Last Updated:June 30, 2025, 14:46 IST
Defence Surveillance Satellites: ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने 52 मिलिट्री सर्विलॉन्स सैटेलाइट को स्पेस में भेजने का फैसला किया है. इनके जरिये दुश्मन की हर हरकत पर पैनी निगाह रखी जाएगी. जिससे जंग में बहुत मदद म...और पढ़ें

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत 52 रक्षा निगरानी उपग्रहों के प्रक्षेपण में तेजी लाएगा.(Image:PTI)
नई दिल्ली. अब वक्त सिर्फ जमीनी जंग का नहीं रह गया है. आने वाला समय अंतरिक्ष में भी भारत की ताकत दिखाने वाला है. भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान यह साफ कर दिया कि अब दुश्मन की हर हरकत पर निगाह रखना बेहद जरूरी है. इसी वजह से अब भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार की योजना है कि आने वाले कुछ सालों में 52 खास सैन्य सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे. इसके जरिये देश के एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 और आकाशतीर को भी और ज्यादा पैना बनाने में मदद मिलेगी. क्योंकि इससे इनको सीधे कम्युनिकेशन करने में आसानी होगी. ऑपरेशन सिंदूर में इस तरह की सेटेलाइट्स की खास भूमिका सरकार को साफ समझ में आ गई.
21 सैटेलाइट इसरो बनाएगा
इनमें से 21 सेटेलाइट इसरो बनाएगा और बाकी 31 तीन प्राइवेट कंपनियां तैयार करेंगी. इसकी मंजूरी पिछले साल अक्टूबर में मिल चुकी है. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत है करीब 26,968 करोड़ रुपये. सबसे पहले सैटेलाइट अप्रैल 2026 तक लॉन्च किया जाएगा. बाकी सभी 52 सैटेलाइट्स को 2029 के अंत से पहले अंतरिक्ष में पहुंचा दिया जाएगा. ये सभी सैटेलाइट धरती की निचली कक्षा और भूस्थिर कक्षा में लगाए जाएंगे, ताकि दुश्मन के इलाकों पर 24 घंटे कड़ी नजर रखी जा सके.
मकसद सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं
इस मिशन का मकसद सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, चीन और हिंद महासागर क्षेत्र में भी निगरानी बढ़ाना है. खास बात यह है कि अब भारतीय वायुसेना तीन खास हवाई प्लेटफॉर्म भी तैयार कर रही है. इन्हें ‘छद्म-उपग्रह’ कहा जाता है. ये बिना पायलट के विमान होंगे, जो बहुत ऊंचाई पर लगातार निगरानी कर सकते हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने घरेलू कार्टोसैट सेटेलाइट और विदेशी कमर्शियल सेटेलाइटों की मदद से पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखी थी. इस अनुभव से एक बात साफ हुई कि हमें निगरानी में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए.
सैटेलाइट बनाने का काम और तेज
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सैटेलाइट बनाने का काम और तेज करें. सरकार चाहती है कि ये सभी सैटेलाइट तय समय से पहले लॉन्च हो जाएं. भारत के लिए यह मिशन सिर्फ टेक्नोलॉजी की बात नहीं है, यह हमारी सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और तेज कार्रवाई की क्षमता का प्रतीक है. आने वाला समय अंतरिक्ष से निगरानी और सटीक कार्रवाई का होगा और भारत इसके लिए पूरी तरह तैयार है.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...
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New Delhi,Delhi