Last Updated:June 30, 2025, 18:19 IST
OPERATION SINDOOR: अरब सागर में पाकिस्तान पहले सिर्फ़ कुछ नॉटिकल मील दूर तक ही ऑपरेट करता था लेकिन जब ये चीन ने उसकी नौसेना को नए सिरे से आकार देनी शुरू किया वो अब अपनी मांद से बाहर निकल कर हाई सी तक आने लगा. ऑ...और पढ़ें

खदेड़ दिया पाकिस्तान को टोही विमान
हाइलाइट्स
मिग-29K ने पाकिस्तानी टोही विमान को खदेड़ा.INS विक्रांत से मिग-29K ने उड़ान भरी.भारतीय नौसेना ने अरब सागर में तैनाती मजबूत.OPERATION SINDOOR: पहलगाम हमले के बाद भारत ने तीन तरफ से पाकिस्तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. पाकिस्तान को डर था कि इस बार स्ट्राइक नेवी की तरफ से हो सकती है. भारतीय नौसेना ने अपने कैरियर बैटल ग्रुप को फॉर्वर्ड डिप्लॉयमेंट कर दिया था. इस तैनाती ने पाकिस्तानी नेवी को हार्बर में ही रहने को मजबूर कर दिया. पाकिस्तान ने एक बार जरूर हिमाकत की. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट सी ईगल ATR-72 ने अरब सागर में भारतीय नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप और अन्य तैनातियों की जानकारी जुटाने के लिए उड़ान भरी थी. लेकिन भारतीय नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप के रडार से वह बच नहीं सका. फिर क्या था, कॉम्बेट एयर पेट्रोल के लिए मिग-29K को स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत से लॉन्च किया गया. मिग-29K उस इलाके में पहुंचा जहां सी ईगल उड़ान भर रहा था. पाकिस्तानी नेवा के विमान को वार्निंग दी और उसे वापस कराची की तरफ खदेड़ दिया. पाकिस्तान नेवी ने साल 2018-2019 में इसकी खरीद की थी.
नौसेना के रडार से बचना मुश्किल
22 अप्रैल के बाद से भारतीय नौसेना ने अपनी तैनाती को बढ़ाना शुरू कर दिया था. सबसे पहले भारतीय कैरियर बैटल ग्रुप INS विक्रांत को फॉर्वर्ड डिप्लॉयमेंट के लिए भेजा गया. कैरियर बैटल ग्रुप में 8 से 10 वॉरशिप मौजूद होती हैं. नेवी ने वेस्टर्न कोस्ट में INS विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर के अलावा 7 डिस्ट्रॉयर, 7 स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रीगेट तैनात कर दिए. इसके अलावा आधा दर्जन के करीब सबमरीन पानी के भीतर मौजूद थीं. कई फास्ट अटैक क्राफ्ट, मिसाइल बोट भी बड़ी संख्या में तैनात हैं। एक अंदाजा लगाए तो सब मिलाकर तकरीबन 36 के करीब होंगे. सभी वॉरशिप के पास लंबी दूरी तक नजर रखने वाले रडार मौजूद हैं. हर जंगी जहाज, फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं और हर तरह के टार्गेट या खतरे को एंगेज करते हैं. यह सभी एयरक्राफ्ट कैरियर के 30 से 40 नॉटिकल मील के रेडियस पर अलग-अलग तरह से पोजिशन होते हैं. अगर भारतीय नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप की इफेक्टिव रेंज की बात करें तो सामान्य तौर पर 200 से 250 नॉटिकल मील तक के इलाके को ये बैटल ग्रुप सुरक्षित रखने में सक्षम है और जंग के दौरान ये और बढ़ जाती है. कैरियर बैटल ग्रुप से एंटी सबमरीन वॉरफेयर ऑपरेशन, एंटी शिप ऑपरेशन, एयर डिफेंस, सर्विलांस और सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं. इसके अलावा आसमान में उड़ते लंबी दूरी तक सर्विलांस करने वाले P8I एयरक्राफ्ट की नजर से आसमान में, समुद्र या समुद्र के नीचे दुश्मन की कोई हरकत छिप नहीं सकती.
INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रुप की खासियत
INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रुप से एंटी सबमरीन वॉरफेयर ऑपरेशन, एंटी शिप ऑपरेशन, एयर डिफेंस, सर्विलांस और सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं. इस वक्त INS विक्रांत पर मिग-29K ऑपरेट किए जा रहे हैं. इस एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए फ्रांस से 26 राफेल M की डील भी हो चुकी है. हेलिकॉप्टर में अमेरिका से लिए रोमियो हेलिकॉप्टर, चेतक और सीकिंग हेलिकॉप्टर भी मौजूद हैं. दुश्मन के मिसाइल से खुद को बचाने के लिए क्लोज इन वेपन सिस्टम से लैस है. विक्रांत में 32 ट्यूब वाले 2 वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम लगे हैं. यह एक एडवांस्ड मिसाइल फायरिंग सिस्टम है जिसमें इजरायल की कुल 64 बराक-8/ मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल को दागा जा सकता है. इसके अलावा चार ऑटोब्रेडा 76 mm गन और 4 क्लोज इन वेपन सिस्टम से लैस है, जो दुश्मन की मिसाइल को एयरक्राफ्ट पर हिट करने से पहले ही तबाह कर देगा.