन गई और इसी दौरान हुई धक्का-मुक्की में जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) अध्यक्ष घायल हो गए.
जेएनयू स्टूडेंट्स का कहना है कि लाइब्रेरी पढ़ाई और रिसर्च का केंद्र है, न कि स्टूडेंट्स की अटेंडेंस और एक्टिविटीज पर नजर रखने की जगह. वहीं, जेएनयू प्रशासन का कहना है कि इसका मकसद स्टूडेंट्स पर दबाव बनाना नहीं, बल्कि सुविधाओं का दुरुपयोग रोकना है. लेकिन इस पूरे विवाद ने JNU कैंपस को एक बार फिर छात्रों और प्रशासन के टकराव का मैदान बना दिया है. केयरटेकर लाइब्रेरियन मनोरमा त्रिपाठी ने इंस्टॉलेशन रोकने से इनकार कर दिया और ठेकेदारों को काम जारी रखने दिया.
जेएनयू लाइब्रेरी में बायोमेट्रिक सिस्टम क्यों जरूरी है?
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रशासन का कहना है कि लाइब्रेरी में हर दिन हजारों स्टूडेंट्स आते हैं. कई बार रजिस्ट्रेशन किए बिना या बाहरी लोगों को भी कैंपस की सुविधाओं का इस्तेमाल करते हुए देखा गया है. अब फेस रिकग्निशन बायोमेट्रिक सिस्टम से सुनिश्चित होगा कि केवल रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स ही लाइब्रेरी का इस्तेमाल कर सकेंगे. इसके अलावा प्रशासन का दावा है कि इससे लाइब्रेरी रिसोर्सेस का सही इस्तेमाल और डेटा मैनेजमेंट की प्रक्रिया आसान होगी. अटेंडेंस के डिजिटल रिकॉर्ड से पढ़ाई का माहौल व्यवस्थित होगा.
छात्र इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?
जेएनयू के स्टूडेंट्स का कहना है कि यह कदम उनकी निजता और स्वतंत्रता पर सीधा हमला है. उनका तर्क है कि फेस रिकग्निशन बायोमेट्रिक सिस्टम से उनकी एक्टिविटीज पर लगातार नजर रखी जाएगी, जिससे पढ़ाई का माहौल बाधित होगा. कई छात्रों का कहना है कि अगर लाइब्रेरी जाने के लिए भी फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन कराना पड़ेगा तो यह पढ़ाई करने के अधिकार को सीमित कर देगा. उनका आरोप है कि यह सिस्टम असल में सर्विलांस टूल की तरह काम करेगा.
मामले में छात्र संगठनों की भूमिका और विरोध प्रदर्शन
JNU में विभिन्न छात्र संगठनों ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने लाइब्रेरी परिसर में नारेबाजी की और इसे तुरंत हटाने की मांग की. छात्र संगठनों का कहना है कि अगर प्रशासन ने यह निर्णय वापस नहीं लिया तो आंदोलन और तेज कर दिया जाएगा. उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्टूडेंट्स को दबाने और उनकी आवाज को कमजोर करने के लिए ऐसे कदम उठा रहा है. विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों और सुरक्षा कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई. इस झड़प में JNUSU अध्यक्ष घायल हो गए.
Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें
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First Published :
August 23, 2025, 13:04 IST