Last Updated:January 20, 2025, 07:00 IST
Jammu Kashmir Rajouri 17 mysterious deaths: जम्मू-कश्मीर के इस गांव में बच्चों की मौत की पहली को दिल्ली से पहुंची टीम ने महज कुछ घंटों में सुलझा लिया. इससे पहले उमर अब्दुल्ला एंड कंपनी महीने भर से इस रहस्य को सुलझा नहीं पा रहे थे.
जम्मू-कश्मीर के एक गांव में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. (File Photo)
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 17 बच्चों की मौत का रहस्य खुल गया है. दिल्ली से जांच करने पहुंची स्पेशल टीम ने महज 24 घंटे के भीतर ही राजौरी के सुदूर बधाल गांव में बच्चों की मौत के कारणों का पता लगा लिया है. जांच के दौरान पता चला कि राजौरी जिले के इस बदहाल गांव में बच्चों की मौत का कारण दूषित झरने व बावली के पानी को पीना है. केंद्रीय टीम ने पानी के सेंपल की जांच की तो पता चला कि उसमें भारी मात्रा में कीटनाशक मिले हुए हैं. जिसके बाद झरने व बावली को तुरंत सील कर दिया गया है. डीएम ने झरने को बंद करने का आदेश जारी किया.
जम्मू-कश्मीर सरकार के शक है कि बैन के बावजूद भी लोग गुपचुप तरीके से बावली व झरने से पानी जरूर लेंगे. लिहाजा लोगों के बीच इसे लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. तहसीलदार खवास को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि कोई भी ग्रामीण किसी भी परिस्थिति में झरने के पानी का उपयोग न करे. एसएचओ पुलिस स्टेशन कंडी को प्रतिबंध लागू करने के लिए झरने पर चौबीसों घंटे 2-3 सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने का निर्देश दिया गया है.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिन पहले यानी शनिवार को राजौरी के सुदूर बधाल गांव में तीन परिवारों में कुछ सप्ताह के भीतर हुई 17 मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया था. इस टीम में स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों सहित कई अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों को भी शामिल किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में इलाज करा रहे मोहम्मद असलम के छह बच्चों में से आखिरी यास्मीन कौसर की आज शाम मौत हो गई. कौसर के पांच भाई-बहनों और दादा-दादी की पिछले सप्ताह मौत हो गई थी. गांव में 7 से 12 दिसंबर के बीच दो परिवारों के नौ अन्य सदस्यों की मौत हो गई थी.
यहां एक समारोह से इतर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा था, “जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों ने मौतों की जांच की लेकिन अभी तक सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है. केंद्रीय गृह मंत्री ने इंटर-मिनिस्टीरियल विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है और वे यहां पहुंच गए हैं.”
First Published :
January 20, 2025, 07:00 IST