अतुल सुभाष केस से इस मौत की क्यों तुलना! आत्महत्या से पहले पति का आखिरी मैसेज?

1 month ago

Last Updated:March 05, 2025, 22:44 IST

West Bengal: कृष्णानगर के राजकुमार साधुखां ने आत्महत्या कर ली। ससुर ने बहू को मानसिक प्रताड़ना के लिए जिम्मेदार ठहराया. पुलिस ने जांच शुरू की। यह मामला अतुल कांड से मिलता-जुलता है, जिसमें आत्महत्या से पहले पत्न...और पढ़ें

अतुल सुभाष केस से इस मौत की क्यों तुलना! आत्महत्या से पहले पति का आखिरी मैसेज?

प्रतीकात्मक तस्वीर

कृष्णानगर के हातरपाड़ा में आत्महत्या की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है. राजकुमार साधुखां नाम के व्यक्ति ने अपनी दुकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद उनके पिता ने सीधे तौर पर उनकी पत्नी कोयल साधुखां पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी बहू लंबे समय से उनके बेटे को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थी, जिसके चलते वह यह कदम उठाने को मजबूर हुआ.

अंतिम समय में क्या हुआ?
मंगलवार को जब कोयल साधुखां को शक हुआ, तो वह घर के अंदर गई. वहां उसने राजकुमार को फांसी के फंदे पर झूलता पाया. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजकुमार ने आत्महत्या करने से पहले अपने मोबाइल पर एक संदेश लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत की बात तो कही, लेकिन किसी को दोषी नहीं ठहराया.

ससुर की मांग- बहू को मिले सजा
राजकुमार के पिता का आरोप है कि उनकी बहू कोयल न केवल उनके बेटे को मानसिक रूप से परेशान करती थी, बल्कि वह उसकी सारी कमाई भी छीन लेती थी. उनका कहना है कि राजकुमार इस यातना को सहन नहीं कर पाया और इसी कारण उसने आत्महत्या कर ली. उनके बयान के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

अतुल कांड से हो रही तुलना
इस मामले की तुलना अतुल सुभाष कांड से की जा रही है, जिसमें एक व्यक्ति ने 24 पन्नों का पत्र और एक वीडियो संदेश छोड़कर आत्महत्या कर ली थी. उसने अपनी पत्नी और उसके परिवार पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. इस मामले में अतुल की पत्नी को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया. फिलहाल इस मामले की जांच अभी भी जारी है.

क्या मानसिक प्रताड़ना बन रही है आत्महत्याओं की वजह?
राजकुमार साधुखां की आत्महत्या और अतुल कांड जैसे मामलों ने एक गंभीर बहस छेड़ दी है. सवाल यह उठता है कि क्या मानसिक प्रताड़ना आत्महत्याओं का बड़ा कारण बनती जा रही है? देशभर में पिछले कुछ महीनों में इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां पीड़ितों ने मानसिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया

First Published :

March 05, 2025, 22:44 IST

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