Last Updated:April 24, 2025, 17:46 IST
India Action On Pakistan : पहलगाम हमले पर पीएम मोदी के ऐलान के बाद पहले भारत ने करीब 20 देशों के राजनयिकों को बुलाकर कश्मीर आतंकी हमले ब्रीफ किया. इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राष्...और पढ़ें

गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की.
हाइलाइट्स
पीएम मोदी ने आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का ऐलान किया.शाह और जयशंकर ने राष्ट्रपति से ताबड़तोड़ बैठक की.लाल फाइलें बड़े ऑपरेशन या रणनीति से जुड़ी हो सकती हैं.पहलगाम हमले पर एक बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे. आतंकी धरती के किसी कोने में होंगे, हम उन्हें ढूंढ निकालेंगे और ऐसी सजा देंगे जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी.’ सुबह पीएम मोदी ने ये बयान दिया. इसके बाद दिल्ली में हलचल अचानक तेज हो गई है. पहले विदेश मंत्रालय ने 20 से ज्यादा देशों के डिप्लोमैट को बुलाकर बता दिया कि भारत में क्या हुआ है और वह क्या करने जा रहा है. इसके कुछ ही देर बाद गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु से मिलने पहुंच गए. दोनों मंत्रियों के पास लाल रंग की फाइलें थीं, जो संभवतः किसी बड़े ऑपरेशन या रणनीति से जुड़ी हो सकती हैं. इसके मायने पाकिस्तान को समझ लेने चाहिए.
शाह और जयशंकर की मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब भारत आतंकियों को जहन्नुम पहुंचाने का ऐलान कर चुका है. पीएम मोदी का बयान और उसके बाद लगातार हाई-प्रोफाइल मीटिंग इस बात का संकेत दे रही है कि भारत सरकार कोई बड़ा कदम उठाने जा रही है. डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि शायद यह सर्जिकल स्ट्राइक से भी बड़ा हो सकता है. हालांकि, यह भी हो सकता है कि राष्ट्रपति को आतंकी हमले के बारे में ब्रीफ किया जा रहा हो. अपने देश में कोई भी सरकार हो, हर बड़ी घटना की जानकारी राष्ट्रपति को देने की परंपरा रही है.
क्या यह पहली बार है?
इतिहास पर नजर डालें तो 2016 में उरी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी. उस समय अमित शाह गृहमंत्री नहीं थे, और एस. जयशंकर 2019 में विदेश मंत्री बने थे. डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक- ऐसी मुलाकात पहले कभी नहीं हुई. आमतौर पर प्रधानमंत्री ही जाकर राष्ट्रपति को ब्रीफ करते हैं, लेकिन इस बार पीएम की जगह गृहमंत्री और विदेश मंत्री का जाना, बड़ा संकेत है. इसे असाधारण कदम माना जा रहा है.
लाल फाइलों का रहस्य
अमित शाह और जयशंकर जब राष्ट्रपति से मुलाकात कर रहे थे तो उनके हाथ में लाल रंग की फाइलें देखी गईं. आमतौर पर सरकारी बैठकों में लाल या हरी रंग फाइलें बेहद संवेदनशील और सीक्रेट डॉक्यूमेंट के लिए होती हैं. सूत्रों का कहना है कि इन फाइलों में खुफिया जानकारी हो सकती है, किसी ऑपरेशन की प्लानिंग या कूटनीतिक रणनीति से जुड़े डाक्यूमेंट हो सकते हैं. यह भी संभव है कि इनमें सीमा पर हाल की गतिविधियों और आतंकी खतरों से निपटने की योजना हो.
क्या कह रहे एक्सपर्ट
डिफेंस एक्सपर्ट रिटायर्ड मेजर जनरल जी.डी. बख्शी ने कहा, यह बैठक सामान्य नहीं है. जब गृहमंत्री और विदेश मंत्री एक साथ राष्ट्रपति से मिलते हैं, खासकर ऐसे समय में जब पीएम ने कड़ा बयान दिया हो, तो यह एक सैन्य या कूटनीतिक कार्रवाई की ओर इशारा करता है. डिफेंस एक्सपर्ट कर्नल (रिटायर्ड) अनिल भट्ट ने कहा, 2016 और 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा. यह मुलाकात इस बात का संकेत हो सकती है कि सरकार एक और सर्जिकल स्ट्राइक या उससे भी बड़ी कार्रवाई की योजना बना रही है.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
April 24, 2025, 17:46 IST