Last Updated:April 22, 2025, 10:38 IST
Toll News- देश की राजधानी और एनसीआर सभी अपने आप में खास हैं. अब एनसीआर एक एक्सप्रेसवे भी अहम बनने वाला है. टोल वूसली के लिए देशभर के लिए यह एक्सप्रेसवे मॉडल बनेगा.

टोल वसूली की नई तकनीक का हो चुका है ट्रायल.
नई दिल्ली. एनसीआर एक एक्सप्रेसवे देशभर के लिए मॉडल बनने जा रहा है. टोल वसूली का जो मॉडल यहां इस्तेमाल हो रहा है, वही पूरे देश के एक्सप्रेसवे और हाईवे में इस्तेमाल होगा. इस एक्सप्रेसवे में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा चुका है. इससे वाहनों को टोल प्लाजा में टोल के लिए रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. चलती गाड़ी से टोल कट जाएगा.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे देशभर के एक्सप्रेसवे और हाईवे के लिए मॉडल बनेगा. यहां पर एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां टोल चुकाने के लिए एंट्री और एग्जिट प्वाइंट में कैमरे लगे हैं, वहां पर गाड़ी धीमी नहीं करनी पड़ेगी. स्पीड से चलने वाहन का कैमरे से नंबर प्लेट की फोटो ली जाएगा. चूंकि नंबर प्लेट से फास्टैग लिंक है, इसलिए स्वत: टोल कट जाएगा. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर इसी तरह टोल वसूली का ट्रायल किया जा चुका है, जो सफल रहा है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इसी तकनीक से सभी एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे प टोल की वसूली की जाएगी.
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समय बचाने के लिए बदली जा रही है तकनीक
सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार देश में टोल बैरियर खत्म किए जाएंगे. हालांकि इसमें वेटिंग टाइम बहुत ही कम है. लेकिन चलती गाड़ी से टोल वसूली की तैयारी है. जीपीएस आधारित तकनीक से भी टोल नहीं वसूला जाएगा. इसके लिए कुछ जगह टेंडर भी जारी किए गए हैं. इसी तकनीक से देशभर में टोल वसूला जाएगा.
जीपीएस आधारित टोल वसूली में परेशानी
हाल ही में एक्सपर्ट कमेटी ने जीपीएस अधारित टोल तकनीक पर सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे. इसके साथ ही अगर कभी जीपीएस में गड़बड़ी आ गयी तो परेशानी और बढ़ सकती है, इसलिए मंत्रालय ने जीपीएस आधारित टोल मॉडल को रोक दिया है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 22, 2025, 10:37 IST