USA Deportation: यह खबर तो आपने सुन ही ली होगी कि अमेरिका से डिपोर्ट होकर 104 लोग भारत लौट आये. जिनमें 33 गुजराती भी शामिल हैं, अब फिर से अपने देश की मिट्टी पर हैं, लेकिन इस बार हालात अलग हैं. ये वही लोग हैं, जिन्होंने कभी बड़े सपने देखे थे, जिन्होंने अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए परदेस की राह पकड़ी थी, लेकिन तकदीर ने ऐसा दांव खेला कि अब वे फिर से वहीं आ गए, जहां से चले थे. गुजरात के पाटन के केतुल पटेल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है...
Local18Last Updated :February 6, 2025, 12:08 IST
Abhay Pandey
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बता दें कि केतुल पटेल समेत पाटन जिले के पांच लोगों का इसमें शामिल हैं. न्यूज18 गुजराती से केतुल के माता-पिता और मित्र ने बात की.
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हीरे की चमक के बीच अपनी जिंदगी संवारने वाला ये नौजवान कभी सूरत की गलियों में मेहनत करता था, लेकिन मंदी आई, तो रोजगार छिन गया और फिर क्या था, अमेरिका जाने का ख्वाब पलकों में सज गया, लेकिन ये ख्वाब सस्ता नहीं था. केतुल के पिता ने जमीन बेचकर सूरत में मकान लिया था. बेटे केतुल ने इस मकान को बेचकर अमेरिका जाने का फैसला और किसी एजेंट के भरोसे अमेरिका के सफर पर निकल पड़ा.
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केतुल की मां की आंखें अब भी नम हैं. वह कहती हैं, "बेटा पांच-छह महीने पहले अमेरिका गया था. हमें लगा, वहां से कुछ बनकर लौटेगा, लेकिन अब देखिए..." आवाज भर्रा जाती है.
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बता दें कि पिता की आंखों में एक अजीब सा खालीपन है. "हमारी उससे आखिरी बार सूरत में बात हुई थी. फिर कभी फोन नहीं आया,"
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पिता बताते हैं और अब, जब फोन आया, तो खबर यह थी कि बेटा अमेरिका से लौट रहा है—पर अपनी मर्जी से नहीं, बल्कि जबरन डिपोर्ट होकर.
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केतुल के दोस्त भी कुछ खास नहीं जानते. किसी को यह तक नहीं पता कि वह किस एजेंट के जरिए अमेरिका पहुंचा था. दोस्त कहते हैं, "कहीं पहुंचा तो था, लेकिन कौन सा शहर, ये याद नहीं. फिर कभी बात ही नहीं हुई."
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बता दें कि अब यह भी रहस्य ही है कि वहां उसके साथ क्या बीती, कैसे पकड़ा गया और किन हालात में उसे वापस भेज दिया गया.