बेंगुलरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में पुलिस ने दो ईडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. ये प्राथमिकी समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कल्लेश बी द्वारा दायर की गई शिकायत के आधार पर की गई है. जिन दो अधिकारियों के नाम पर शिकायत दर्ज है, वे हैं , मित्तल (केवल उपनाम दर्ज है) और दूसरे अधिकारी का नाम है मुरुली कन्नन. इन पर आरोप है कि इन दो अधिकारियों ने उन्हें कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (केएमवीएसटीडीसी) में कथित अनियमितताओं के संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, पूर्व मंत्री बी नागेंद्र और वित्त विभाग का नाम लेने के लिए मजबूर किया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत धारा 3(5) (संयुक्त आपराधिक दायित्व), 351(2) (आपराधिक धमकी), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) को प्राथमिकी में लगाया गया है.
‘यदि आप चाहते हैं कि ईडी आपकी मदद करे…’
बता दें कि राज्य सरकार की गठित की गई एसआईटी के अलावा, सीबीआई भी हैदराबाद स्थित कंपनियों को अवैध रूप से धन ट्रांसफर करने सहित कथित गबन की जांच कर रही है इससे पहले, ईडी ने नागेंद्र और राज्य संचालित निगम के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दाल से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी.
एफआईआर के अनुसार, ईडी अधिकारियों ने कथित तौर पर कल्लेश को गिरफ्तार करने की धमकी दी और कहा, यदि आप चाहते हैं कि ईडी आपकी मदद करे, तो आपको यह लिखित में देना होगा कि सीएम सर, नागेंद्र सर और एफडी (वित्त विभाग) के निर्देशों के आधार पर एमजी रोड खाते (बैंक के) में पैसा स्थानांतरित किया गया था. एफआईआर में कहा गया है कि कल्लेश को 16 जुलाई को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था और मामले के संबंध में मुरुली कन्नन ने उनके बयान दर्ज किए थे.
कल्लेश ने एफआईआर में लिखवाईं ये बयान
कल्लेश ने कहा कि उन्होंने पहले दिन 17 सवालों के जवाब दिए थे और बाकी तीन सवालों के जवाब देने के लिए समय मांगा था, क्योंकि उन्हें फाइलें देखनी थीं. साथ ही, उन्हें 18 जुलाई को वापस आने के लिए कहा गया था. एफआईआर में कहा गया है कि पूछताछ पूरी होने के बाद ईडी अधिकारियों ने उनके बयान पर उनके हस्ताक्षर लिए. कलेश के हवाले से एफआईआर में कहा गया है, मैंने उनसे बयान की एक प्रति मांगी. उन्होंने नहीं दी. इसके बाद उन्होंने मुझसे दोबारा पूछताछ शुरू की लेकिन इस बार कोई लिखित सवाल नहीं था.
एफआईआर में कहा गया है कि अधिकारियों ने उनसे कहा कि राज्य के खजाने से केएमवीएसटीडीसी और फिर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एमजी रोड शाखा में राशि ट्रांसफर करना गलत था. एफआईआर के अनुसार, उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि मैंने बिल जमा करने के बाद 25.03.2024 को बैंक में पैसा जमा कर दिया मगर बैंक खाते में अनियमितताएं 05.03.2024 को हुईं.
Tags: India news, Karnataka CM
FIRST PUBLISHED :
July 23, 2024, 11:28 IST