Last Updated:June 30, 2025, 16:30 IST
आजादी के पहले भारत के एक महाराजा ने यूरोप ले जाने के लिए अपनी महारानी को मर्द यानि पुरुष बना दिया. फिर अंग्रेजों को बेवकूफ बनाकर उसे विदेश ले गया.

हाइलाइट्स
महाराजा कपूरथला अंग्रेजों की आंख में धूल झोंककर महारानी को ले गएरानी कनारी को महाराजा ने यूं बना दिया पुरुष, ले गया यूरोपब्रिटिश सरकार को महाराजा की चालाकी का पता नहीं चलाएक भारतीय महाराजा ऐसा भी था, जिसको अंग्रेजों ने जब मना कर दिया कि वो अपनी महारानी को लेकर यूरोप नहीं जा सकता, तो उसने अपनी महारानी को मर्द बना दिया. अंग्रेज जान ही नहीं पाए और वो आराम से महारानी को अपना सहायक बनाकर यूरोप ले गया.
आजादी से पहले भारत के रजवाड़ों, राजाओं और महाराजाओं के किस्से गजब-गजब के थे. वो ऐसे काम कर डालते थे कि कोई भी चकित हो सकता है. ऐसा ही एक काम महाराजा कपूरथला ने किया था. वो अपनी सबसे सुंदर रानी को विदेश एक पुरुष बनाकर ले गए.
जब ये बात लोगों को पता चली तो हर कोई महाराजा की चालाकी पर दंग रहा. वैसे महाराजा अगर ये काम नहीं करते तो रानी को देश से बाहर नहीं ले जा पाते. कई रजवाड़ों में दीवान की भूमिका निभाने वाले जर्मनी दास ने अपनी किताब “महारानी” में इसका रोचक जिक्र किया है.
दरअसल ये ब्रिटिश राज का जमाना था. देश में वायसराय सबसे आला अधिकारी होता था. राजाओं और महाराजाओं को भी उसकी बात माननी होती थी. उस समय वायसराय लार्ड कर्जन थे. उन्होंने देश के राजा-महाराजाओं के विदेश जाने पर पाबंदी लगाई हुई थी. इसके बाद भी राजा बाहर जाया करते थे. उसके लिए उन्हें वायसराय से अनुमति लेनी होती थी.
महाराजा से कहा गया महारानी को विदेश नहीं ले जा सकते
महाराजा कपूरथला जगजीत सिंह अपनी शानोशौकत के लिए जाने जाते थे. जब उन्होंने लार्ड कर्जन से विदेश जाने की इजाजत मांगी तो ये इस शर्त पर मिली कि वो अपने साथ कुछ सहायक लेकर यूरोप जा सकते हैं लेकिन किसी महारानी को साथ ले जाने की अनुमति नहीं है.
कपूरथला के महाराजा जगजीत सिंह, जिनकी छह रानियां थीं
तब महाराजा ने निकाली तरकीब
महाराजा इस आदेश पर बहुत परेशान हुए क्योंकि उन्होंने यूरोप यात्रा में अपनी खूबसूरत रानी कनारी को साथ ले जाने की योजना बनाई हुई थी. महाराजा अब करें तो करें क्या. खैर उन्होंने इसके लिए एक तरकीब निकाली, जो कुछ रिस्की भी थी. उस समय आज की तरह विदेश यात्रा पर जाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती थी.
दीवान जर्मनीदास ने लिखा है कि उस समय कपूरथला की रियासत में उनके पिता दौलतराम दीवान थे. उन्होंने राजा को रानी को मर्दाना वेश में यूरोप ले जाने की युक्ति बताई. पहले तो महाराजा को ये अजीब लगा लेकिन फिर वो तैयार हो गए.
रानी कनारी शिमला के पास रियासत के दीवान की बेटी थीं, वो अपनी खूबसूरती के लिए चर्चित थीं.
रानी को इस तरह बनाया गया मर्द
वजह ये भी थी रानी कनारी ना केवल बहुत खूबसूरत थी बल्कि राजा भी उसे खूब प्यार करता था और उसे यूरोप की सैर कराना चाहता था. रानी को मर्दाना वेश धरने के लिए उनके पुरुषों के अचकन, पायजामा लाए गए. पगड़ी पहनाई गई. नकली दाढ़ी चिपकाकर पूरी तरह पक्का कर लिया गया कि रानी एक सिक्ख नजर आएं.
रानी का पूरा नाम रानी कनारी साहिबा था, वो शिमला के पास जुबल रियासत के दीवान की बेटी थीं और महाराजा जगजीत सिंह की छह रानियों में एक.
किसी को शक नहीं हुआ और महारानी विदेश पहुंच गईं
जिस दिन महाराजा को देश से विदेश जाना था, उस दिन महाराजा और उनके सहायकों के साथ रानी सिक्ख पुरुष का वेश धारण किए हुईं थीं. किसी को कोई शक नहीं हुआ. रानी आराम से विदेश पहुंच गईं. यूरोप प्रवास में रानी अपने वास्तविक वेश में आ गईं.
वहां पहले से ही महाराजा ने होटल बुक किए हुए थे. फ्रांस के शाही खानदानों की दावत में भी वो लोग आमंत्रित होते थे. वहां महाराजा और रानी जाते थे. वहां सभी को ये रहस्य मालूम था कि महाराजा अपनी रानी को किस तरह यूरोप में लेकर आए हैं.
अलबत्ता अगर महाराजा को किसी सार्वजनिक प्रोग्राम में बुलाया जाता था तो रानी पुरुष वेश में ही वहां जातीं. इस तरह महाराजा और रानी ने कई महीने यूरोप में बिताए. हैरानी की बात है कि ब्रिटिश सरकार को इसकी जानकारी भी नहीं हो पाई.
वापसी भी उसी तरह मुंबई में हुई
वापसी में उनका जहाज बंबई में उतरा तो वहां गर्वनर के सैनिक सचिव ने वायसराय की ओर से उनका स्वागत किया. इस स्वागत समारोह में भी पुरुष वेशधारी रानी कनारी को कोई पहचान नहीं पाया. इससे पता लगता है कि तब महाराजा लोग अपनी सनक पूरी करने के लिए किस तरह अंग्रेज शासन की आंखों में धूल झोंका करते थे.
संजय श्रीवास्तवडिप्टी एडीटर
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...
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