अस्पतालों में कब और क्यों चिल्लाकर बोलते हैं 'कोड ब्लू', फिर भागता है हर कोई

4 hours ago

Last Updated:January 22, 2025, 14:29 IST

क्या होता है कोड ब्लू. जैसे ही कोई इसे चिल्लाकर बोलता है, पूरा अस्पताल अलर्ट हो जाता है. स्टाफ और डॉक्टर भागने लगते हैं. आखिर क्या ऐसा है कोड ब्लू बोलने में. ये कब बोला जाता है.

अस्पतालों में कब और क्यों चिल्लाकर बोलते हैं 'कोड ब्लू', फिर भागता है हर कोई

हाइलाइट्स

कोड ब्लू का मतलब चिकित्सा आपातकालीन स्थिति हैअस्पतालों में जब इसे बोलते हैं तो ये गंभीर स्थिति होती हैभारत के कई अस्पतालों में कोड ब्लू सिस्टम लागू है

अगर आप हास्पिटल्स गए हों तो वहां क्या आपने कई बार अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर्स को चिल्लाकर कोड ब्लू बोलते सुना है. इसके बाद पूरा हास्पिटल एकदम सक्रिय हो जाता है. लोग भागने लगते हैं. आखिर क्या है कोड ब्लू. क्यों इसे चिल्लाकर बोला जाता है और इसे कब बोला जाता है.

वैसे हम आपको बता दें कि भारत समेत दुनियाभर के अस्पतालों में केवल कोड ब्लू ही एक खास स्थिति में नहीं बोला जाता बल्कि अलग अलग स्थितियों और जरूरत के हिसाब कोड रेड, कोड येलो जैसे टर्म भी इस्तेमाल किए जाते हैं. जिसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे. पहले कोड ब्लू की बात.

जब भी अस्पताल में आप हास्पिटल के स्टाफ को कोड ब्लू चिल्लाते हुए सुनें और फिर सभी को भागदौड़ करते हुए सुनें तो समझ जाए कि ये चिकित्सा के लिहाज से एक आपातकालीन स्थिति है. हास्पिटल में अचानक किसी मरीज की हृदय की स्थिति बहुत खराब हो गई. उसकी या तो हृदय गति रुकने की स्थिति है या फिर सांस लेने में कठिनाई हो रही है.

ये स्थिति कब पैदा होती है
ये आमतौर पर दिखाता है कि मरीज़ को कार्डियक अरेस्ट या रेस्पिरेटरी अरेस्ट का सामना करना पड़ रहा है. जब कोड ब्लू कहा जाता है, तो एडवांस्ड कार्डियक लाइफ़ सपोर्ट में प्रशिक्षित डॉक्टरों और नर्सों सहित एक विशेष टीम तुरंत प्रतिक्रिया देती है.

दुनियाभर के हास्पिटल्स में कोड ब्लू बोलने का मतलब इमर्जेंसी वाली स्थिति. (image generated by Leonardo AI)

अस्पताल तब क्या रिस्पांस देता है
कोड ब्लू चिल्लाने का मतलब ये होता है कि अस्पताल में उपस्थित सभी संबंधित स्वास्थ्यकर्मी जल्दी से प्रतिक्रिया दें. मरीज को आवश्यक जीवन रक्षक सहायता प्रदान करें. इसमें डॉक्टर, नर्स, और अन्य चिकित्सा कर्मचारी शामिल होते हैं जो मरीज की जान बचाने के लिए तुरंत एक्शन लेते हैं.

इस प्रक्रिया में ये बातें शामिल होती हैं
– CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देना
– डिफिब्रिलेशन (अगर जरूरी हो)
– मरीज की स्थिति की मॉनिटरिंग और स्टेबलाइजेशन.
– आवश्यकता पड़ने पर उन्नत जीवन रक्षक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग

हर अस्पताल में “कोड ब्लू” के लिए अलग-अलग प्रोटोकॉल हो सकते हैं, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में तुरंत हरकत में आना और मरीज को मदद देना होता है.

भारत के भी कई हास्पिटल में कोड ब्लू सिस्टम खासतौर पर लागू है. (image generated by Leonardo AI)

भारत के किन अस्पतालों में कोड ब्लू सिस्टम है मुस्तैद
कई अस्पताल नकली कोड ब्लू ड्रिल भी आयोजित करते हैं जो वास्तविक चिकित्सा आपात स्थितियों का अनुकरण करते हैं. भारत में भी हार्ट अटैक की स्थिति में इमरजेंसी अलर्ट को बढ़ाने के लिए कई अस्पताल में कोड ब्लू सिस्टम पर काम कर रहे हैं.

ससून जनरल अस्पताल, पुणे – यह सुविधा कोड ब्लू सिस्टम लागू करने वाला महाराष्ट्र का पहला सरकारी अस्पताल बन गया. ये हास्पिटल कोड ब्लू स्थिति में दो मिनट में एक्सपर्ट इमरजेंसी रिस्पांस देने में सक्षम है. अस्पताल ने कोड ब्लू का ऐसा सिस्टम बना दिया है कि दो मिनट के भीतर आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली सक्रिय हो जाती है और टीम काम में लग जाती है.

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, हैदराबाद – इस संस्थान ने कोड ब्लू आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया है. इस प्रक्रिया में नर्सिंग अधीक्षक को तत्काल सूचित करना शामिल है, जो फिर सार्वजनिक संबोधन प्रणाली पर कोड ब्लू की घोषणा करता है, जिससे आपातकाल को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए पलक झपकते एक टीम तैयार हो जाती है.

अपोलो अस्पताल, नवी मुंबई – अपोलो अस्पताल कोड ब्लू स्थितियों की गंभीर प्रकृति पर ज़ोर देता है. वहां इसके लिए पूरी तरह सुसज्जित क्रिटिकल केयर यूनिट तैयार रहती है.

कैसे कोड ब्लू सक्रिय होता है
आमतौर पर अस्पताल के भीतर एक विशिष्ट नंबर डायल करके कोड ब्लू सक्रिय किया जाता है (उदाहरण के लिए, सैसून में 7 )

और कौन की कोड स्थितियां
कोड रेड- हास्पिटल में आग या धुएं को दिखाता है.
कोड येलो – अक्सर बम की धमकी या सुरक्षा चेतावनी को संदर्भित करता है.
कोड आरेंज – खतरनाक सामग्री के रिसाव या जोखिम को दिखाने के लिए इस्तेमाल
कोड ग्रीन – आमतौर पर अस्पताल से निकासी को दर्शाता है.
कोड ब्लैक – बम की धमकी या संदिग्ध पैकेज को संदर्भित करता है.
कोड पिंक – लापता शिशु या बच्चे के अपहरण के बारे में कर्मचारियों को सचेत करता है

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

January 22, 2025, 14:29 IST

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