Last Updated:April 24, 2025, 18:32 IST
Arabian sea on high alert: पाकिस्तान की हालत इस वक्त इतनी खराब है कि उसे समझ ही नहीं आ रहा कि अपना बचाव कैसे करे. LOC पर हाई अलर्ट, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट, हवाई सीमा भी हाई अलर्ट पर है. अब तो उसने समं...और पढ़ें

समंदर में पाक का घुटने लगा दम
हाइलाइट्स
पाकिस्तान ने अरब सागर में हाई अलर्ट घोषित किया.भारतीय नौसेना की मौजूदगी से पाकिस्तान चिंतित.INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रुप की ताकत बढ़ी.Arabian sea on high alert: पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तान घबराया है. उसे इस बात का यकीन है कि भारतीय सेना पलटवार तो जरूर करेगी.अब अरब सागर में भारतीय नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप की मौजूदगी ने उसकी हालत खराब कर दी है. हो भी क्यों ना एक साथ जब पूरे बैटल ग्रुप किसी भी वक्त पूरी गेम ही पटल सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी साफ कह चुके है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. घटना के पहले से ही पाकिस्तान ने अपने बचाव की तैयारी भी शुरू कर दी. समंदर के जरिए कोई अटैक ना हो उसके चलते उसने कराची से लेकर ग्वादर तक के इलाके को दो दिन के लिए NAVAREA WARNING जारी कर दिया. दो दिन तक वह लाइव फायरिंग के अभ्यास को वॉर्निंग जारी की गई. यह अभ्यास 24 से लेकर 25 अप्रैल तक के लिए है. इस वॉर्निंग में कराची और ग्वादर के पास एयरक्राफ्ट, मर्चेंट वेसेल और अन्य देशों के वॉरशिप को अभ्यास के इलाके से दूर रहने का इशारा दिया है.मतलब साफ है कि पाक अब डिफेंसिव मोड में चला गया है.
क्या होता है कैरियर बैटल ग्रुप?
एयरक्रफ्ट कैरियर कभी अकेले मूव नहीं करता इसके साथ इस कैरियर तक पहुंचने वाले किसी भी खतरे को दूर कर ने लिए दर्जनों जंगी जहाज और सबमरीन मौजूद रहते है. एयरक्रफ्ट कैरियर पर दुश्मन देश की नजर सबसे पहले होती है क्योंकि ये अगर इसे निशाना बनाया तो नौसेना की कमर टूट जाती है. लेहाजा इसकी सुरक्षा सबसे जरूरी है. अगर हम भारतीय कैरियर बैटल ग्रुप की बात करें तो एक ग्रुप में डेस्ट्रॉयर और फ्रीगेट, सबमरीन और सपोर्ट शिप की संख्या 8 से 12 होती है. ऑपरेशन के हिसाब से इनकी संख्या को कम ज़्यादा किया जा सकता है. इनके अलावा मिसाइल बोट या कॉर्वेट, ऑयल टैंकर शिप भी मूव करते है. हर जंगी जहाज, फाइटर एयरक्रफ्ट, हैलिकॉप्टर एक दूसरे से कनेक्ट होते है और हर तरह के टार्गेट या खतरे को एंगेज करते है. यह सभी एयरक्राफ़्ट कैरियर के 30 से 40 नॉटिकल मील के रेडियस पर अलग अलग तरह से पोजिशन होते है. अगर भारतीय नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप के इफेक्टिव रेंज की बात करें तो सामान्य तौर पर 200 से 250 नॉटिकल मील तक के इलाके को यह बैटल ग्रुप सुरक्षित रखने में सक्षम है और जंग के दौरान यह और बढ़ जाती है.
INS विक्रांत कारियर बैटल ग्रुप की खासियत
INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रुप से एंटी सबमरीन वॉरफेयर ऑप्रेशन, एंटी शिप ऑप्रेशन, एयर डिफेंस, सर्वेलांस और सर्च एंड रेसक्यू ऑप्रेशन चलाए जा सकते है. इस वक्त INS विक्रांत पर मिग 29 K ऑपरेट किए जा रहे है. इस एयरक्राफ्ट कैरियर के फ्रांस से 26 रफाल की डील इसी महीने होनी है. हेलिकॉप्टर में अमेरिका से लिए रोमियों हेलिकॉटर, चेतक और सीकिंग हेलिकॉप्टर भी मौजूद है. चूंकि यह एयरक्राफ़्ट कैरियर एक पानी पर तैरता एयरफिल्ड है. दुशमन के मिसाइल से खुद को बचाने के लिए क्लोज इन वेपन सिस्टम से लैंस है. यह किसी भी दुश्मन रे शॉर्ट रेंज मिसाइल जो एयरक्राफ्ट कैरियर की तरफ बढ रहा हो, उसे डिटेक्ट कर उसे नष्ट करने के लिए काफी है. विक्रांत में 32 ट्यूब वाले 2 वर्टिकल लॉंन्चिंग सिस्टम लगा है. यह एक एडवांस्ड मिसाइल फायरिंग सिस्टम है जिसमें इजरायल की कुल 64 बराक-8/ मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल को दागा सकता है. यह आधा किलोमीटर से लेकर 150 किलोमीटर किसी भी अटैक को नष्ट कर सकता है. इसके अलावा चार ऑटोब्रेडा 76 mm गन और 4 क्लोज इन वेपन सिस्टम से लेस है. जो दुश्मन की मिसाइल को एयरक्राफ़्ट पर हिट करने से पहले ही तबाह कर देगा.
दो दर्जन वॉरशिप पर उछलता है पाक
अगर हम पाकिस्तानी नौसेना की बात करें तो पचास साल बाद भी पाकिस्तान अपने जंगी जहाज़ों संख्या 50 के पार नहीं पहुंचा सका. ताकत में इज़ाफा करने में उसका ऑल वेदर फ्रेंड चीन उसकी मदद कर रहा है. पाकिस्तान ने बडी तेजी से अपनी नौसेना को ताकतवर बनाने में जुटा है. उसकी नौसेना तो डेवलप करने के लिए चीन सबसे आगे है. पाकिस्तान के पास अभी 24 के करीब जंगी जहाज है जिसे पाकिस्तानी नौसेना आने वाले दिनों में उसकी संख्या दोगुनी करने की राह पर है. पाकिस्तान साल 2035 तक अपने जंगी जहाजों की संख्या 50 तक कर लेना चाहता है.
First Published :
April 24, 2025, 18:32 IST