'अनिश्चितता की धुंध' में खड़े तेज प्रताप! न नई पार्टी का ऐलान और न सीट बता रहे

6 hours ago

Last Updated:July 23, 2025, 11:46 IST

Bihar Chunav 2025: बिहार की सियासत में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की तरह तेज तर्रार माने जाने वाले तेज प्रताप यादव आज एक सियासी भंवर में फंसे हुए दिख रहे हैं! नई पार्टी बनाने की अटकलों से लेकर विधानसभा सी...और पढ़ें

'अनिश्चितता की धुंध' में खड़े तेज प्रताप! न नई पार्टी का ऐलान और न सीट बता रहेतेज प्रताप यादव के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

हाइलाइट्स

तेज प्रताप ने न नई पार्टी बनाने और न ही अन्य दल जॉइन करने का कोई स्पष्ट ऐलान किया है. हसनपुर के मौजूदा विधायक तेज प्रताप की महुआ में सक्रियता को लेकर दुविधा पैदा हो रही है. सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लाखों फॉलओर्स पर संगठित सियासी ताकत में कमी साफ दिखती है.

पटना. सियासत की चादर में लिपटी धुंध हटेगी तो हकीकत सामने आएगी, धुंध के पीछे का सच कब तक छुपा रहेगा, अब ये सवाल हर दिल में है, पर जवाब कब मिलेगा? किसी शायर की लिखी शायरी आज लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर बिल्कुल सटीक बैठती है…. जिसका कायम है प्रताप वही है तेजप्रताप! इसी टैगलाइन के साथ लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने हाल में ही अपना फेसबुक पेज बनाया तो लगा कि वह बिहार की राजनीति में अपना ‘प्रताप’ दिखाने के लिए तैयार हो गए हैं. लेकिन, राजनीति के गलियारों में अब सवाल पूछे जाने लगे हैं कि आरजेडी से निकाले जाने और अपने परिवार से बेदखल होने के बाद क्या वाकई में तेज प्रताप यादव का ‘प्रताप’ कायम है? दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव बिहार की सियासत में लगातार चर्चा का केंद्र बने हुए हैं. बीते 25 मई 2025 आरजेडी से छह साल के लिए निष्कासित किये गए और लालू परिवार से बेदखल किये गए तो लगा था कि वह आने वाले समय में कुछ बड़ा कर सकते हैं. लेकिन, बीते दो महीने में उनकी अनिश्चित रणनीति और उनकी दुविधा को लेकर राजनीति के गलियारे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. पार्टी और परिवार से बेदखल हो चुके तेज प्रताप यादव न तो नई पार्टी बनाने का ऐलान कर पाए हैं और न ही यह स्पष्ट कर पाए हैं कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में वे हसनपुर से लड़ेंगे या अपनी पुरानी सीट महुआ से. उनकी इस अनिर्णय की स्थिति ने समर्थकों और राजनीति के जानकारों को भी असमंजस में डाल रखा है.

बता दें कि पिछले कुछ महीनों में तेज प्रताप की गतिविधियां सुर्खियों में रही हैं. प्रेमिका अनुष्का यादव के साथ उनकी तस्वीरें वायरल होने के बाद राजद खेमे में भूचाल ला दिया था. इसके बाद उनको उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने बीते मई 2025 में पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया था और परिवार से भी उनकी बेदखली की घोषणा कर दी. इस बीच कहा जा रहा था कि तेज प्रताप यादव शायद अपनी अलग राह बना सकते हैं और आगे वह अपनी राजनीति के लिहाज से कुछ बड़ा कर सकते हैं. कयास लगाए जा रहे थे कि शायद वह अपनी नई पार्टी बना लें, या फिर किसी अन्य राजनीतिक पार्टी से चुनाव लड़ने की घोषणा करें, लेकिन अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाए हैं.

तेज प्रताप यादव अक्सर लालू यादव का अंदाज दिखाते हुए अपनी तस्वीर सोशल मीडिया में शेयर करते हैं.

तेज प्रताप यादव की सियासी अनिश्चितता

इस बीच तेज प्रताप यादव ने वैशाली के महुआ में समर्थकों के साथ बैठकें जरूर कीं. आरजेडी का झंडा हटाकर नया झंडा फहराया और ‘टीम तेज प्रताप’ नाम से सोशल मीडिया अकाउंट लॉन्च किया. उनके इन कदमों से अटकलें तेज हुईं कि वे नई पार्टी बनाएंगे. जुलाई 2025 में उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा ने भी इन कयासों को हवा दी, लेकिन न तो कोई पार्टी बनी और न ही उन्होंने कोई अन्य दल जॉइन करने का संकेत दिया. तेज प्रताप की दुविधा उनकी सीट को लेकर भी साफ झलकती है. बता दें कि वह वर्तमान में समस्तीपुर के हसनपुर से विधायक हैं और इससे पहले 2015 से 2020 तक महुआ से विधायक रह चुके हैं. हाल ही में महुआ में उनकी सक्रियता, मेडिकल कॉलेज जैसे वादों का जिक्र और समर्थकों के नारे ‘महुआ का विधायक कैसा हो, तेज प्रताप जैसा हो’ ने संकेत दिया कि वे महुआ से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, कुछ बयानों में उन्होंने हसनपुर पर फोकस करने की बात भी कही जिससे असमंजस बढ़ गया.

पिता लालू यादव से हमेशा भावुक तौर पर हमेशा जुड़े रहे तेज प्रताप यादव का सामाजिक और सिायासी तौर पर कठिन दौर.

तेज प्रताप की सोशल मीडिया में सक्रियता

राजनीति के जानकारों का मानना है कि तेज प्रताप की यह अनिश्चितता उनकी सियासी रणनीति की कमी को बताती है. ‘टीम तेज प्रताप’ फेसबुक पेज पर समर्थकों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन यह उत्साह अभी संगठित राजनीतिक ताकत में तब्दील नहीं हुआ है. तेज प्रताप की सोशल मीडिया उपस्थिति को देखें तो उनके पुराने फेसबुक पेज (Tej Pratap Yadav) के 23 जुलाई 2025 तक लगभग 5,69,511 लाइक्स और 8,514 लोग बात कर रहे हैं. इस पर उनके 7 लाख से अधिक फॉलोअसर्स हैं. यह पेज उनके निजी प्रोफाइल से जुड़ा है न कि ‘टीम तेज प्रताप’ से. वहीं, उनके इंस्टाग्राम पर 6 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं और उनके ‘L-R Vlog’ फेसबुक पेज पर 15 हजार फॉलोअर्स हैं, जबकि ‘L-R Vlog’ यूट्यूब चैनल पर 1 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं. ‘टीम तेज प्रताप’ पेज की तुलना में ये आंकड़े उनकी व्यापक लोकप्रियता दिखाते हैं, लेकिन तेज प्रताप यादव का नया फेसबुक पेज अभी शुरुआती दौर में है. इस पर न तो अधिक फॉलओर्स हैं और न ही ज्यादा लाइक ही मिल रहे हैं.

परिवार से निष्कासन और सियासी असमंजस

हालांकि, उनके समर्थक उनके बेबाक अंदाज और जनता से जुड़ाव की तारीफ करते हैं, लेकिन आरजेडी से निष्कासन और परिवार से दूरी ने उनकी साख को प्रभावित किया है. तेज प्रताप ने कहा, मुझे पार्टी से निकाला गया, लेकिन जनता के दिल से नहीं. फिर भी उनकी अनिर्णय की स्थिति से समर्थकों में भी असमंजस है. वहीं, तेज प्रताप की असमंजस की स्थिति को लेकर राजनीति के जानकार मानते हैं कि तेज प्रताप की यह दुविधा लालू यादव और तेजस्वी यादव की स्पष्ट रणनीति के सामने कमजोर पड़ रही है. जहां तेजस्वी यादव 2025 के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में उभर रहे हैं, वहीं तेज प्रताप की अनिश्चितता उनकी सियासी प्रासंगिकता पर सवाल उठा रही है. जानकार कहते हैं कि अगर तेज प्रताप यादव जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं तो बिहार की सियासत में उनकी भूमिका सीमित हो सकती है जो उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर सकता है.

अपने आवास पर प्राय: जनता दरबार लगाकर उसकी तस्वीरें शेयर कर अपनी राजनीति सक्रियता दर्शाने का प्रयासत करते हैं तेज प्रताप यादव.

तेज प्रताप यादव की रणनीति पर उठते सवाल

दरअसल, कुछ जानकारों का मानना है कि उनकी नई पार्टी अगर बनी तो आरजेडी के परंपरागत वोटबैंक में सेंध लगा सकती है जिसका फायदा एनडीए को मिल सकता है. लेकिन बिना संगठनात्मक ढांचे और स्पष्ट रणनीति के यह संभावना कमजोर दिखती है. खास बात यह है कि लालू यादव और तेजस्वी यादव की तुलना में उनकी सियासी समझ और संगठनात्मक क्षमता कमजोर मानी जाती है. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी का मजबूत वोटबैंक और संगठनात्मक ढांचा तेज प्रताप के लिए चुनौती है, क्योंकि उनकी नई पहल अभी तक एक ठोस राजनीतिक मंच में तब्दील नहीं हुई है. राजनीति के जानकारों की नजर में लालू परिवार से दूरी और उनकी अनिश्चित रणनीति उनकी सियासी राह को धुंधला कर रही है. अगर तेज प्रताप 2025 के चुनाव से पहले ठोस कदम उठाते हैं तो उनकी प्रासंगिकता बढ़ सकती है, अन्यथा लालू यादव और तेजस्वी यादव की छाया में उनकी सियासी पहचान सीमित रह सकती है.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...

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