कंधार हाईजैक के बदले छोड़े गए थे 3 आतंकवादी, जानें कहां हैं अब और क्या कर रहे

1 week ago

IC 814 The Kandahar Hijack: इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या आई- 814 को हाईजैक किए जाने की घटना एक बार फिर चर्चा में है. हाल ही में नेटफ्लिक्स पर आई वेबसीरीज ‘आईसी-814’ ने साल 1999 में भारतीय प्लेन हाईजैक को विवादों में ला दिया है. उस समय आठ दिनों तक देश की सांसें थमी रही थीं. फ्लाइट आईसी-814 एक एयरबस 300 विमान था. जिसे 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरनी थी. लेकिन शाम 4:53 बजे फ्लाइट आईसी-814 को हाईजैक कर लिया गया. इस विमान में क्रू मेंबरों सहित 191 यात्री सवार थे.

अपहरणकर्ताओं ने विमान को लाहौर ले जाने के लिए कहा. हालांकि, लाहौर में लैंड करने की अनुमति नहीं मिलने की वजह से शाम सात बजे विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा. अमृतसर हवाई अड्डे पर अपहरणकर्ताओं ने विमान में ईंधन भरने की मांग की. लेकिन वहां विमान को बिना ईंधन भरे अमृतसर से उड़ान भरने के लिए मजबूर किया गया. अमृतसर से उड़ान भरने के बाद विमान ने एक बार फिर लाहौर का रुख किया. रात को किसी तरह विमान पाकिस्तान के लाहौर में उतरा. लाहौर में विमान में ईंधन भरा गया. रात को 10:32 बजे विमान ने काबुल के लिए उड़ान भरी. काबुल से यह सूचना दी गई कि वहां रात में उतरने की कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में विमान दुबई स्थित वायुसेना अड्डे पर उतरने के लिए रवाना हो गया. 25 दिसंबर को रात 1:32 बजे यह वायुसेना अड्डे पर उतरा. 

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छोड़े गए 3 आतंकवादी
यूएई अधिकारियों और अपहरणकर्ताओं के बीच बातचीत के बाद 27 यात्रियों की रिहाई सुनिश्चित की गई. इन यात्रियों में  महिलाएं और बच्चे शामिल थे. रूपिन कत्याल नाम के एक यात्री का शव भी यहां उतारा गया. अपहरणकर्ताओं ने रूपिन को चाकू मार दिया था जिनकी बाद में मौत हो गई थी. 25 दिसंबर, 1999 को सुबह 6:20 बजे विमान ने दुबई से उड़ान भरी और 8:33 बजे अफगानिस्तान के कंधार हवाई अड्डे पर उतरा. कई दौर की बातचीत के बाद अंत में सभी बंधकों की रिहाई के लिए एक डील तय की गई. सभी हाईजैकर पाकिस्तानी थे, इनके नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, मिस्त्री जहूर इब्राहिम और शाकिर थे. 

भारत सरकार तीन आतंकवादियों मसूद अजहर, मुश्ताक जरगर और उमर शेख को रिहा करने को तैयार हो गई. इन सब विवादों के दौरान लोगों की दिलचस्पी इस बात में जरूर होगी कि जो तीन आतंकवादी छोड़े गए थे वे क्या करते रहे और अब कहां हैं?

मसूद अजहर

मसूद अजहर

मसूद अजहर
कंधार हाईजैक के बदले छोड़े गए मसूद अजहर ने रिहा होने के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को नए सिरे संगठित किया. अजहर मसूद ने जैश-ए-मोहम्मद के जरिये भारत को कई जख्म दिए. जैश-ए-मोहम्मद ने ही 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हमला किया था. इसके अलावा 2008 में मुंबई का आतंकवादी हमला और जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले में मसूद अजहर का नाम आया था. फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में भी मसूद अजहर ही मास्टर माइंड था. इस हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे. मसूद अजहर अब भी पाकिस्तान में सक्रिय है. हालांकि 2019 के बाद से उसे किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं देखा गया है. वह भारत में मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है.

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मुश्ताक जरगर

मुश्ताक जरगर

मुश्ताक जरगर
मुश्ताक जरगर कश्मीरी कमांडर है. मुश्ताक के जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क बताए जाते हैं. वह घाटी के युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काता और बहकाता है. फिर उन्हें आतंकी संगठनों में भर्ती कर लेता है. उसकी श्रीनगर में संपत्ति थी, जो कुर्क हो चुकी है. मुश्ताक जरगर 2019 में कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकवादी हमले का संदिग्ध है. पुलवामा की तरह इस हमले में भी सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे. मुश्ताक जरगर लगातार भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए साजिशें अंजाम देता रहा है. माना जाता है कि 2017 में कश्मीर में हुए ग्रेनेड अटैक की साजिश भी मुश्ताक जरगर ने ही रची थी. माना जाता है कि मुश्ताक अब भी कश्मीर में सक्रिय है.

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उमर शेख

उमर शेख

उमर शेख
भारत सरकार ने जिस तीसरे आतंकवादी को छोड़ा था, उसका नाम उमर शेख था. रिहा होने के बाद उमर शेख ने ही 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या की थी. उमर शेख ने डेनियल पर्ल की हत्या गला रेतकर की थी. सिर्फ यही नहीं उमर शेख ने इस घटना का वीडियो जारी कर दुनिया भर में सनसनी फैलाई थी. इसके बाद उमर शेख और कुख्यात हुआ. पाकिस्तान की अदालत ने इस जुर्म में उसे मौत की सजा सुनाई. लेकिन बाद में उसे महज अपहरण का दोषी माना और रिहा कर दिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सईद शेख भी पाकिस्तान में ही है.

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FIRST PUBLISHED :

September 6, 2024, 16:47 IST

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