नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में बहस के दौरान चीन से सीमा पर गतिरोध और उसके खत्म होने के मुद्दे पर हर सवाल का जवाब धैर्य के साथ दिया. इसमें उन्होंने साफ कहा कि अटल सुरंग और सेला सुरंग के कारण चीन को लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक झुकना पड़ा. इन दोनों सुरंगों का निर्माण पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में किया गया है. इसके कारण हर मौसम में देश के सीमावर्ती इलाकों में जरूरी पहुंच मिलेगी. इससे बर्फबारी वाले वक्त में सेनाओं को जरूरी रसद और साजो-सामान की सप्लाई सुनिश्चित की जा सकेगी. चीनी सेना के साथ गलवान वैली में हिंसक झड़प के बाद से दोनों सेनाओं में लगातार गतिरोध बना हुआ था. जो हाल में खत्म हुआ.
अटल सुरंग
अटल सुरंग हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के नीचे बनी एक हाइवे सुरंग है. यह दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है, जो 10,000 फीट (3,048 मीटर) से ज्यादा की ऊंचाई पर बनी है. अटल सुरंग पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बनाई गई है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर, 2020 को किया था. यह सुरंग 9.02 किलोमीटर लंबी है. इसकी ऊंचाई 3,060 मीटर है. इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) ने किया है. इस सुरंग के निर्माण में ऑस्ट्रियन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसमें एक साथ दो ट्रैफिक टनल हैं. सुरंग के नीचे एक आपातकालीन सुरंग भी है.
अटल सुरंग में कई सुरक्षा सुविधाएं हैं, जैसे कि टेलीफोन कनेक्शन, अग्नि हाइड्रेंट, सीसीटीवी कैमरे, आपातकालीन निकास, वायु गुणवत्ता निगरानी, प्रसारण प्रणाली वगैरह. इस सुरंग से कीलोंग और मनाली के बीच की दूरी करीब 60 किलोमीटर कम हो गई है. इसे बनाने में 150 इंजीनियरों और एक हजार मजदूरों ने काम किया था.
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सेला सुरंग
सेला सुरंग 3,000 मीटर (9,800 फीट) पर एक सड़क सुरंग है, जो असम में गुवाहाटी और अरुणाचल प्रदेश के तवांग के बीच सभी मौसम में संपर्क सुनिश्चित करती है. यह सुरंग 13,000 फीट पर दुनिया की सबसे लंबी दो-लेन सुरंग है. सेला दर्रे से 400 मीटर नीचे स्थित, सेला सुरंग सर्दियों के मौसम में भी एक महत्वपूर्ण रास्ता प्रदान करती है. सुरंग उन्हें चीन-भारत सीमा पर सैनिकों, हथियारों और मशीनरी को जल्दी से भेजने में मदद करती है. यह NH 13 के साथ एक नई 12.4 किमी सड़क से जुड़ा हुई है और इसने दिरांग और तवांग के बीच की दूरी 10 किमी कम कर दिया है. इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने 9 मार्च 2024 को किया था.
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FIRST PUBLISHED :
December 3, 2024, 18:20 IST