ऐसा पहली बार! Mahashivratri मेले पर होगी रिसर्च, जानिए क्यों है ये इतना खास

1 month ago

Agency:Local18

Last Updated:February 24, 2025, 16:37 IST

Mahashivratri 2025: जूनागढ़ के भवनाथ महाशिवरात्रि मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचे. भक्तिमय माहौल में भजन, अन्नक्षेत्र और धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं। पहली बार मेले पर शोध किया जा रहा है. 26 फरवरी को संतों के मृ...और पढ़ें

ऐसा पहली बार! Mahashivratri मेले पर होगी रिसर्च, जानिए क्यों है ये इतना खास

महाशिवरात्रि मेला

आशीष परमार/जूनागढ़: के भवनाथ की तलहटी में महाशिवरात्रि मेला पूरे भक्तिमय माहौल में चल रहा है. 22 फरवरी 2025 से शुरू हुए इस मेले में अब तक तीन लाख से अधिक श्रद्धालु जुट चुके हैं. शिवभक्ति में लीन भक्त मंदिर में दर्शन कर रहे हैं और भजन-कीर्तन में मग्न नजर आ रहे हैं. मेले में लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे यहां का माहौल और भी भक्तिमय हो गया है.

सुबह से रात तक खुले रहते हैं मंदिर के द्वार
मेले के दौरान भवनाथ मंदिर के कपाट सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहते हैं, ताकि भक्त किसी भी समय भगवान शिव के दर्शन कर सकें. लाखों लोग यहां पवित्र स्नान करने के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद ले रहे हैं. शनिवार और रविवार को तो शहरी क्षेत्र से भी भारी संख्या में लोग मेले में पहुंचे और देर रात तक भक्ति में लीन रहे.

पहली बार होगा मेले पर शोध
इस बार महाशिवरात्रि मेले में एक खास पहल देखने को मिल रही है. जिला प्रशासन ने पहली बार युवा शोधकर्ताओं के साथ मिलकर मेले पर शोध करने की योजना बनाई है. इसमें सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी कर रहे 15 छात्र और भक्त कवि नरसिंह मेहता विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के 10 छात्र मेले में सर्वेक्षण करेंगे. ये युवा शोधकर्ता श्रद्धालुओं से बातचीत कर सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक प्रभावों का अध्ययन करेंगे.

धार्मिक आयोजन और अन्नक्षेत्र की व्यवस्था
भक्तों के लिए भवनाथ में 50 से 100 मीटर की दूरी पर अन्नक्षेत्र की व्यवस्था की गई है, जहां हर किसी को प्रसाद ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. हरिहर की भक्ति की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है और गांव-गांव, शहर-शहर से लोग यहां जुट रहे हैं.

26 फरवरी की मध्यरात्रि में मृगीकुंड में होगा संतों का स्नान
महाशिवरात्रि मेला 26 फरवरी 2025 की मध्यरात्रि को संतों के पवित्र स्नान के साथ संपन्न होगा. यह स्नान मृगीकुंड में किया जाएगा, जिसे महाशिवरात्रि मेले की अंतिम और सबसे पावन रस्म माना जाता है. अगले दो दिनों में यहां लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है.

First Published :

February 24, 2025, 16:37 IST

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