अमेरिका से देर रात आई अच्‍छी खबर! 9 जुलाई से पहले बन जाएगा भारत का काम

7 hours ago

Last Updated:June 30, 2025, 07:57 IST

India-America Trade Deal : भारत और अमेरिका के बीच हो रही व्‍यापार वार्ता को लेकर सकारात्‍मक खबर सामने आई है. वॉशिंगटन गए भारतीय दल ने कहा है कि दोनों पक्ष बातचीत पर सहमत होते दिख रहे हैं और 9 जुलाई से पहले अंतर...और पढ़ें

अमेरिका से देर रात आई अच्‍छी खबर! 9 जुलाई से पहले बन जाएगा भारत का काम

भारत और अमेरिका 9 जुलाई से पहले व्‍यापार समझौते पर आगे बढ़ रहे हैं.

हाइलाइट्स

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में सकारात्मक प्रगति.9 जुलाई से पहले अंतरिम समझौते की उम्मीद.एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स पर चुनौती बरकरार.

नई दिल्‍ली. सात समंदर पार से रविवार देर रात भारत के लिए अच्‍छी खबर आई है. अमेरिका के साथ व्‍यापार मुद्दे पर बातचीत करने गए भारतीय दल ने बताया है कि दोनों पक्षों में करार पर सहमति बनी दिख रही है और जल्‍द ही कुछ अच्‍छा सामने आएगा. भारतीय दल की अगुवाई कर रहे राजेश अग्रवाल ने वॉशिंगटन से सकारात्‍क रुख का संकेत दिया है. इधर, अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने दो टूक कह दिया है कि वह टैरिफ को लेकर अपनी रियायत 9 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाएंगे. जाहिर है कि भारत को भी इस डेडलाइन से पहले चीन की तरह ही एक व्‍यापार समझौता करना जरूरी होगा.

भारतीय दल के साथ जुड़े सेंटर फॉर ट्रेड एंड इनवेस्‍टमेंट लॉ के अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों की बातचीत प्रगति पर है. उन्‍होंने कहा कि दोनों पक्ष फिलहाल एक अंतरिम व्‍यापार समझौते पर आगे बढ़ रहे हैं और इसे 9 जुलाई से पहले फाइनल कर लिया जाएगा. बातचीत की राह में सबसे बड़ी चुनौती एग्रीकल्‍चर और डेयरी प्रोडक्‍ट को लेकर आ रही है. दल की अगुवाई कर रहे अग्रवाल कॉमर्स विभाग के विशेष सचिव हैं.

क्‍यों जरूरी है भारत के लिए डील
अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कुर्सी संभालने के तत्‍काल बाद 2 अप्रैल को भारतीय उत्‍पादों पर 26 फीसदी का अतिरिक्‍त टैरिफ लगा दिया था, जिसे बाद में 90 दिन के लिए स्‍थगित कर दिया गया था. इस टैरिफ के अलावा 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ भी लागू रहेगा. भारत इस बात पर चर्चा कर रहा है कि अमेरिका की ओर से लगाए गए 26 फीसदी टैरिफ को पूरी तरह खत्‍म किया जाए.

क्‍या चाहता है अमेरिका
भारत और अमेरिका के बीच वैसे तो सभी बातों पर सहमति बन गई है, लेकिन एग्री और डेयरी प्रोडक्‍ट को लेकर चुनौतियां बरकरार हैं. इसकी वजह है कि भारत अपने किसानों और पशुपालकों के उत्‍पादों को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी प्रोडक्‍ट को टैरिफ से छूट नहीं देना चाहता है. अमेरिका चाहता है कि उसके औद्योगिक उत्‍पादों, ऑटोमोबाइल खासकर ई-वाहनों, वाइन, पेट्रोकेमिकल प्रोडक्‍ट, डेयरी और एग्री आइटम जैसे सेब, मेवे और जेनेटिकली मोडिफाइड उत्‍पादों को टैरिफ से छूट दी जाए.

भारत को क्‍या चाहिए
इस ट्रेड डील में भारत चाहता है कि उसे टेक्‍सटाइल, रत्‍न एवं आभूषण, चमड़े के उत्‍पादी, गारमेंट, प्‍लास्टिक, केमिकल, समुद्री उत्‍पादों, तिलहन, अंगूर और केले पर लगने वाले अमेरिकी टैरिफ से छूट दी जाए. दोनों देश फिलहाल 9 जुलाई से पहले से एक अंतरिम समझौते को अंतिम रूप देना चाहते हैं, जबकि इस साल सितंबर-अक्‍टूबर तक कई मुद्दों पर विस्‍तृत द्विपक्षीय बातचीत को पूरा करने का लक्ष्‍य है. इस बातचीत का लक्ष्‍य मौजूदा 191 अरब डॉलर के ट्रेड को बढ़ाकर साल 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना भी है.

9 जुलाई से आगे नहीं बढ़ेगी राहत : ट्रंप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे अधिकांश देशों पर लगाए गए शुल्क के अमल पर 90 दिन की रोक की मियाद 9 जुलाई से आगे बढ़ाने की योजना नहीं बना रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि नौ जुलाई के बाद उनका प्रशासन देशों को सूचित करेगा कि शुल्क तब तक प्रभावी रहेंगे जब तक कि अमेरिका के साथ कोई समझौता नहीं हो जाता. यह समय सीमा समाप्त होने से पहले ही पत्र भेजे जाने शुरू हो जाएंगे. हम देखेंगे कि कोई देश हमारे साथ कैसा व्यवहार करता है. क्या वे अच्छे हैं, क्या वे इतने अच्छे नहीं हैं. हालांकि, कुछ देशों के बारे में हमें परवाह नहीं है, हम बस उच्च शुल्क का पत्र भेज देंगे.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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