Sanjay Bhandari: लंदन कोर्ट का बड़ा फैसला.. संजय भंडारी को प्रत्यर्पित नहीं करेगा ब्रिटेन, तिहाड़ जेल बना कारण

3 hours ago

Sanjay Bhandari Extradition: लंदन उच्च न्यायालय ने भारतीय व्यवसायी और रक्षा क्षेत्र के सलाहकार संजय भंडारी की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील को स्वीकार कर लिया है. भंडारी पर कर चोरी और धनशोधन के गंभीर आरोप हैं. अदालत ने मानवाधिकारों के आधार पर यह फैसला सुनाया जिसमें उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई.

न्यायालय ने क्यों स्वीकार की अपील?

लॉर्ड न्यायमूर्ति टिमोथी होलोयडे और न्यायमूर्ति करेन स्टेन की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिसंबर 2023 में हुई सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया. अदालत ने भंडारी के प्रत्यर्पण आदेश को रद्द करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से मुक्त करने का निर्देश दिया. यह आदेश वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के नवंबर 2022 में दिए गए फैसले के आधार पर ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन द्वारा जारी प्रत्यर्पण आदेश को पलटते हुए दिया गया.

तिहाड़ जेल को लेकर जताई चिंता

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि भंडारी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की स्थिति में तिहाड़ जेल में अन्य कैदियों या जेल अधिकारियों से धमकी, हिंसा या जबरन वसूली का खतरा होगा. अदालत ने माना कि जेल में भीड़भाड़ और सुरक्षा की कमी के कारण उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा सकती.

मानवाधिकार उल्लंघन का हवाला

अदालत ने इस फैसले को यूरोपीय मानवाधिकार संधि (ईसीएचआर) के अनुच्छेद 3 के तहत मानवाधिकारों का उल्लंघन माना. अदालत ने कहा कि भंडारी के खिलाफ भारत में चल रहे मामलों और उनकी वित्तीय स्थिति को देखते हुए उन्हें जेल में जबरन वसूली का संभावित लक्ष्य माना जाएगा.

भारत सरकार के आश्वासन को ठुकराया

अदालत ने कहा कि भारत सरकार ने भंडारी की सुरक्षा को लेकर जो आश्वासन दिया था, वह इस जोखिम को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है. अदालत ने तिहाड़ जेल में मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा कि यहां की परिस्थितियों में सबसे ईमानदार जेल अधिकारी भी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते.

भंडारी के खिलाफ आरोप

भारत सरकार ने संजय भंडारी के खिलाफ दो प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे थे. पहला अनुरोध जून 2020 में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत दर्ज किए गए मामलों से जुड़ा था. जबकि दूसरा अनुरोध जून 2021 में काला धन कानून के तहत लगाए गए कर चोरी के आरोपों के संबंध में था.

क्या होगा आगे?

अब यह देखना होगा कि भारत सरकार इस फैसले के खिलाफ आगे क्या कदम उठाती है. इस फैसले के बाद संजय भंडारी को फिलहाल ब्रिटेन में रहने की अनुमति मिल गई है. लेकिन भारत सरकार इस मामले को लेकर कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकती है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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